डोनाल्ड ट्रंप

हश मनी केस में डोनाल्ड ट्रंप को शपथ से पहले लग सकता है बड़ा झटका,सुनाई जा सकती है सजा,लेकिन नहीं जाना पड़ेगा जेल

वाशिंगटन,4 जनवरी (युआईटीवी)- अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को शपथ ग्रहण से पहले एक बड़ा झटका लग सकता है। उनके खिलाफ हश मनी (मौन भुगतान) केस में 10 जनवरी को अदालत में सुनवाई होने वाली है,जिसमें उन्हें सजा सुनाई जा सकती है। ट्रंप पर आरोप है कि उन्होंने एक प्रसिद्ध पोर्न स्टार को पैसे देकर उसे चुप कराया था,ताकि वह उनके खिलाफ कोई बयान न दे सके। हालाँकि,रिपोर्ट्स के अनुसार कहा जा रहा है कि उन्हें जेल की सजा नहीं दी जाएगी।

डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में दूसरी बार जीत हासिल की है और 20 जनवरी को वह शपथ ग्रहण करेंगे। यह मामला उनके राष्ट्रपति बनने से पहले का है और इसके चलते वह राजनीतिक संकट का सामना कर रहे हैं। ट्रंप इस हश मनी केस को शुरू से ही राजनीतिक साजिश मानते रहे हैं और उन्होंने इन आरोपों को हमेशा खारिज किया है। उनका कहना है कि यह मामला उनके खिलाफ सिर्फ उनके राजनीतिक करियर को नुकसान पहुँचाने के लिए उठाया गया है।

न्यूयॉर्क के जज जुआन मर्चेन ने संकेत दिया है कि ट्रंप को सजा नहीं दी जाएगी और न ही उन पर कोई जुर्माना लगाया जाएगा। इसके बावजूद,उन्हें सशर्त रिहाई दी जा सकती है और वे अदालत में वर्चुअली पेश हो सकते हैं। 10 जनवरी को ट्रंप को अदालत में व्यक्तिगत रूप से पेश होने की आवश्यकता नहीं होगी,लेकिन अदालत में पेश होना अनिवार्य रहेगा। यह घटना अमेरिका के इतिहास में अभूतपूर्व मानी जा रही है,क्योंकि इससे पहले किसी अमेरिकी राष्ट्रपति को किसी अपराध के लिए दोषी नहीं ठहराया गया था।

ट्रंप के खिलाफ यह मामला 2016 के राष्ट्रपति चुनाव से पहले का है,जब उनके पूर्व फिक्सर,माइकल कोहेन ने पोर्न स्टार स्टॉर्मी डेनियल्स को पैसे दिए थे,ताकि वह ट्रंप के साथ अपने कथित संबंधों के बारे में कोई बयान न दे। यह आरोप है कि ट्रंप ने चुनावी फायदे के लिए डेनियल्स को चुप कराया और उनके व्यापारिक रिकॉर्ड में हेरफेरी की। ट्रंप ने इस पूरे मामले में किसी भी तरह के संबंध को नकार दिया है और दोषी फैसले के खिलाफ अपील करने की बात दोहराई है।

यह मामला 2006 का है,जब ट्रंप और स्टॉर्मी डेनियल्स के बीच कथित संबंध रहे थे। यह मुद्दा 2016 के राष्ट्रपति चुनाव में सामने आया और चुनावी प्रचार के दौरान इस मुद्दे को विपक्षी दलों ने खूब उछाला। ट्रंप के खिलाफ आरोप था कि उन्होंने डेनियल्स को चुप कराने के लिए पैसे दिए और इसके साथ ही अपने व्यापारिक रिकॉर्ड में हेरफेरी की। इस मामले में ट्रंप को दोषी ठहराया गया और उन्हें जूरी द्वारा 34 मामलों में व्यावसायिक रिकॉर्ड में हेरफेरी करने का दोषी माना गया।

ट्रंप की कानूनी टीम ने नवंबर में जूरी के फैसले को खारिज करने की अपील की थी, लेकिन कोर्ट ने इसे मंजूर नहीं किया। वरिष्ठ कानूनी विश्लेषक एली होनिग ने इस पर टिप्पणी करते हुए कहा कि जज मर्चेन का यह कदम कि वह पहले ही यह घोषणा कर रहे हैं कि ट्रंप को कोई सजा नहीं दी जाएगी,एक समझदारी भरा कदम है। उनका यह निर्णय ट्रंप के खिलाफ बढ़ते कानूनी दबाव को देखते हुए लिया गया है।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार,ट्रंप ने इस मामले को राजनीतिक साजिश करार दिया है। उनका कहना है कि इस मामले का उद्देश्य उन्हें और उनकी छवि को नुकसान पहुँचाना है। ट्रंप का कहना है कि उन्हें किसी भी अपराध के लिए दोषी नहीं ठहराया जा सकता क्योंकि यह मामला पूरी तरह से राजनीति से प्रेरित है। इसके बावजूद,ट्रंप को कानूनी प्रक्रिया का सामना करना पड़ रहा है और उन्हें अदालत में पेश होना ही होगा।

ट्रंप के खिलाफ यह मामला अमेरिका के राजनीतिक इतिहास में एक महत्वपूर्ण मोड़ है। किसी अमेरिकी राष्ट्रपति के खिलाफ इस तरह के आरोप पहले कभी नहीं लगे थे। इससे पहले,अमेरिकी राष्ट्रपति पर इस तरह के गंभीर आरोप नहीं लगे थे और न ही उन्हें कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ा था। ट्रंप के खिलाफ इस मामले के चलते अमेरिकी राजनीति में एक नई दिशा की संभावना बन सकती है,क्योंकि यह घटना राजनीति,कानून और मीडिया के बीच के रिश्तों को फिर से परिभाषित कर सकती है।

सवाल यह उठता है कि ट्रंप के खिलाफ चल रहे इस कानूनी मामले का उनकी आगामी राष्ट्रपति की शपथ ग्रहण पर क्या असर पड़ेगा? क्या यह मामला उनके राजनीतिक भविष्य को प्रभावित करेगा? फिलहाल,इस पर कुछ भी कहना मुश्किल है,लेकिन यह घटना अमेरिकी राजनीति में एक अहम मोड़ साबित हो सकती है,जो भविष्य में ट्रंप के लिए एक चुनौती बन सकती है।