वाशिंगटन,10 जुलाई (युआईटीवी)- अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार को वैश्विक व्यापार को झटका देते हुए एक साथ कई देशों पर भारी-भरकम आयात शुल्क (टैरिफ) लगाने की घोषणा की। इस कदम ने न केवल अंतर्राष्ट्रीय व्यापार जगत में हलचल मचा दी है,बल्कि अमेरिका और ब्राजील के बीच एक नए और तीव्र व्यापार युद्ध की आशंका भी पैदा कर दी है।
डोनाल्ड ट्रंप ने 1 अगस्त से प्रभावी होने वाले इन टैरिफों की घोषणा करते हुए जिन देशों को निशाना बनाया,उनमें अल्जीरिया,इराक,लीबिया,श्रीलंका (30%),ब्रुनेई और मोल्दोवा (25%) तथा फिलीपींस (20%) शामिल हैं,लेकिन सबसे चौंकाने वाली घोषणा ब्राजील के खिलाफ थी,जिस पर ट्रंप ने सीधे 50% टैरिफ लगाने का ऐलान किया। उन्होंने इसे “अब तक की सबसे सख्त कार्रवाई” बताया।
ट्रंप ने यह निर्णय ब्राजील के पूर्व राष्ट्रपति जायर बोलसोनारो के साथ किए जा रहे व्यवहार के परिप्रेक्ष्य में लिया है। बोलसोनारो वर्तमान में ब्राजील में तख्तापलट की साजिश रचने के आरोप में मुकदमे का सामना कर रहे हैं। ट्रंप ने आरोप लगाया कि अमेरिका और ब्राजील के बीच निष्पक्ष व्यापार नहीं हो रहा है और ब्राजील,अमेरिकी हितों को नुकसान पहुँचा रहा है।
ट्रंप की इस घोषणा के कुछ ही घंटों के भीतर ब्राजील के वर्तमान राष्ट्रपति लुइज इनासियो लूला डा सिल्वा ने बेहद सख्त और स्पष्ट रुख अपनाया। उन्होंने अमेरिकी टैरिफ के खिलाफ तीखी प्रतिक्रिया दी और कहा कि यदि अमेरिका ने ब्राजील पर एकतरफा तौर पर टैरिफ लगाया,तो ब्राजील भी “आर्थिक पारस्परिकता कानून” के तहत जवाबी कदम उठाएगा।
लूला ने एक आधिकारिक बयान में कहा, “अगर कोई देश एकतरफा रूप से टैरिफ बढ़ाता है,तो ब्राजील उसे वैसी ही आर्थिक प्रतिक्रिया देगा।” यह बयान एक चेतावनी की तरह है,जो अमेरिका और ब्राजील के बीच ट्रेड वॉर की संभावना को और गंभीर बनाता है।
ब्राजील के राष्ट्रपति लूला डा सिल्वा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व ट्विटर) पर भी ट्रंप के कदम की तीव्र आलोचना की। उन्होंने लिखा, “ब्राजील एक स्वतंत्र और संप्रभु देश है। हमारी न्याय प्रणाली स्वायत्त है और किसी भी बाहरी दबाव या हस्तक्षेप को स्वीकार नहीं किया जाएगा।” उन्होंने यह भी जोड़ा कि ब्राजील के अंदर चल रही न्यायिक प्रक्रियाएँ किसी बाहरी ताकत के इशारे पर नहीं चलतीं और ना ही चलेंगी।
In light of the public statement made by U.S. President Donald Trump on social media on the afternoon of Wednesday (9), it is important to highlight the following:
Brazil is a sovereign nation with independent institutions and will not accept any form of tutelage.
