नई दिल्ली,26 अप्रैल (युआईटीवी)- भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान और बीसीसीआई के पूर्व अध्यक्ष सौरव गांगुली ने पहलगाम आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान से क्रिकेट संबंध पूरी तरह से समाप्त करने की माँग करते हुए सख्त रुख अपनाया और कड़ा संदेश दिया है।
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हाल ही में हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को हिला कर रख दिया है। इस हमले में 26 लोगों की जान चली गई,जिनमें अधिकांश निर्दोष पर्यटक थे। जैसे-जैसे हमले की जाँच आगे बढ़ रही है,अब सीधे तौर पर पाकिस्तान का नाम इस हमले से जुड़ता दिख रहा है। देशभर में इस समय पाकिस्तान के खिलाफ गुस्सा चरम पर है। आम जनता से लेकर नेता और खेल जगत तक हर कोई एक सुर में सख्त कार्रवाई की माँग कर रहा है।
इस बीच भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान और बीसीसीआई के पूर्व अध्यक्ष सौरव गांगुली ने भी पाकिस्तान के खिलाफ अपना कड़ा रुख जाहिर किया है। कोलकाता में समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए गांगुली ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि भारत को अब पाकिस्तान से हर तरह का संबंध तोड़ देना चाहिए,चाहे वह कूटनीतिक हो, सांस्कृतिक हो या क्रिकेट जैसे खेल संबंध।
सौरव गांगुली ने कहा कि, “अब बहुत हो गया,पाकिस्तान को उसी की भाषा में जवाब देना होगा।” आगे उन्होंने कहा कि, “जो कुछ भी पहलगाम में हुआ,वह अत्यंत निंदनीय और अमानवीय है। यह कोई मजाक नहीं है। ऐसी घटनाएँ अब हर साल हो रही हैं। अब वो वक्त आ गया है,जब भारत को आतंकवाद के खिलाफ एक निर्णायक रुख अपनाना होगा।” उन्होंने आगे कहा, “मैं 100 प्रतिशत इस बात के पक्ष में हूँ कि पाकिस्तान से हर संबंध खत्म कर दिया जाए। अब बर्दाश्त करने का वक्त नहीं रहा।”
गांगुली ने कहा कि पाकिस्तान को अब उसी की भाषा में जवाब देना चाहिए,ताकि उसे समझ में आ जाए कि भारत आतंक को कतई सहन नहीं करेगा।
भारत और पाकिस्तान के बीच दशकों से चली आ रही क्रिकेट प्रतिद्वंद्विता अब पूरी तरह से ठप पड़ने की कगार पर है। सौरव गांगुली जैसे वरिष्ठ और अनुभवी खिलाड़ी का यह बयान इस दिशा में बड़ा संकेत माना जा रहा है। गांगुली ने अपने क्रिकेट करियर के दौरान कई बार पाकिस्तान का दौरा किया और वहाँ भारतीय टीम की कप्तानी करते हुए सीरीज भी जीतीं,लेकिन आज वह भी इस पक्ष में हैं कि अब क्रिकेट जैसे रिश्ते भी अतीत की बात हो जाएँ।
उन्होंने कहा, “मैंने खुद पाकिस्तान में मैच खेले हैं। उस दौर में भी स्थितियाँ आसान नहीं थीं,लेकिन अब जो कुछ हो रहा है वह सभी सीमाएँ लांघ चुका है। क्रिकेट एक ऐसा मंच होता है,जहाँ लोग शांति और भाईचारे की उम्मीद करते हैं,लेकिन जब आतंकवाद हर बार उसे ठेस पहुँचाए,तो ऐसे रिश्ते बनाए रखने का कोई औचित्य नहीं रह जाता।”
गांगुली के बयान के बाद यह भी चर्चा तेज हो गई है कि अब भारत-पाकिस्तान को आईसीसी टूर्नामेंट्स और एशिया कप जैसे आयोजनों में एक ही ग्रुप में न रखा जाए। अभी तक यह केवल चर्चा का विषय है और इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन वर्तमान माहौल को देखते हुए ऐसा कदम उठाया जाए,तो यह आश्चर्यजनक नहीं होगा।
बीसीसीआई और भारत सरकार पहले ही पाकिस्तान के खिलाफ कई रणनीतिक और कूटनीतिक कदम उठा चुकी हैं,जिसमें सिंधु जल संधि का निलंबन,अटारी बॉर्डर चेक पोस्ट बंद करना और पाकिस्तानी नागरिकों के लिए वीजा सेवाएँ रोकना शामिल है। ऐसे में यह स्वाभाविक है कि खेल जगत में भी इसका असर दिखाई दे।
सौरव गांगुली का बयान केवल एक पूर्व कप्तान का वक्तव्य नहीं है,बल्कि यह उस जनभावना का प्रतीक है,जो आज भारत में पाकिस्तान को लेकर व्याप्त है। देश एकजुट होकर आतंकवाद के खिलाफ खड़ा है और अब हर क्षेत्र में स्पष्ट और ठोस फैसलों की उम्मीद की जा रही है।
क्रिकेट हमेशा से दो देशों के बीच पुल का काम करता रहा है,लेकिन जब पुल ही बार-बार विस्फोट की चपेट में आए,तो उसे तोड़ना ही बेहतर होता है। गांगुली की बातें साफ कहती हैं कि अब वक्त है कि खेल से पहले देश को प्राथमिकता दी जाए।