मैं पुलिस शिकायत पर खुश हूं, जल्द ही ट्रायल शुरू होने की उम्मीद: सेवानिवृत्त जज कर्णन

चेन्नई, 28 अक्टूबर (युआईटीवी/आईएएनएस)-| हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त जज सी.एस. कर्णन चेन्नई पुलिस की साइबर अपराध शाखा में अपने खिलाफ मामला दर्ज होने से खुश हैं क्योंकि वह पिछले कई वर्षों से इसी के लिए लड़ रहे थे।

कर्णन ने आईएएनएस को बताया, “मुझे खुशी है कि मेरे खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। जब यह मामला मुकदमे में जाएगा, तो मैं जनता को उन मुद्दों से अवगत करा पाऊंगा जिनके लिए मुझे सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार 2017 में अदालत की अवमानना के लिए 6 महीने के लिए जेल जाना पड़ा था।”

उन्होंने यह भी कहा कि जांच के लिए बुलाए जाने पर वे चेन्नई पुलिस के साथ सहयोग करेंगे।

कर्णन के वकील पीटर रमेश कुमार ने आईएएनएस को बताया, “10 महिला वकीलों द्वारा उनके खिलाफ भारत के मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखने के बाद साइबर क्राइम विंग ने रिटायर्ड जस्टिस कर्णन के खिलाफ मामला दर्ज किया है। सुप्रीम कोर्ट ने महिलाओं को उपयुक्त अधिकारियों से संपर्क करने के लिए कहा था।”

कर्णन ने कहा, “मुझ पर आईपीसी की धारा 295 और 351 के तहत और महिला उत्पीड़न कानूनों के तहत भी मामला दर्ज किया गया है।”

मद्रास हाई कोर्ट की एक अधिवक्ता एस. देविका ने कर्णन के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। कर्णन ने कहा, “शिकायतकर्ता एक पीड़ित पार्टी नहीं है। सेवानिवृत्त सुप्रीम कोर्ट की जज आर. बनुमथी जो कि सीधे तौर पर पीड़ित हैं वही शिकायत दर्ज करा सकती हैं।”

कर्णन ने हाल ही में एक वीडियो जारी किया था जिसमें उन्हें आपत्तिजनक टिप्पणी करते हुए और न्यायपालिका के अधिकारियों के खिलाफ यौन हिंसा की धमकी देते हुए सुना गया था।

उन्होंने यह भी आरोप लगाया था कि उच्चतम न्यायालय और उच्च न्यायालय के कुछ न्यायाधीशों ने महिला कर्मचारियों के साथ यौन उत्पीड़न किया और उन्होंने कथित पीड़ितों के नाम भी लिए थे।

कर्णन ने कहा, “वे अदालत की अवमानना के लिए मेरे खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं कर रहे हैं? वास्तव में उन्हें इसी के लिए कार्रवाई करनी चाहिए न कि पुलिस की शिकायत पर।”

बनुमथी के घर जाने के मुद्दे पर कर्णन ने कहा, “मैंने कुछ गलत नहीं किया। मैंने विजिटर बुक में अपना नाम लिखा और सुरक्षा अधिकारी की अनुमति से उस ब्लॉक में गया जहां वह रहतीं हैं। उनके घर का दरवाजा खटखटाया।”

कर्णन ने आरोप लगाया कि बनुमथी के दामाद और बेटी ने उनके साथ मारपीट करने की कोशिश की और उनके खिलाफ पुलिस शिकायत दर्ज की थी।

बता दें कि जब कर्णन कलकत्ता उच्च न्यायालय में जज थे तब उन्हें सुप्रीम कोर्ट ने 2017 में अदालत की अवमानना करने के लिए 6 महीने की जेल की सजा सुनाई थी। उन्हें कोलकाता पुलिस ने गिरफ्तार किया था और उन्होंने अपनी 6 महीने की सजा भी पूरी की थी।

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