प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

फ्रेडरिक मर्ज़ बने जर्मनी के नए चांसलर,प्रधानमंत्री मोदी ने दी बधाई,भारत-जर्मनी संबंधों में नए युग की उम्मीद

नई दिल्ली,7 मई (युआईटीवी)- जर्मनी को नया चांसलर मिल गया है। क्रिश्चियन डेमोक्रेटिक यूनियन (सीडीयू) के नेता फ्रेडरिक मर्ज़ ने मंगलवार को संघीय चांसलर के रूप में पदभार ग्रहण कर लिया। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मर्ज़ को बधाई दी और भारत-जर्मनी संबंधों को और प्रगाढ़ करने की प्रतिबद्धता दोहराई।

प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व ट्विटर) पर अपने संदेश में लिखा, “फ्रेडरिक मर्ज़ को जर्मनी के संघीय चांसलर के रूप में पदभार ग्रहण करने पर हार्दिक बधाई। मैं भारत-जर्मनी रणनीतिक साझेदारी को और अधिक मजबूत करने के लिए मिलकर काम करने के लिए उत्सुक हूँ।”

फ्रेडरिक मर्ज़ को जर्मन संसद बुंडेस्टाग के निचले सदन में मंगलवार को मतदान के बाद चांसलर चुना गया। 325 सांसदों ने उनके पक्ष में मतदान किया,जो आवश्यक 316 सीटों से अधिक है।

हालाँकि,पहले दौर में उन्हें केवल 310 वोट मिले,जिससे वे द्वितीय विश्व युद्ध के बाद पहले ऐसे चांसलर उम्मीदवार बन गए,जो पहले प्रयास में चुने नहीं जा सके। इस असफलता के बाद संसद की अध्यक्ष जूलिया क्लोएकनर ने कार्यवाही स्थगित कर दी और राजनीतिक दलों के समूहों के बीच लंबी चर्चा के बाद दूसरा मतदान हुआ।

दूसरे दौर में बहुमत मिलने के बाद मर्ज़ संघीय राष्ट्रपति फ्रैंक-वाल्टर स्टीनमीयर से मिलने श्लॉस बेलेव्यू पहुँचे,जहाँ उन्हें औपचारिक रूप से चांसलर नियुक्त किया गया।

1955 में जर्मनी के नॉर्थ राइन-वेस्टफेलिया में जन्मे मर्ज़ ने कानून की पढ़ाई की और सारब्रुकन में जिला न्यायाधीश के रूप में कार्य किया। उनका राजनीतिक करियर 1989 में यूरोपीय संसद से शुरू हुआ,जहाँ वे 1994 तक सदस्य रहे।

इसके बाद उन्होंने जर्मन संसद (बुंडेस्टाग) में 1994 से 2009 तक सेवा दी और वर्ष 2000 से 2002 तक सीडीयू/सीएसयू संसदीय समूह का नेतृत्व किया।

2009 में सक्रिय राजनीति से संन्यास लेने के बाद उन्होंने वित्तीय क्षेत्र में काम किया,लेकिन 2018 में उन्होंने राजनीतिक वापसी की घोषणा की,जब तत्कालीन चांसलर एंजेला मर्केल ने राजनीति से विदा लेने का ऐलान किया।

मर्ज़ ने वापसी के बाद सीडीयू के अध्यक्ष पद पर कब्जा किया और पुनः पार्टी के संसदीय समूह के नेता बने।

फ्रेडरिक मर्ज़ के चांसलर बनने के बाद भारत-जर्मनी संबंधों के और मजबूत होने की उम्मीद की जा रही है। जर्मनी यूरोप में भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है और दोनों देशों के बीच रणनीतिक,रक्षा,पर्यावरण और टेक्नोलॉजी सहयोग निरंतर गहराता जा रहा है।

प्रधानमंत्री मोदी के संदेश से यह संकेत मिलता है कि भारत इस नई सरकार के साथ इनोवेशन,ग्रीन एनर्जी, शिक्षा और व्यापार जैसे क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने के लिए तत्पर है।

फ्रेडरिक मर्ज़ का चांसलर बनना न केवल जर्मनी की राजनीति में नया अध्याय है, बल्कि भारत-जर्मनी साझेदारी के लिए भी यह नए अवसरों का संकेतक है। प्रधानमंत्री मोदी द्वारा दी गई बधाई के साथ यह स्पष्ट है कि भारत इस साझेदारी को वैश्विक स्थिरता और विकास के एक नए मॉडल के रूप में देखता है।