The judicial…
— Lula (@LulaOficial) July 9, 2025
ट्रंप द्वारा पूर्व राष्ट्रपति बोलसोनारो के समर्थन में दिए गए बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए लूला ने स्पष्ट किया कि बोलसोनारो पर चल रहे मुकदमे पूरी तरह से ब्राजील की न्यायपालिका के अधीन हैं और इन पर किसी प्रकार का राजनीतिक या विदेशी दबाव स्वीकार्य नहीं है।
लूला ने कहा, “हमारे संविधान और कानूनों के अनुसार देश चल रहा है। लोकतंत्र के खिलाफ साजिश करने वालों को कानूनी तौर पर सज़ा मिलनी चाहिए और इस प्रक्रिया में कोई विदेशी नेता हस्तक्षेप नहीं कर सकता।”
लूला डा सिल्वा ने अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर भी स्पष्ट रुख अपनाया। उन्होंने कहा कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का मतलब यह नहीं है कि कोई व्यक्ति नफरत,हिंसा, नस्लवाद या बाल शोषण जैसी चीज़ों को बढ़ावा दे। उन्होंने यह भी कहा कि ब्राजील में काम करने वाली हर कंपनी,चाहे वह घरेलू हो या विदेशी,उन्हें ब्राजील के कानूनों का पालन करना होगा।
यह बयान डिजिटल मंचों और सोशल मीडिया पर अमेरिकी कंपनियों के संचालन को लेकर संकेत देता है,जिन पर हाल के वर्षों में ब्राजील ने कानूनों के उल्लंघन के आरोप लगाए हैं।
ट्रंप ने अपने बयान में यह भी दावा किया कि ब्राजील ने अमेरिकी चुनावों में हस्तक्षेप किया और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमला किया है। इसके जवाब में लूला ने इन आरोपों को “निराधार” और “तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर पेश करने वाला” बताया।
लूला ने अमेरिकी आँकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि पिछले 15 वर्षों में अमेरिका और ब्राजील के बीच व्यापार संतुलन अमेरिका के पक्ष में रहा है और इस दौरान अमेरिका को 410 अरब डॉलर का लाभ हुआ है। उन्होंने जोर दिया कि ट्रंप के आरोप तथ्यों पर आधारित नहीं हैं,बल्कि राजनीतिक लाभ के लिए गढ़े गए हैं।
इस घटनाक्रम से यह साफ हो गया है कि अमेरिका और ब्राजील के बीच संबंधों में भारी तनाव उत्पन्न हो गया है। यदि ब्राजील वास्तव में जवाबी टैरिफ लगाता है,तो दोनों देशों के बीच व्यापार युद्ध छिड़ सकता है,जिससे द्विपक्षीय व्यापार,निवेश, निर्यात-आयात उद्योग और बहुराष्ट्रीय कंपनियों पर गहरा असर पड़ सकता है।
दोनों देशों की आर्थिक साझेदारी काफी मजबूत रही है और इस विवाद के कारण वैश्विक बाजारों में भी अस्थिरता आ सकती है। इसके प्रभाव लैटिन अमेरिका से लेकर वॉल स्ट्रीट तक महसूस किए जा सकते हैं।
डोनाल्ड ट्रंप द्वारा उठाया गया यह टैरिफ कदम केवल एक आर्थिक नीति नहीं है, बल्कि इसमें राजनीतिक संकेत,आंतरिक दबाव और विदेश नीति के एजेंडे छिपे हैं। ब्राजील के राष्ट्रपति लूला डा सिल्वा की तीखी प्रतिक्रिया बताती है कि अमेरिका को अब एक-तरफा फैसलों के लिए वैश्विक समर्थन मिलना मुश्किल है।
ब्राजील ने यह संकेत दे दिया है कि वह किसी भी प्रकार की धमकी,दखल या टैरिफ हमले को चुपचाप स्वीकार नहीं करेगा। यदि ट्रंप की नीतियाँ आगे बढ़ती हैं और ब्राजील जवाबी कार्रवाई करता है,तो यह टकराव केवल इन दो देशों तक सीमित नहीं रहेगा,बल्कि वैश्विक व्यापार पर भी गहरा प्रभाव डालेगा।
अब सबकी निगाहें आने वाले अगस्त पर टिकी हैं,जब ये टैरिफ लागू होंगे और शायद एक नया व्यापारिक संघर्ष दुनिया के सामने होगा।