बेंगलुरु,29 फरवरी (युआईटीवी)- मैं ‘मजबूत प्रधानमंत्री के साथ मजबूत सरकार’ का मंत्री हूँ,यह बात यूक्रेन के साथ संघर्ष के दौरान मॉस्को पर लगे प्रतिबंधों के बीच रूसी तेल खरीदने पर कड़ा रुख अपनाते हुए हुबली के बीवीबी कॉलेज में विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा।
संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी द्वारा शुरू किए गए विकास कार्यों पर एक पुस्तिका को हुबली के बीवीबी कॉलेज में विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने जारी की। भारत का यूरोपीय देशों के दबाव की बातों को स्वीकारते हुए विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि भारत यूरोपीय देशों के “बड़े दबाव में” था। भारत पर यूरोपीय देशों का यह दबाव रूस के साथ उसके तेल व्यापार को अस्वीकार करने के कारण उत्पन्न हुआ था। उन्होंने कहा कि यह तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की स्पष्ट दृष्टि थी,जिसने उस समय सहायता की।
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि,एक ऐसा मजबूत प्रधानमंत्री हमारे पास है,जो भारतीय उपभोक्ता का हित पहले आएगा,इसके बारे में बहुत स्पष्ट था। लोग अक्सर कहते हैं कि आपने जो कदम उठाया वह बहुत ही कठोर कदम था। मेरे द्वारा उठाया गया रुख कड़े थे,क्योंकि मैं एक मजबूत प्रधानमंत्री की सरकार का मंत्री हूँ।
विदेश मंत्री जयशंकर ने पिछले दिनों मजाकिया अंदाज में कहा था कि,यूरोप द्वारा एक दोपहर में की जाने वाली तेल खरीद से कम ही भारत की तेल खरीद है। जिस पर पलटवार करते हुए उन्होंने कहा था कि रूसी तेल का नई दिल्ली द्वारा ख़रीदा जाना,किसी दूसरे के लिए चिंता का विषय नहीं होना चाहिए।
रूस के साथ अपने मैत्रीपूर्ण संबंधों की पुष्टि करते हुए विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने एक जर्मन दैनिक से इस महीने की शुरुआत में बात करते हुए कहा था कि,नई दिल्ली के हितों को मास्को ने कभी भी नुकसान नहीं पहुँचाया है।
रूस और यूक्रेन के मध्य युद्ध फरवरी 2022 में छिड़ा है। रूस और यूक्रेन के मध्य युद्ध छिड़ने के बाद से तेजी से सदाबहार दोस्तों के बीच द्विपक्षीय संबंधों की जाँच की जा रही है।
विदेश मंत्री जयशंकर ने भीड़ की तालियों और जयकारों के मध्य प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सराहना करते हुए कहा कि,”विदेश मंत्री बनना अच्छा है, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का विदेश मंत्री बनना तो बहुत ही अच्छा है।”