लंदन,20 मई (युआईटीवी)- ब्रिटेन और यूरोपीय संघ (ईयू) ने एक ऐतिहासिक और व्यापक समझौते की घोषणा की है,जिसने ब्रेक्सिट के बाद की तल्खियों और वर्षों की राजनीतिक खींचतान को पीछे छोड़ते हुए एक नई शुरुआत का संकेत दिया है। इस समझौते से ब्रिटिश अर्थव्यवस्था को 2040 तक लगभग 9 बिलियन पाउंड (करीब 12.02 बिलियन डॉलर) के लाभ की उम्मीद है,जो इसे दोनों पक्षों के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि बनाता है।
यह समझौता उस समय सामने आया है,जब यूके-ईयू के बीच लंदन में पहली बार शिखर बैठक आयोजित की गई। ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर की मेज़बानी में आयोजित इस ऐतिहासिक बैठक में यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन और यूरोपीय परिषद के अध्यक्ष एंटोनियो कोस्टा ने भाग लिया। इस शिखर सम्मेलन को दोनों पक्षों ने “आपसी संबंधों में एक नया अध्याय” बताया।
इस नए समझौते में कई महत्वपूर्ण पहलुओं को शामिल किया गया है,जो यूके और ईयू दोनों के लिए दीर्घकालिक लाभ सुनिश्चित करते हैं। इस समझौते का सबसे प्रमुख आकर्षण “युवा गतिशीलता योजना” है। यह एक सीमित और समयबद्ध योजना होगी, जो ब्रिटेन और यूरोपीय संघ के युवाओं को एक-दूसरे के देश में पढ़ाई,काम या अनुभव हासिल करने के अवसर प्रदान करेगी। यह योजना ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड के साथ यूके के मौजूदा मॉडल पर आधारित है।
योजना का उद्देश्य ब्रिटिश और यूरोपीय युवाओं के बीच शैक्षणिक,सामाजिक और सांस्कृतिक संबंधों को फिर से मजबूत करना है। उर्सुला वॉन डेर लेयेन ने इस पहल को “भविष्य की पीढ़ियों के लिए अवसरों का पुल” बताया।
ब्रिटेन और यूरोपीय संघ ने यह भी निर्णय लिया है कि वे इरास्मस प्रोग्राम में ब्रिटेन की भागीदारी को पुनर्स्थापित करने की दिशा में काम करेंगे। यह वह प्रोग्राम है जिससे यूके ने 2021-2027 के मौजूदा चक्र के दौरान खुद को अलग कर लिया था। अब इस पहल से हजारों छात्र एक बार फिर यूरोप में उच्च शिक्षा और सांस्कृतिक आदान-प्रदान का लाभ उठा सकेंगे।
व्यापार को सुगम बनाने के लिए इस समझौते में एसपीएस डील भी शामिल की गई है। इस डील का उद्देश्य है खाद्य और कृषि उत्पादों के व्यापार में बाधाओं को कम करना। अब पशु और पौधों के उत्पादों पर नियमित जाँचों को सरल किया जाएगा,जिससे लालफीताशाही घटेगी और लागत में कटौती होगी।
यह कदम विशेष रूप से ब्रिटेन और उत्तरी आयरलैंड के बीच माल की आवाजाही को बेहतर बनाने में मदद करेगा और विंडसर फ्रेमवर्क के तहत इसे व्यवस्थित करेगा।
ब्रेक्सिट के बाद ब्रिटेन और यूरोपीय संघ के संबंधों में कई वर्षों तक तनाव बना रहा। व्यापार,वीजा,नागरिक अधिकारों और सीमा संबंधी मुद्दों पर दोनों पक्षों में खिंचाव था,लेकिन इस नई डील ने दोनों पक्षों के बीच विश्वास बहाल करने की दिशा में एक ठोस कदम उठाया है।
ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर ने इस समझौते को ब्रिटेन के लिए बेहद फायदेमंद बताया। उन्होंने कहा कि इससे निर्यातकों को राहत मिलेगी,सुपरमार्केट में खाद्य पदार्थों की कीमतें कम होंगी और देश के हर कोने में काम करने वाले आम लोगों को प्रत्यक्ष लाभ मिलेगा।
डाउनिंग स्ट्रीट के अनुसार,इस समझौते से ब्रिटिश अर्थव्यवस्था को 2040 तक करीब 9 बिलियन पाउंड का प्रत्यक्ष लाभ होगा। इसका मुख्य कारण होगा व्यापार की बाधाओं का हटना,युवाओं के लिए अवसरों का सृजन और महँगाई में कुछ हद तक कमी।
राजनीतिक दृष्टि से देखा जाए,तो यह समझौता कीर स्टार्मर के नेतृत्व की कूटनीतिक सफलता के रूप में देखा जा रहा है। उन्होंने यूरोपीय संघ के साथ संबंधों को सामान्य बनाने की दिशा में एक संतुलित,व्यावहारिक और सकारात्मक रुख अपनाया है।
ब्रिटेन और यूरोपीय संघ के बीच यह नया समझौता केवल एक व्यापारिक या शैक्षणिक सौदा नहीं है,बल्कि यह भविष्य की साझेदारी की नींव है। युवाओं के लिए अवसर,व्यापार के लिए खुलापन और संबंधों में फिर से गर्माहट ये सभी संकेत करते हैं कि यूके और ईयू एक बार फिर आपसी सहयोग के युग में प्रवेश कर रहे हैं।
इस डील से न सिर्फ दोनों पक्षों को आर्थिक लाभ मिलेगा,बल्कि इससे वैश्विक मंच पर भी यह संदेश जाएगा कि पुराने मतभेदों को पीछे छोड़कर सहयोग,समझदारी और दूरदर्शिता के साथ नए भविष्य की ओर बढ़ा जा सकता है।