नई दिल्ली,1 जुलाई (युआईटीवी)- भारतीय क्रिकेट के सबसे सफल और लोकप्रिय कप्तानों में से एक,महेंद्र सिंह धोनी, एक बार फिर चर्चा में हैं। इस बार वजह है उनका मशहूर उपनाम ‘कैप्टन कूल’,जिसे उन्होंने अब आधिकारिक तौर पर ट्रेडमार्क कराने के लिए आवेदन किया है। धोनी अपने शांत स्वभाव,दबाव में सूझबूझ भरे फैसलों और मैदान पर संयम के लिए दुनियाभर में पहचाने जाते हैं। ‘कैप्टन कूल’ अब केवल प्रशंसकों का प्यार भरा संबोधन नहीं,बल्कि एक कानूनी पहचान बनने जा रहा है।
ट्रेडमार्क्स रजिस्ट्री पोर्टल पर दर्ज जानकारी के अनुसार,महेंद्र सिंह धोनी ने ‘कैप्टन कूल’ के लिए 5 जून 2025 को ट्रेडमार्क आवेदन दायर किया था। यह आवेदन खेल प्रशिक्षण,खेल प्रशिक्षण सुविधाएँ,खेल कोचिंग और सेवाएँ प्रदान करने की श्रेणी के तहत दाखिल किया गया है।
इस आवेदन की स्थिति अब “स्वीकृत और विज्ञापित” हो गई है, जिसका मतलब है कि इसे प्राथमिक स्तर पर मंजूरी मिल चुकी है और इसे 16 जून को आधिकारिक ट्रेडमार्क जर्नल में प्रकाशित भी किया गया है। अब अगर किसी तीसरे पक्ष को इस ट्रेडमार्क से आपत्ति नहीं है,तो जल्द ही यह धोनी की कानूनी मिल्कियत बन जाएगा।
महेंद्र सिंह धोनी को यह उपनाम उनके असाधारण आत्म-नियंत्रण और दबाव में भी शांत चित्त रहने की कला के लिए मिला है। चाहे 2007 का टी20 विश्व कप हो, 2011 का वानडे वर्ल्ड कप फाइनल या फिर आईपीएल के रोमांचक मुकाबले धोनी कभी घबराते नहीं दिखे। उन्होंने एक कप्तान के रूप में भारतीय क्रिकेट को वह स्थिरता और विश्वास दिया,जिसकी उस समय टीम को सख्त जरूरत थी।
‘कैप्टन कूल’ केवल एक टैगलाइन नहीं,बल्कि धोनी की कप्तानी शैली और व्यक्तिगत व्यक्तित्व का प्रतीक बन चुका है। इस नाम को ट्रेडमार्क कराना यह दर्शाता है कि धोनी अब अपने ब्रांड वैल्यू को और अधिक सशक्त रूप से पेश करने की योजना में हैं।
महेंद्र सिंह धोनी ने 2004 में बांग्लादेश के खिलाफ अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में डेब्यू किया था। उनके करियर की सबसे बड़ी पहचान तीन आईसीसी खिताबों की कप्तानी है,जिसमें 2007 – टी20 वर्ल्ड कप (पहला संस्करण),2011 – वनडे वर्ल्ड कप (भारत की सरज़मीं पर ऐतिहासिक जीत) और 2013 – चैंपियंस ट्रॉफी (इंग्लैंड में जीत) शामिल है।
धोनी भारत के इकलौते कप्तान हैं,जिनकी अगुवाई में टीम ने ये तीनों प्रमुख आईसीसी टूर्नामेंट जीते।
इसके अतिरिक्त,भारत ने उनके नेतृत्व में 2010 और 2016 के एशिया कप खिताब भी अपने नाम किए। उनके नेतृत्व में भारतीय टीम ने विदेशी दौरों पर भी बेहतरीन प्रदर्शन किया और टेस्ट रैंकिंग में भारत को नंबर 1 तक पहुँचाया।
अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट से 15 अगस्त 2020 को संन्यास लेने के बाद भी धोनी की क्रिकेट यात्रा इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के जरिए जारी रही है। वे चेन्नई सुपर किंग्स (सीएसके) के सबसे सफल कप्तान हैं और उन्होंने टीम को 5 बार आईपीएल खिताब (2010, 2011, 2018, 2021, 2023) और 2 बार चैंपियंस लीग टी 20 खिताब (2010, 2014) दिलाया है। सीएसके और धोनी का रिश्ता भावनात्मक और व्यावसायिक दोनों रूपों में गहराई से जुड़ा हुआ है।
2025 में आईपीएल के एक संस्करण में जब ऋतुराज गायकवाड़ अनुपस्थित रहे,तो धोनी ने एक बार फिर कप्तानी की जिम्मेदारी संभाली और साबित किया कि उनमें अब भी लीडरशिप क्वालिटी की कोई कमी नहीं है।
धोनी न केवल क्रिकेटर हैं,बल्कि एक बिजनेस ब्रांड भी हैं। उन्होंने सेवेन स्पोर्ट्सवियर, माही रेसिंग टीम,खेल और फिटनेस स्टार्टअप्स में निवेश जैसे कई व्यावसायिक उद्यमों में खुद को सक्रिय रखा है। ‘कैप्टन कूल’ को ट्रेडमार्क कराना इस दिशा में एक और रणनीतिक कदम है।
यह ट्रेडमार्क उन्हें आगे कोचिंग एकेडमियों,खेल आधारित ऐप्स या कोर्सेस,ब्रांडेड प्रोडक्ट्स (जैसे परफ्यूम, टी-शर्ट, जूते),डिजिटल प्लेटफॉर्म्स और वेब सीरीज़ जैसे कई क्षेत्रों में खुद को व्यवस्थित रूप से मार्केट करने का अवसर देगा।
महेंद्र सिंह धोनी ने क्रिकेट के मैदान में जो परचम लहराया है,अब वह अपने ब्रांड की कानूनी सुरक्षा में भी उतनी ही समझदारी दिखा रहे हैं। ‘कैप्टन कूल’ का ट्रेडमार्क उनकी उस छवि को स्थायीत्व देता है जिसे उन्होंने दो दशकों में मेहनत से गढ़ा है।
धोनी के प्रशंसकों के लिए यह न केवल गर्व का क्षण है,बल्कि यह संकेत भी है कि ‘कैप्टन कूल’ अब केवल बीते समय की कहानी नहीं,बल्कि एक सशक्त और संरक्षित ब्रांड के रूप में आने वाले समय में भी उपस्थित रहेगा।