वाशिंगटन,14 जुलाई (युआईटीवी)- अमेरिका में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर जुलाई 2024 में हुए जानलेवा हमले को लेकर अब अमेरिकी सीनेट की जाँच रिपोर्ट सामने आ चुकी है। इस रिपोर्ट ने यू.एस. सीक्रेट सर्विस (यूएसएसएस) की तैयारियों,समन्वय और संचालन में गंभीर चूक और विफलताओं को उजागर कर दिया है। रिपोर्ट को अमेरिकी सीनेटर रैंड पॉल ने सार्वजनिक किया,जो होमलैंड सिक्योरिटी एंड गवर्नमेंटल अफेयर्स कमेटी (एचएसजीएसी) के अध्यक्ष हैं।
यह हमला पिछले साल 13 जुलाई को पेंसिल्वेनिया के बटलर शहर में ट्रंप की एक चुनावी रैली के दौरान हुआ था,जिसमें ट्रंप समेत चार लोग घायल हो गए थे और एक व्यक्ति,दमकलकर्मी कोरी कॉम्पेरेटोरे की मौत हो गई थी। यह हमला अमेरिकी लोकतंत्र की प्रक्रिया पर एक करारा हमला माना गया और सुरक्षा तंत्र की बड़ी असफलता के रूप में सामने आया।
रिपोर्ट के अनुसार,13 जुलाई 2024 को ट्रंप की चुनावी रैली के नजदीक स्थित ‘अमेरिकन ग्लास रिसर्च बिल्डिंग’ की छत पर एक संदिग्ध बंदूकधारी चढ़ गया था। वहाँ से उसने फायरिंग शुरू की। इस हमले में डोनाल्ड ट्रंप घायल हुए,जबकि एक दमकलकर्मी की जान चली गई।
चौंकाने वाली बात यह रही कि हमले से 25 मिनट पहले ही सीक्रेट सर्विस को संदिग्ध की जानकारी दे दी गई थी,जिसमें यह भी बताया गया था कि उसके पास रेंजफाइंडर जैसे उपकरण हैं,जो कि लंबी दूरी से सटीक निशाना साधने में मदद करता है। इसके बावजूद,सुरक्षा एजेंसियों ने उचित कार्रवाई नहीं की।
सीनेट कमेटी और स्थायी जाँच उपसमिति (पीएसआई) की संयुक्त द्विपक्षीय जाँच ने कई चौंकाने वाले बिंदु सामने रखे,जिसमें यूएसएसएस की विफलता,प्रोटोकॉल की कमी और उदासीनता इत्यादि शामिल है।
यूएसएसएस की विफलता:
रिपोर्ट के मुताबिक,अमेरिकी सीक्रेट सर्विस को हमले की जानकारी समय से मिल चुकी थी,लेकिन उसने न तो खुफिया इनपुट पर त्वरित प्रतिक्रिया दी और न ही स्थानीय पुलिस के साथ समन्वय किया।
प्रोटोकॉल की कमी और उदासीनता:
सीनेटर रैंड पॉल ने कहा कि यह केवल एक त्रासदी नहीं थी,बल्कि एक स्कैंडल (घोटाला) था। उन्होंने कहा,“सीक्रेट सर्विस के पास जानकारी थी,लेकिन उन्होंने उसे नजरअंदाज कर दिया। उन्होंने स्थानीय एजेंसियों के साथ सही तालमेल नहीं किया। यह पूरी सुरक्षा प्रणाली की विफलता थी,जिसे नौकरशाही की उदासीनता और कार्रवाई की अनिच्छा ने और भी खराब बना दिया।”
रैंड पॉल ने साफ कहा कि इतनी गंभीर विफलताओं के बावजूद किसी को नौकरी से नहीं निकाला गया और कोई सख्त सजा नहीं दी गई। “अगर मैंने समन जारी नहीं किया होता,तो शायद कुछ भी नहीं होता। यह पूरी तरह अस्वीकार्य है।”
सबसे गंभीर बात यह सामने आई कि डोनाल्ड ट्रंप डिवीजन (डीटीडी) ने चुनाव अभियान के दौरान कम से कम 10 बार अतिरिक्त संसाधनों की माँग की थी,लेकिन सीक्रेट सर्विस हेडक्वार्टर ने इन अनुरोधों को या तो अस्वीकार कर दिया या अनदेखा कर दिया।
इन अनुरोधों में एडवांस काउंटर-अनमैन्ड एरियल सिस्टम (सी-यूएएस) एसेट्स,काउंटर असॉल्ट टीम (कैट) स्टाफ,काउंटर स्नाइपर यूनिट्स शामिल थे। इनमें से कोई भी अनुरोध पूरी तरह से पूरा नहीं किया गया। रिपोर्ट के अनुसार,यह दर्शाता है कि सीक्रेट सर्विस ने ट्रंप की संभावित सुरक्षा जरूरतों को गंभीरता से नहीं लिया।
रिपोर्ट में जोर देकर कहा गया है कि यह हमला सिर्फ एक व्यक्ति की लापरवाही का नतीजा नहीं था,बल्कि यह एक के बाद एक कई विफलताओं का परिणाम था,जिन्हें टाला जा सकता था। जाँच रिपोर्ट में लिखा गया, “यह सुरक्षा में केवल एक चूक नहीं थी,बल्कि एक समग्र और प्रणालीगत विफलता थी। एक ऐसी व्यवस्था की विफलता जो उच्चस्तरीय खतरों की चेतावनी को गंभीरता से लेने में असफल रही।”
सीनेटर रैंड पॉल ने इस मामले में सुधार की माँग की है। उन्होंने कहा, “हमें लोगों को जवाबदेह ठहराना होगा। यह सुनिश्चित करना होगा कि ऐसे सुरक्षा प्रोटोकॉल लागू हों, जो भविष्य में किसी भी संभावित खतरे को भांप सकें और उस पर तत्काल कार्रवाई कर सकें।”
उन्होंने संकेत दिए कि आगे संवैधानिक संसोधन,बजट प्रतिबंधों और जवाबदेही की प्रक्रियाएँ भी लागू की जा सकती हैं,ताकि भविष्य में इस प्रकार की लापरवाही न हो।
सीनेट की यह रिपोर्ट अमेरिका की सबसे प्रतिष्ठित सुरक्षा एजेंसी,सीक्रेट सर्विस की कार्यप्रणाली पर एक गंभीर सवालिया निशान खड़ा करती है। अब देखना यह है कि अमेरिकी सरकार इस रिपोर्ट पर कैसे प्रतिक्रिया देती है और क्या वाकई सुरक्षा तंत्र में ठोस सुधार किए जाते हैं या यह रिपोर्ट भी अन्य सरकारी रिपोर्टों की तरह केवल एक दस्तावेज बनकर रह जाती है।