नई दिल्ली,30 जून (युआईटीवी)- भारतीय बैडमिंटन को एक बार फिर से वैश्विक मंच पर गौरव हासिल हुआ है। भारत के युवा शटलर आयुष शेट्टी ने अमेरिका के फुलर्टन शहर में आयोजित यूएस ओपन सुपर 300 टूर्नामेंट के पुरुष एकल फाइनल में कनाडा के ब्रायन यांग को सीधे सेटों में हराकर न केवल खिताब जीता,बल्कि बीडब्ल्यूएफ वर्ल्ड टूर में अपना पहला खिताब भी हासिल किया। आयुष की इस जीत ने न केवल उनके व्यक्तिगत करियर को नई ऊँचाइयों पर पहुँचाया है,बल्कि 2025 सीज़न में भारत का पहला बड़ा खिताबी जीत भी सुनिश्चित किया है।
20 वर्षीय आयुष शेट्टी ने ब्रायन यांग को 47 मिनट में 21-18, 21-13 से पराजित किया। यह मुकाबला न केवल स्किल का था,बल्कि धैर्य,मानसिक मजबूती और रणनीतिक समझ का भी बेहतरीन उदाहरण बना। यह भी खास है कि आयुष की ब्रायन यांग पर यह तीसरी जीत रही है। इससे पहले वह मलयेशिया ओपन और ताइपे ओपन में भी यांग को हरा चुके हैं।
टूर्नामेंट के दौरान आयुष का प्रदर्शन लगातार प्रभावशाली रहा। उन्होंने सेमीफाइनल में शीर्ष वरीयता प्राप्त चाउ टिएन चेन के खिलाफ पिछड़ने के बावजूद शानदार वापसी कर जीत हासिल की थी,जिससे यह स्पष्ट हो गया था कि वे इस बार खिताब जीतने के प्रबल दावेदार हैं।
फाइनल मुकाबले की शुरुआत में दोनों खिलाड़ियों के बीच कड़ा संघर्ष देखा गया। स्कोर 6-6 की बराबरी पर था,लेकिन इसके बाद आयुष ने शानदार विनर्स लगाकर तेजी से बढ़त बनानी शुरू कर दी। उन्होंने पहला ब्रेक 11-6 की बढ़त के साथ हासिल किया। यांग ने फिर वापसी की कोशिश की और स्कोर 16-16 पर लाकर बराबरी की। हालाँकि,निर्णायक मौकों पर आयुष ने खुद को संयमित रखा और शानदार जंप स्मैश के जरिए पहला गेम 21-18 से अपने नाम किया।
दूसरे गेम में भारतीय खिलाड़ी का आत्मविश्वास और अधिक बढ़ा हुआ दिखा। उन्होंने शुरुआत में ही 7-2 की बढ़त बना ली। यांग ने कुछ देर बाद स्कोर बराबर कर दिया, लेकिन आयुष ने आक्रामक और रक्षात्मक दोनों शैलियों का बेहतरीन संयोजन दिखाते हुए मैच पर फिर नियंत्रण पा लिया। 17-12 की बढ़त के बाद उन्होंने एक क्रॉस-कोर्ट पंच और फिर एक दमदार स्मैश के साथ दूसरा गेम 21-13 से जीतकर यूएस ओपन सुपर 300 का खिताब अपने नाम कर लिया।
आयुष शेट्टी 2023 की जूनियर विश्व चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीत चुके हैं। इसके अलावा उन्होंने 2023 बहरीन इंटरनेशनल, 2024 डच ओपन और 2023 ओडिशा मास्टर्स सुपर 100 जैसे प्रतिष्ठित टूर्नामेंटों में फाइनल तक का सफर तय किया है। हालाँकि,खिताबी जीत अब जाकर यूएस ओपन में आई,जिससे उनके करियर को एक ठोस और प्रेरणादायक दिशा मिली है।
इस टूर्नामेंट में भारतीय महिला एकल खिलाड़ी तन्वी शर्मा ने भी शानदार प्रदर्शन किया। 16 वर्षीय तन्वी अपने पहले वर्ल्ड टूर फाइनल में पहुँची और उन्होंने अमेरिका की शीर्ष वरीय बेवेन झांग के खिलाफ तीन गेम तक चले मुकाबले में जमकर संघर्ष किया। हालाँकि,उन्हें 11-21,21-16,10-21 से हार का सामना करना पड़ा,लेकिन उन्होंने अपने खेल से सबको प्रभावित किया।
मुकाबले की शुरुआत में तन्वी दबाव में दिखीं और झांग ने 11-5 की बढ़त बना ली थी। तन्वी पहले गेम में लय में नहीं आ पाईं और झांग ने गेम 21-11 से जीत लिया। लेकिन दूसरे गेम में तन्वी ने शानदार वापसी की। उन्होंने 4-0 की बढ़त ली और बीच में स्कोर 11-9 तक बनाए रखा। झांग की गलतियों का फायदा उठाकर तन्वी ने यह गेम 21-16 से अपने नाम किया।
निर्णायक तीसरे गेम में झांग ने फिर अपना अनुभव दिखाया और मिड ब्रेक तक 11-4 की बड़ी बढ़त ले ली। तन्वी ने पूरी कोशिश की लेकिन झांग ने बढ़त बनाए रखी और तीसरा गेम 21-10 से जीतकर खिताब अपने नाम किया। हालाँकि,इस प्रदर्शन से यह स्पष्ट हो गया कि तन्वी में भविष्य की स्टार बनने की पूरी संभावना है।
आयुष शेट्टी की ऐतिहासिक जीत और तन्वी शर्मा के प्रभावशाली प्रदर्शन ने एक बार फिर से दिखा दिया है कि भारत की युवा पीढ़ी विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने के लिए पूरी तरह तैयार है। इस खिताब के साथ भारत को 2025 सीज़न में पहला बड़ा टूर्नामेंट जीतने का मौका मिला है,जिससे देश के अन्य खिलाड़ियों को भी प्रोत्साहन मिलेगा।
इस उपलब्धि के साथ ही भारत ने न केवल अपना खिताबी सूखा खत्म किया,बल्कि यह भी दिखाया कि भारत के पास प्रतिभा की कमी नहीं है,जरूरत है तो बस उन्हें सही मार्गदर्शन और मंच देने की।
यूएस ओपन सुपर 300 में आयुष शेट्टी की जीत और तन्वी शर्मा की उपविजेता बनने की उपलब्धि भारतीय बैडमिंटन के लिए एक नई ऊर्जा,नया आत्मविश्वास और नई प्रेरणा लेकर आई है। आने वाले वर्षों में ये दोनों खिलाड़ी देश का नाम और ऊँचा कर सकते हैं। अगर इन युवा प्रतिभाओं को निरंतर समर्थन और प्रशिक्षण मिलता रहा,तो भारत बैडमिंटन की दुनिया में अग्रणी राष्ट्रों में शामिल हो सकता है।