स्पुतनिक-वी वैक्सीन

डीसीजीआई ने डॉ. रेड्डीज को स्पुतनिक-वी वैक्सीन आयात करने की अनुमति दी

हैदराबाद, 13 अप्रैल (युआईटीवी/आईएएनएस)- दवा बनाने वाली प्रमुख कंपनी डॉ. रेड्डीज लैबोरेटरीज (डीआरएल) ने मंगलवार को कहा कि उसे ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीसीजीआई) से स्पुतनिक-वी वैक्सीन को भारत में आयात करने की अनुमति मिली है, ताकि आपातकालीन परिस्थितियों में इसका उपयोग किया जा सके। डॉ. रेड्डीज लेबोरेटरीज के सह-अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक जी. वी. प्रसाद ने एक बयान में कहा, “हम भारत में स्पुतनिक-वी के लिए आपातकालीन उपयोग प्राधिकरण प्राप्त करने पर बहुत खुश हैं। भारत में बढ़ते मामलों के साथ, कोविड के खिलाफ हमारी लड़ाई में टीकाकरण सबसे प्रभावी उपकरण है।”

हैदराबाद स्थित कंपनी के अनुसार, उसे दवा और कॉस्मेटिक्स कानून के तहत नए दवा एवं चिकित्सकीय परीक्षण नियम, 2019 के प्रावधानों के अनुसार आपातकालीन स्थितियों में प्रतिबंधित उपयोग के लिए भारत में स्पुतनिक वैक्सीन आयात करने की अनुमति मिली है।

कोरोनावायरस से निपटने के लिए भारत को अब तीसरी वैक्सीन मिल गई है। कोविशिल्ड और कोवैक्सीन के बाद अब भारत ने मंगलवार को आपातकालीन स्थितियों में स्पुतनिक-वी नामक तीसरी कोरोना वैक्सीन को भी मंजूरी दे दी है।

स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि ड्रग्स कंट्रोलर जनरल इंडिया (डीसीजीआई) ने विषय विशेषज्ञ समिति (एसईसी) की सिफारिशों के आधार पर वैक्सीन के आपातकालीन उपयोग के लिए अपनी मंजूरी दे दी है।

मंत्रालय ने अपने बयान में कहा, “विस्तृत विचार-विमर्श के बाद, एसईसी ने विभिन्न नियामक प्रावधानों के अधीन आपातकालीन स्थितियों में स्पुतनिक-वी के सीमित उपयोग के लिए अनुमति देने की सिफारिश की है।”

मंत्रालय ने कहा कि वैक्सीन को 21 दिनों के अंतराल पर 0.5 मिली की दो खुराक के साथ इंट्रामस्क्युलर रूप से दिया जाना चाहिए।

इस समय देश में भारत बायोटेक की कोवैक्सीन और सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया की कोविशील्ड के इस्तेमाल को मंजूरी मिली हुई थी। भारत के औषधि नियामक ने अब रूस के कोविड-19 रोधी टीके स्पुतनिक वी के सीमित आपात इस्तेमाल को कुछ शर्तों के साथ मंजूरी दे दी है।

मंत्रालय ने यह भी बताया कि वैक्सीन को माइनस 18 डिग्री सेल्सियस पर संग्रहित किया जाना है।

मंत्रालय ने स्पष्ट करते हुए कहा कि एसईसी की सिफारिशों को भारत के ड्रग कंट्रोलर ने सावधानीपूर्वक विचार करने के बाद स्वीकार किया है और कहा है कि डॉ. रेड्डीज लैबोरेटरीज लिमिटेड (डीआरएल) देश में उपयोग के लिए वैक्सीन का आयात करेगा।

बता दें कि डॉ. रेड्डीज लैबोरेटरीज ने सितंबर 2020 में स्पुतनिक वैक्सीन के नैदानिक परीक्षणों का संचालन करने और भारत में वैक्सीन वितरित करने के लिए रूसी प्रत्यक्ष निवेश कोष (आरडीआईएफ) के साथ भागीदारी में अहम भूमिका निभाई थी। आरडीआईएफ द्वारा रूस में किए गए परीक्षणों के अलावा, डॉ. रेड्डीज ने भारत में वैक्सीन के चरण दो और तीन के नैदानिक परीक्षण में भी अपनी भूमिका निभाई थी।

भारत में देशव्यापी टीकाकरण अभियान 16 जनवरी से शुरू हो चुका है। अब तीसरी वैक्सीन को मंजूरी मिलने के बाद टीकाकरण अभियान में आने वाले दिनों में तेजी आने की संभावना को भी बल मिला है।

यही नहीं अन्य कई वैक्सीन भी देश के अंदर नैदानिक विकास के विभिन्न चरणों में हैं।

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