वाशिंगटन,19 मई (युआईटीवी)- अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडेन की तबीयत को लेकर दुनिया भर में चिंता की लहर दौड़ गई है। हाल ही में उनके कार्यालय की ओर से जारी एक बयान में यह पुष्टि की गई है कि 82 वर्षीय बाइडेन को प्रोस्टेट कैंसर हो गया है। इस खबर के बाद से अंतर्राष्ट्रीय नेताओं और जनता में चिंता का माहौल बन गया है। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस पर अपनी संवेदना व्यक्त की है और उनके जल्द स्वस्थ होने की कामना की है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा, “जो बाइडेन के स्वास्थ्य के बारे में सुनकर बहुत चिंतित हूँ। हम उनके जल्द स्वस्थ होने की कामना करते हैं। इस घड़ी में हम डॉ.जिल बाइडेन और उनके परिवार के साथ हैं।”
पीएम मोदी और जो बाइडेन के बीच पिछले कुछ वर्षों में वैश्विक मंचों पर अच्छे संबंध देखे गए हैं,विशेषकर क्वाड,जी-20 और अन्य वैश्विक सम्मेलनों के दौरान। ऐसे में उनका यह व्यक्तिगत संदेश दोनों नेताओं के बीच सौहार्द्रपूर्ण संबंधों को दर्शाता है।
जो बाइडेन के कार्यालय की ओर से जारी बयान के अनुसार, “पिछले सप्ताह राष्ट्रपति बाइडेन को यूरीन से जुड़ी कुछ समस्याएँ होने लगी थीं। जाँच के दौरान प्रोस्टेट में एक गांठ पाई गई और फिर शुक्रवार को उन्हें प्रोस्टेट कैंसर की पुष्टि हुई।”
Deeply concerned to hear about @JoeBiden‘s health. Extend our best wishes to him for a quick and full recovery. Our thoughts are with Dr. Jill Biden and the family.
— Narendra Modi (@narendramodi) May 19, 2025
चिकित्सकों ने जानकारी दी कि यह कैंसर तेजी से फैलने वाला है और दुर्भाग्यवश, अब यह हड्डियों तक भी फैल चुका है। हालाँकि,डॉक्टरों ने यह भी कहा कि यह हार्मोन पर असर करने वाली किस्म का कैंसर है,जिससे इसका इलाज संभव है।
बाइडेन की उम्र अब 82 वर्ष है और वे अमेरिका के सबसे उम्रदराज राष्ट्रपति रह चुके हैं। वर्तमान में वे अपने परिवार और डॉक्टरों के साथ मिलकर इलाज के संभावित विकल्पों पर विचार कर रहे हैं। चूँकि,यह बीमारी काफी गंभीर है,इसलिए विशेष मेडिकल टीम उनकी स्थिति पर करीबी नजर बनाए हुए है।
हार्मोन-थैरेपी,कीमोथैरेपी और रेडिएशन जैसी आधुनिक तकनीकों से इस तरह के कैंसर का इलाज किया जा सकता है और विशेषज्ञों को उम्मीद है कि शुरुआती और प्रभावी इलाज से उनकी हालत में सुधार आ सकता है।
जो बाइडेन के लिए यह बीमारी व्यक्तिगत रूप से भी बेहद भावनात्मक है। वर्ष 2015 में उन्होंने अपने बड़े बेटे ब्यू बाइडेन को कैंसर के चलते खो दिया था। उसके बाद से ही बाइडेन ने कैंसर रिसर्च और इलाज को लेकर कई विशेष पहल शुरू की हैं। अमेरिका में उन्होंने कैंसर मूनशॉट पहल की शुरुआत की थी,जिसका उद्देश्य कैंसर के इलाज और निदान को और अधिक सुलभ और प्रभावी बनाना था।
बाइडेन ने 2025 की शुरुआत में राष्ट्रपति पद से विदाई ली थी। इसके बाद हुए चुनावों में डोनाल्ड ट्रंप ने कमला हैरिस को हराकर एक बार फिर राष्ट्रपति की कुर्सी संभाली। बाइडेन ने राजनीति से धीरे-धीरे दूरी बनाना शुरू कर दिया था,लेकिन उनकी सार्वजनिक मौजूदगी और वैश्विक मुद्दों पर टिप्पणियाँ जारी थीं।
जो बाइडेन की बीमारी की खबर से अमेरिका ही नहीं,पूरी दुनिया में चिंता का माहौल बन गया है। उनके समर्थक,अंतर्राष्ट्रीय नेता और आम लोग उनके शीघ्र स्वस्थ होने की कामना कर रहे हैं। पीएम मोदी की ओर से जताई गई चिंता यह दर्शाती है कि वैश्विक राजनीति में संबंध सिर्फ नीति तक सीमित नहीं होते,बल्कि मानवीय संवेदनाएँ भी उतनी ही महत्वपूर्ण होती हैं।
अब सभी की निगाहें बाइडेन के स्वास्थ्य और इलाज पर टिकी हैं और उम्मीद की जा रही है कि वे इस कठिन समय से जल्द बाहर निकलेंगे।