चिली के राष्ट्रपति गेब्रियल बोरिक फॉन्ट ने विदेश मंत्री जयशंकर से की मुलाकात (तस्वीर क्रेडिट@DDBanglaNews)

चिली के राष्ट्रपति गेब्रियल बोरिक फॉन्ट पाँच दिवसीय भारत यात्रा पहुँचे,विदेश मंत्री जयशंकर से मुलाकात की

नई दिल्ली,1 अप्रैल (युआईटीवी)- भारत और चिली के बीच द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं। 1 अप्रैल 2025 को चिली के राष्ट्रपति गेब्रियल बोरिक फॉन्ट ने अपनी पाँच दिवसीय भारत यात्रा के दौरान दिल्ली पहुँचने के बाद,भारतीय विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर के साथ एक महत्वपूर्ण मुलाकात की। दोनों नेताओं ने आपसी सहयोग और दीर्घकालिक संबंधों को और अधिक प्रगाढ़ बनाने पर चर्चा की।

विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने इस बैठक के बाद सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म “एक्स” (पूर्व में ट्विटर) पर अपनी पोस्ट में राष्ट्रपति बोरिक से मुलाकात को लेकर खुशी व्यक्त की। उन्होंने लिखा कि, “चिली के राष्ट्रपति गैब्रियल बोरिक से मुलाकात कर खुशी हुई। हमारे दीर्घकालिक सहयोग को और प्रगाढ़ बनाने के लिए उनकी प्रतिबद्धता की सराहना करता हूँ।” इस पोस्ट के जरिए उन्होंने दोनों देशों के बीच और अधिक मजबूत रिश्तों की ओर इशारा किया और साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति बोरिक के बीच होने वाली बातचीत को लेकर अपनी उम्मीदों को व्यक्त किया। विदेश मंत्री डॉ. जयशंकर ने कहा कि, “मुझे विश्वास है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ आज उनकी बातचीत से नई साझेदारियाँ और अधिक सहभागिता को बढ़ावा मिलेगा।”

चिली के राष्ट्रपति बोरिक की यात्रा भारतीय-चिली संबंधों के एक नए अध्याय की शुरुआत को चिह्नित करती है। भारत में अपनी पहली राजकीय यात्रा पर आए राष्ट्रपति बोरिक का स्वागत बेहद गर्मजोशी से किया गया। केंद्रीय राज्य मंत्री (एमओएस) पाबित्रा मार्गेरिटा ने उनका स्वागत किया और हवाई अड्डे पर उन्हें औपचारिक गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। विदेश मंत्रालय ने भी एक पोस्ट के माध्यम से राष्ट्रपति बोरिक के स्वागत का उल्लिखित किया,जिसमें लिखा था, “आपका स्वागत है,राष्ट्रपति गेब्रियल बोरिक! चिली के राष्ट्रपति बोरिक भारत की अपनी पहली राजकीय यात्रा पर नई दिल्ली पहुँचे। उनका औपचारिक स्वागत किया गया और उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया।”

राष्ट्रपति बोरिक के साथ एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल भी भारत आया है,जिसमें चिली के मंत्री,संसद सदस्य,वरिष्ठ अधिकारी,व्यापार प्रतिनिधि,मीडिया कर्मी और सांस्कृतिक आदान-प्रदान के लिए प्रमुख चिलीवासी शामिल हैं। इस यात्रा का उद्देश्य दोनों देशों के बीच व्यापार,सांस्कृतिक आदान-प्रदान और अन्य क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ावा देना है। यात्रा के दौरान,राष्ट्रपति बोरिक ने चिली और भारत के बीच संबंधों को और अधिक मजबूती से स्थापित करने की प्रतिबद्धता व्यक्त की।

राष्ट्रपति बोरिक ने अपनी यात्रा की शुरुआत के बाद एक और पोस्ट साझा करते हुए लिखा, “सुबह 6:30 बजे दिल्ली में। ऐसे समय में जब बहुपक्षीय सहयोग पहले से कहीं अधिक जरूरी है,हम दुनिया की पाँचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था और सबसे अधिक आबादी वाले देश के बारे में बात कर रहे हैं,जिसके साथ हम कृषि व्यवसाय, इनोवेशन,रचनात्मक उद्योगों जैसे प्रमुख क्षेत्रों में विकास के लिए समान आधार और अवसर साझा करते हैं।” इस पोस्ट में उन्होंने भारत के साथ साझेदारी के संभावित क्षेत्रों पर भी ध्यान केंद्रित किया,जिसमें कृषि,नवाचार और रचनात्मक उद्योगों की साझेदारी प्रमुख थे।

राष्ट्रपति बोरिक ने अपनी यात्रा के उद्देश्य को स्पष्ट करते हुए कहा, “हम अपने संबंधों को और मजबूत करने के लिए यहाँ आए हैं और इसीलिए मेरे साथ सरकारी अधिकारी,राष्ट्रीय कांग्रेस,व्यापार जगत के नेता,इनोवेशन,संस्कृति के क्षेत्र के नेता, प्रतिष्ठित प्रोफेसर और छात्र मौजूद हैं। कार्यक्रम बहुत व्यस्त है। मैं आपको जानकारी देता रहूँगा!” यह बयान दर्शाता है कि राष्ट्रपति बोरिक ने अपनी यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच संबंधों को गहराई से बढ़ाने के लिए विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग की दिशा में कई पहल की हैं।

चिली के राष्ट्रपति का भारत यात्रा कार्यक्रम काफी व्यस्त है। वह अपनी यात्रा के दौरान दिल्ली के अलावा,आगरा,मुंबई और बेंगलुरु का भी दौरा करेंगे। ये शहर भारतीय व्यापार,संस्कृति और तकनीकी नवाचार के प्रमुख केंद्र हैं और इन स्थानों पर राष्ट्रपति बोरिक के दौरे से दोनों देशों के बीच सहयोग को और बल मिलेगा। आगरा में ताज महल और मुंबई तथा बेंगलुरु जैसे प्रमुख आर्थिक और तकनीकी केंद्रों का दौरा चिली के राष्ट्रपति के भारत के साथ संबंधों को और मजबूती से स्थापित करने के उद्देश्य को रेखांकित करता है।

इस यात्रा के माध्यम से चिली और भारत दोनों देशों के बीच संबंधों की एक नई दिशा की ओर बढ़ रहे हैं,जहाँ एक ओर भारत अपनी बढ़ती आर्थिक और राजनीतिक ताकत के कारण वैश्विक मंच पर महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है,वहीं दूसरी ओर चिली अपनी नीतियों और नवाचार के क्षेत्र में योगदान देने के लिए तैयार है। दोनों देशों के बीच साझेदारी से न केवल व्यापार और निवेश में वृद्धि हो सकती है,बल्कि सांस्कृतिक और तकनीकी क्षेत्रों में भी नए अवसर खुल सकते हैं।

चिली के राष्ट्रपति गेब्रियल बोरिक की भारत यात्रा दोनों देशों के बीच मजबूत होते द्विपक्षीय संबंधों की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इस यात्रा के माध्यम से, जहाँ एक ओर दोनों देशों के संबंधों को नई ऊँचाइयों तक पहुँचाने की उम्मीद जताई जा रही है,वहीं दूसरी ओर यह भारत और चिली के बीच दीर्घकालिक साझेदारी और सहयोग को और प्रगाढ़ बनाने का एक अवसर भी प्रदान करती है।