वॉशिंगटन/टोक्यो,23 जुलाई (युआईटीवी)- दुनिया की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं अमेरिका और जापान के बीच एक ऐतिहासिक व्यापारिक समझौता हुआ है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मंगलवार को इसकी घोषणा करते हुए बताया कि इस डील के तहत अमेरिका जापानी उत्पादों पर 15 प्रतिशत का रेसिप्रोकल टैरिफ लगाएगा। यह नया टैरिफ पहले लगाए गए टैरिफ से 10 प्रतिशत कम होगा। ट्रंप के मुताबिक,यह समझौता न केवल अमेरिका की अर्थव्यवस्था को मजबूती देगा, बल्कि लाखों नई नौकरियाँ भी पैदा करेगा।
अमेरिकी प्रशासन ने घोषणा की है कि जापानी उत्पादों पर यह रेसिप्रोकल टैरिफ 1 अगस्त से लागू होगा। ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म “ट्रुथ सोशल” पर पोस्ट करते हुए कहा, “शायद सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि जापान अपने देश को अमेरिकी कारों और ट्रकों,चावल,कृषि उत्पादों और अन्य वस्तुओं के लिए खोल देगा। बदले में जापान अमेरिका को 15 प्रतिशत का रेसिप्रोकल टैरिफ देगा।”
ट्रंप ने इस डील को “शायद अब तक का सबसे बड़ा” व्यापारिक समझौता करार दिया। उन्होंने कहा कि यह समझौता अमेरिकी उद्योगों,खासकर ऑटोमोबाइल और कृषि क्षेत्र के लिए बेहद फायदेमंद साबित होगा।
इस महीने की शुरुआत में ट्रंप ने जापानी प्रधानमंत्री शिगेरु इशिबा को लिखे एक पत्र में कहा था कि अमेरिका जापानी उत्पादों पर 25 प्रतिशत रेसिप्रोकल टैरिफ लगाने जा रहा है। यह दर ट्रंप द्वारा पहले घोषित टैरिफ से भी एक प्रतिशत अधिक थी। हालाँकि,ताजा समझौते में टैरिफ को घटाकर 15 प्रतिशत कर दिया गया है,जिससे जापान के लिए अमेरिकी बाजार में व्यापार करना अपेक्षाकृत आसान होगा।
राष्ट्रपति ट्रंप ने इस ट्रेड डील के तहत जापान द्वारा अमेरिका में बड़े पैमाने पर निवेश की घोषणा की। उन्होंने कहा कि जापान ने अमेरिका में 550 अरब डॉलर का निवेश करने का वादा किया है,जिसमें से 90 प्रतिशत लाभ उसे ही मिलेगा। हालाँकि,ट्रंप ने इस निवेश योजना के बारे में विस्तार से जानकारी नहीं दी। उन्होंने यह भी दावा किया कि इस समझौते से लाखों नौकरियाँ पैदा होंगी,ऐसा पहले कभी नहीं हुआ।
ट्रंप ने ऐसे समय में यह समझौता किया है,जब दक्षिण कोरिया समेत कई देश अमेरिका के साथ नए व्यापारिक समझौते करने की कोशिश कर रहे हैं,ताकि उच्च रेसिप्रोकल टैरिफ से बचा जा सके या उसे कम किया जा सके। ट्रंप ने हाल ही में फिलीपींस के साथ भी एक व्यापारिक समझौते की घोषणा की थी। उस समझौते के तहत दक्षिण-पूर्व एशियाई देश को 19 प्रतिशत टैरिफ देना होगा,जो पहले घोषित 20 प्रतिशत से एक प्रतिशत कम है।
यह समझौता ट्रंप के “अमेरिका फर्स्ट” एजेंडे को मजबूत करता है,जिसका उद्देश्य अमेरिकी उद्योगों को बढ़ावा देना और रोजगार के अवसर पैदा करना है। ट्रंप प्रशासन का मानना है कि रेसिप्रोकल टैरिफ की नीति के जरिए विदेशी बाजारों में अमेरिकी उत्पादों को बेहतर जगह मिलेगी और घरेलू उद्योगों को सुरक्षा भी मिलेगी।
आर्थिक विशेषज्ञों का मानना है कि यह समझौता अमेरिका और जापान के बीच व्यापार को नई ऊँचाई देगा,लेकिन इसके कुछ नकारात्मक प्रभाव भी हो सकते हैं। जापान पर बढ़ते टैरिफ से वहाँ की कंपनियों के लिए अमेरिकी बाजार महँगा हो सकता है। वहीं,अमेरिका के भीतर भी उपभोक्ताओं को जापानी उत्पाद महँगे मिलने की संभावना है।
हालाँकि,ट्रंप प्रशासन का दावा है कि यह समझौता दोनों देशों के लिए लाभकारी साबित होगा। ट्रंप ने कहा, “यह समझौता हमारे किसानों,मजदूरों और व्यवसायों के लिए ऐतिहासिक अवसर लेकर आया है।”
अमेरिका और जापान के बीच हुआ यह व्यापारिक समझौता वैश्विक आर्थिक समीकरणों को प्रभावित कर सकता है। जहाँ ट्रंप इसे ऐतिहासिक करार दे रहे हैं, वहीं आने वाले समय में यह देखना दिलचस्प होगा कि यह डील दोनों देशों की अर्थव्यवस्थाओं के लिए कितनी लाभकारी साबित होती है।