भारत सरकार ने बलूचिस्तान टाइम्स और बलूचिस्तान पोस्ट के सोशल मीडिया हैंडल पर लगाया प्रतिबंध (तस्वीर क्रेडिट@Cyber_Huntss)

भारत-पाकिस्तान तनाव के बीच भारत सरकार ने बलूचिस्तान टाइम्स और बलूचिस्तान पोस्ट के सोशल मीडिया हैंडल पर लगाया प्रतिबंध

नई दिल्ली,5 मई (युआईटीवी)- भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच भारत सरकार ने एक और सख्त कदम उठाते हुए दो प्रमुख पाकिस्तानी न्यूज पोर्टल—बलूचिस्तान टाइम्स और बलूचिस्तान पोस्ट के सोशल मीडिया एक्स (पूर्व में ट्विटर) हैंडल्स पर देश में प्रतिबंध लगा दिया है। यह कार्रवाई हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद की गई है,जिसमें 26 निर्दोष लोगों की जान चली गई थी।

सरकार ने यह कदम भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा,संप्रभुता और सूचना के दुरुपयोग को रोकने के लिए उठाया है। आरोप है कि ये दोनों पोर्टल भारत विरोधी प्रचार और पाकिस्तान समर्थित विचारधाराओं को बढ़ावा दे रहे थे।

22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने भारत को हिला कर रख दिया। इस हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तान स्थित प्रतिबंधित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े समूह द रेजिस्टेंस फ्रंट ने ली थी,हालाँकि बाद में उन्होंने अपनी भूमिका से इनकार कर दिया।

हमले के बाद भारत ने स्पष्ट संकेत दे दिया कि वह आतंकवाद को किसी भी स्तर पर बर्दाश्त नहीं करेगा। इसके बाद कई स्तरों पर सुरक्षा और कूटनीतिक रणनीति के तहत कार्रवाई शुरू कर दी गई।

बलूचिस्तान टाइम्स और बलूचिस्तान पोस्ट को भारत में इसलिए प्रतिबंधित किया गया,क्योंकि इन प्लेटफार्म्स पर बार-बार ऐसी सामग्री साझा की जा रही थी,जो भारत की संप्रभुता,एकता और सामाजिक सौहार्द के लिए खतरा बन रही थी। गृह मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, “इन प्लेटफार्म्स का उद्देश्य भारत विरोधी एजेंडा चलाना और पाकिस्तान की छवि को ‘शोषित’ दिखाते हुए वैश्विक सहानुभूति जुटाना था।”

इससे पहले भी सरकार ने कई पाकिस्तानी नेताओं और मीडिया प्लेटफार्म्स के सोशल मीडिया अकाउंट्स पर भारत में रोक लगाई थी,जिसमें बिलावल भुट्टो जरदारी (पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी अध्यक्ष),इमरान खान (पूर्व प्रधानमंत्री),भारत को हाल ही में परमाणु हमले की धमकी देने वाले पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ आदि शामिल हैं। इनके एक्स अकाउंट्स भारत में अब अप्राप्य हैं।

सरकार ने न सिर्फ सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स,बल्कि पाकिस्तान के प्रमुख यूट्यूब चैनलों को भी भारत में प्रतिबंधित किया है। इनमें डॉन न्यूज,एआरवाई न्यूज,जियो न्यूज,बोल न्यूज,इरशाद भट्टी,समा स्पोर्ट्स,जीएनएन और शोएब अख्तर का चैनल शामिल हैं।

इन चैनलों पर आरोप है कि ये बार-बार भ्रामक जानकारी,फर्जी वीडियो और भारत विरोधी बयान प्रकाशित करते रहे हैं,जिससे देश में अफवाहें फैलती हैं और सामाजिक तनाव बढ़ता है।

भारत ने सिर्फ सोशल मीडिया पर ही नहीं,बल्कि नीतिगत और राजनयिक स्तर पर भी सख्त रुख अपनाया है। पहलगाम हमले के बाद भारत ने कई कड़े कदम उठाए,जिसमें 1960 का सिंधु जल समझौता निलंबित किया जाना,अटारी इंटिग्रेटेड चेक पोस्ट (आईसीपी) को बंद किया जाना,पाकिस्तानी नागरिकों के लिए वीजा सेवाओं को स्थगित किया जाना शामिल है।

ये सारे कदम एक स्पष्ट संदेश हैं कि जब तक पाकिस्तान अपनी ज़मीन से चल रहे आतंकी नेटवर्क्स को रोकने के लिए जिम्मेदारी नहीं लेता,तब तक भारत कूटनीतिक नरमी नहीं बरतेगा।

भारत ने पाकिस्तान को सिर्फ घरेलू स्तर पर ही नहीं,बल्कि अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर भी अलग-थलग करने की रणनीति अपना ली है। संयुक्त राष्ट्र,जी -20 और अन्य वैश्विक मंचों पर भारत अब आतंकवाद के मुद्दे को और आक्रामक रूप से उठाने की योजना बना रहा है।

एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि, “हम पाकिस्तान की दोहरी नीति को उजागर करेंगे। एक ओर वे शांति की बात करते हैं और दूसरी ओर उनकी जमीन से आतंकवाद पनपता है।”

भारत की यह कार्रवाई केवल सूचना प्लेटफॉर्म्स तक सीमित नहीं है,बल्कि यह एक व्यापक रणनीति का हिस्सा है,जिसमें देश की सुरक्षा,अखंडता और जनता को प्रचार-प्रसार के हथियारों से सुरक्षित रखने का प्रयास किया जा रहा है। बलूचिस्तान टाइम्स और बलूचिस्तान पोस्ट जैसे प्लेटफॉर्म्स पर प्रतिबंध लगाकर भारत ने स्पष्ट कर दिया है कि अब वह सिर्फ सीमाओं पर नहीं,बल्कि डिजिटल स्पेस में भी अपनी सुरक्षा को लेकर सजग है।