पापुआ न्यू गिनी में भूकंप के तेज झटके (तस्वीर क्रेडिट@kumar_rish16022)

पापुआ न्यू गिनी में भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए,रिक्टर पैमाने पर तीव्रता 6.9 दर्ज

मोरेस्बी,5 अप्रैल (युआईटीवी)- पापुआ न्यू गिनी के न्यू ब्रिटेन क्षेत्र में शनिवार तड़के एक शक्तिशाली भूकंप आया,जिसकी तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 6.9 मापी गई। यह भूकंप 5 मई, 2025 को स्थानीय समय अनुसार सुबह के समय महसूस किया गया। इस घटना के बारे में जानकारी नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी ने अपने एक्स (पूर्व में ट्विटर) अकाउंट के माध्यम से साझा की। अमेरिकी भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (यूएसजीएस) के अनुसार,भूकंप का केंद्र पापुआ न्यू गिनी के वेस्ट न्यू ब्रिटेन प्रांत की राजधानी किम्बे से 194 किमी दक्षिण-पूर्व दिशा में स्थित था।

यूएसजीएस के अनुसार,भूकंप का केंद्र 6.23 डिग्री दक्षिण अक्षांश और 151.64 डिग्री पूर्वी देशांतर पर था और इसकी गहराई 10 किलोमीटर मापी गई। हालाँकि, नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी ने अपनी पोस्ट में भूकंप के केंद्र की गहराई 65 किलोमीटर (40 मील) बताई है। पापुआ न्यू गिनी का न्यू ब्रिटेन क्षेत्र “रिंग ऑफ फायर” के अंतर्गत आता है,जिसे दुनिया का सबसे सक्रिय भूकंपीय और ज्वालामुखी क्षेत्र माना जाता है।

भूकंप के बाद,अमेरिकी सुनामी चेतावनी केंद्र ने पापुआ न्यू गिनी के लिए सुनामी चेतावनी जारी की। चेतावनी में कहा गया कि कुछ तटों पर खतरनाक सुनामी लहरों का खतरा हो सकता है। सुनामी चेतावनी को लेकर स्थानीय अधिकारियों ने लोगों को सतर्क किया और उन्हें समुद्र के पास जाने से बचने की सलाह दी।

“रिंग ऑफ फायर” क्षेत्र वह क्षेत्र है,जहाँ प्रशांत महासागर के चारों ओर एक विशाल तटरेखा फैली हुई है। यह क्षेत्र लगभग 40,000 किलोमीटर लंबा है और इसमें कई देशों की सीमाएँ स्थित हैं,जैसे जापान,इंडोनेशिया,फिलीपींस,न्यूजीलैंड,चिली,पेरू और संयुक्त राज्य अमेरिका के वेस्ट कोस्ट। इस क्षेत्र को “रिंग ऑफ फायर” कहा जाता है, क्योंकि यह धरती के सबसे सक्रिय भूकंपीय और ज्वालामुखी क्षेत्रों में से एक है। यहाँ पर लगातार भूकंप और ज्वालामुखी विस्फोट होते रहते हैं,जो इस क्षेत्र को पृथ्वी के लिए सबसे संवेदनशील बनाते हैं।

यूएसजीएस के अनुसार,भूकंप के लगभग 30 मिनट बाद,उसी स्थान के आसपास 5.3 तीव्रता का एक छोटा भूकंप भी आया। हालाँकि,भूकंप के कारण किसी भी प्रकार के नुकसान या हताहतों की कोई तत्काल सूचना प्राप्त नहीं हुई है। स्थानीय अधिकारी स्थिति पर बारीकी से नजर बनाए हुए हैं और प्रभावित क्षेत्रों के निवासियों को किसी भी झटके के लिए सतर्क रहने की सलाह दी गई है। अधिकारियों ने कहा कि जैसे-जैसे और जानकारी प्राप्त होगी,भविष्य में अधिक अपडेट प्रदान किए जाएंगे।

पापुआ न्यू गिनी के न्यू ब्रिटेन क्षेत्र में स्थित भूकंपीय गतिविधि के कारण इस क्षेत्र में अक्सर भूकंप आते हैं। यहाँ की भू-आकृतिक स्थिति और “रिंग ऑफ फायर” में होने के कारण,भूकंपों की घटनाएँ आम हैं,लेकिन उनकी तीव्रता और प्रभाव का पूर्वानुमान करना कठिन होता है। विशेषज्ञों के अनुसार,भूकंप की तीव्रता और केंद्र का विश्लेषण करके इस प्रकार के प्राकृतिक आपदाओं के बारे में कुछ पूर्व चेतावनियाँ दी जा सकती हैं,लेकिन इन घटनाओं का प्रभाव कई बार अचानक और अप्रत्याशित रूप से सामने आता है।

पापुआ न्यू गिनी में भूकंप आने से पहले भी,इस क्षेत्र में भूकंपीय गतिविधि और सुनामी के खतरे को लेकर विशेष सतर्कता बरती जाती है। पहले भी इस क्षेत्र में कई बार बड़े भूकंप और सुनामी की घटनाएँ हो चुकी हैं। ऐसे में स्थानीय प्रशासन और राहत दल तुरंत स्थिति का आकलन करते हुए लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाते हैं।

वर्तमान में,पापुआ न्यू गिनी और उसके आसपास के क्षेत्र में भूकंप की घटनाओं के बाद राहत और बचाव कार्य जारी हैं। विशेषज्ञ और स्थानीय अधिकारी प्रभावित क्षेत्रों में स्थितियों की निगरानी कर रहे हैं और सुनिश्चित कर रहे हैं कि किसी भी प्रकार के अप्रत्याशित संकट का सामना करने के लिए तैयार रहें। साथ ही,लोग भी अपने घरों से बाहर सुरक्षित स्थानों पर जाने के लिए तैयार रहते हैं,विशेष रूप से अगर सुनामी की चेतावनी जारी की जाती है।

इस भूकंप के बाद राहत कार्यों को गति देने के लिए स्थानीय प्रशासन और राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन एजेंसियाँ सक्रिय हो गई हैं। अधिकारी और विशेषज्ञ इस घटना के बाद के प्रभाव का आकलन कर रहे हैं,ताकि अगर स्थिति बिगड़े तो त्वरित राहत उपाय किए जा सकें। इसके साथ ही,प्रभावित क्षेत्रों के निवासियों को सुरक्षित स्थानों पर जाने के लिए समय-समय पर अपडेट्स जारी किए जा रहे हैं,ताकि किसी भी प्रकार के अधिक नुकसान से बचा जा सके।

भूकंप और सुनामी जैसी घटनाओं की प्रकृति के कारण इस क्षेत्र में राहत कार्य और निरंतर निगरानी महत्वपूर्ण हो जाती है। पापुआ न्यू गिनी और अन्य “रिंग ऑफ फायर” देशों में इन घटनाओं के प्रति सतर्कता बनाए रखना और समय रहते राहत कार्यों को लागू करना प्राकृतिक आपदाओं के प्रभाव को कम करने में मदद कर सकता है।