डोनाल्ड ट्रंप (तस्वीर क्रेडिट@KraantiKumar)

डोनाल्ड ट्रंप ने पनामा नहर पर कब्जा करने को लेकर दी खुली धमकी,पनामा के राष्ट्रपति ने किया पलटवार

फ्लोरिडा,23 दिसंबर (युआईटीवी)- अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में,पनामा नहर को लेकर एक विवादित बयान दिया था,जिसने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर हलचल मचा दी। उन्होंने धमकी दी कि अगर पनामा अपने नहर के संचालन और नियंत्रण में कोई बदलाव नहीं करता,तो अमेरिका को पनामा नहर पर फिर से कब्जा करना पड़ सकता है। यह बयान न केवल पनामा,बल्कि पूरे अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के लिए चौंकाने वाला था। ट्रंप का यह बयान पनामा नहर के ऐतिहासिक महत्व और इसे लेकर हुए समझौतों को लेकर उठे सवालों को और अधिक गंभीर बना गया।

पनामा नहर,जो अटलांटिक महासागर और पैसिफिक महासागर को जोड़ने वाली एक प्रमुख जलमार्ग है,अंतर्राष्ट्रीय व्यापार के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। यह नहर पनामा देश की अर्थव्यवस्था के लिए भी बहुत महत्वपूर्ण है। पनामा नहर के इतिहास में अमेरिका का बड़ा हाथ रहा है,लेकिन 1999 में, पनामा और अमेरिका के बीच एक समझौते के बाद,पनामा को नहर का पूर्ण नियंत्रण सौंप दिया गया था। इस समझौते के तहत,पनामा ने नहर का संचालन और प्रबंधन अपने हाथों में लिया,जबकि अमेरिका ने उस पर अपना प्रभाव कम किया।

डोनाल्ड ट्रंप का यह बयान पनामा नहर के ऐतिहासिक संदर्भ में एक विवादास्पद और नकारात्मक दृष्टिकोण था। ट्रंप ने यह कहकर विवाद उठाया कि पनामा को अगर नहर का प्रबंधन ठीक से नहीं किया,तो अमेरिका को पुनः नहर पर नियंत्रण प्राप्त करने का अधिकार हो सकता है। उनका यह बयान अमेरिकी सत्ता और प्रभाव के विस्तार की ओर एक और कदम था,जो वैश्विक राजनीति में अमेरिका की शक्ति को फिर से स्थापित करने का इरादा दर्शाता है।

इस बयान ने न केवल पनामा बल्कि पूरी दुनिया में चिंता की लहर पैदा की। पनामा के नेताओं ने इसे विदेशी हस्तक्षेप और संप्रभुता का उल्लंघन माना,जो किसी भी लोकतांत्रिक देश के लिए अस्वीकार्य होता। पनामा नहर पर किसी भी प्रकार की अमेरिकी कार्रवाई न केवल पनामा के राष्ट्रीय हितों को नुकसान पहुँचाएगी,बल्कि इससे मध्य और दक्षिणी अमेरिका में भी अस्थिरता फैल सकती है।

ट्रंप की धमकी के तुरंत बाद पनामा के राष्ट्रपति लॉरेंटिनो कॉर्टिज़ ने इस बयान पर तीखा पलटवार किया। राष्ट्रपति कॉर्टिज़ ने कहा,”पनामा का नहर पर पूर्ण अधिकार है और हम किसी भी बाहरी दबाव या धमकी को बर्दाश्त नहीं करेंगे। पनामा नहर के संचालन और नियंत्रण के संबंध में 1999 में हुए समझौते को पूरी दुनिया ने स्वीकार किया है और हम इसे पूरी तरह से लागू करेंगे।” पनामा के राष्ट्रपति ने यह भी कहा कि पनामा नहर केवल पनामा के लिए नहीं,बल्कि पूरी दुनिया के लिए महत्वपूर्ण है और इसका संचालन अंतर्राष्ट्रीय समझौतों के तहत किया जा रहा है,जिनकी अवहेलना नहीं की जा सकती।

पानी के रास्ते से होने वाले वैश्विक व्यापार की प्रक्रिया को समझते हुए,राष्ट्रपति ने यह भी कहा कि पनामा नहर का प्रबंधन और संचालन पनामा के हित में है और वह किसी भी बाहरी दबाव को नकारने के लिए तैयार हैं। पनामा के नागरिक और उनके नेता अपनी संप्रभुता और राष्ट्रहितों की रक्षा के लिए दृढ़ हैं और किसी भी तरह की बाहरी ताकतें पनामा के निर्णयों को प्रभावित नहीं कर सकतीं।

पनामा के राष्ट्रपति के इस स्पष्ट और मजबूत जवाब के बाद,अंतर्राष्ट्रीय समुदाय ने भी पनामा के पक्ष में समर्थन व्यक्त किया। संयुक्त राष्ट्र और अन्य अंतर्राष्ट्रीय संगठनों ने पनामा के अधिकारों की रक्षा करने की आवश्यकता को बताया। कई देशों ने इस मुद्दे को अंतर्राष्ट्रीय कानून और संप्रभुता के संदर्भ में देखा और ट्रंप के बयान को अस्वीकार्य माना।

विशेषज्ञों का कहना है कि पनामा नहर एक वैश्विक संपत्ति है,लेकिन इसका प्रबंधन और नियंत्रण पनामा के पास है,जैसा कि 1999 के समझौते में तय किया गया था। इस समझौते के तहत अमेरिका को नहर के प्रबंधन में हस्तक्षेप का अधिकार नहीं है। ऐसे में,ट्रंप का बयान न केवल पनामा के लिए, बल्कि पूरे अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के लिए चिंता का विषय है,क्योंकि यह वैश्विक व्यापार और शांति के सिद्धांतों का उल्लंघन करता है।

पनामा के राष्ट्रपति का पलटवार इस बात का संकेत है कि पनामा अपनी संप्रभुता को लेकर कोई समझौता नहीं करेगा। यह एक स्पष्ट संदेश है कि पनामा नहर के नियंत्रण को लेकर किसी भी प्रकार की विदेशी हस्तक्षेप को पनामा सहन नहीं करेगा। अमेरिका और पनामा के बीच रिश्ते भविष्य में इस विवाद के कारण तनावपूर्ण हो सकते हैं, हालाँकि दोनों देशों के बीच व्यापार और अन्य रिश्तों पर इसका प्रभाव पड़ने की संभावना कम है।

यह घटना वैश्विक राजनीति में एक महत्वपूर्ण मोड़ हो सकती है,जहाँ देशों के बीच संप्रभुता और नियंत्रण के सवाल फिर से उठ सकते हैं। अमेरिका के लिए यह एक मौका हो सकता है कि वह अपने पुराने दृष्टिकोण को बदलें और अंतर्राष्ट्रीय समझौतों और देशों के अधिकारों का सम्मान करते हुए वैश्विक मामलों में अपनी भूमिका निभाए।

पनामा नहर पर ट्रंप की धमकी और पनामा के राष्ट्रपति का पलटवार,दोनों देशों के बीच भविष्य में होने वाली बातचीत और वैश्विक राजनीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। यह घटना यह भी दर्शाती है कि संप्रभुता और राष्ट्रीय हितों की रक्षा करना किसी भी देश के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है और इसके लिए उसे किसी भी बाहरी दबाव का सामना करना पड़ सकता है।