नई दिल्ली,9 मई (युआईटीवी)- भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव और हालिया आतंकी हमलों के बीच भारत सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि वह किसी भी उकसावे वाली कार्रवाई का पूरी ताकत से जवाब देगा। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने गुरुवार देर रात अमेरिका समेत कई प्रमुख देशों के अपने समकक्षों से बातचीत की और भारत के रुख को मजबूती से रखा।
जयशंकर की सबसे अहम बातचीत अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो से हुई। इस चर्चा के दौरान उन्होंने भारत की सीमा पार आतंकवाद के खिलाफ लक्षित और संतुलित प्रतिक्रिया को रेखांकित किया। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने बातचीत के बाद सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “सीमा पार आतंकवाद के प्रति भारत की लक्षित और संतुलित प्रतिक्रिया को रेखांकित किया। तनाव बढ़ाने का किसी भी प्रकार की कोशिश की गई तो उसका दृढ़ता से मुकाबला किया जाएगा।”
अमेरिकी पक्ष से भी भारत को समर्थन मिला। विदेश विभाग के आधिकारिक बयान में कहा गया कि अमेरिका पहलगाम आतंकी हमले की निंदा करता है और आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत के साथ खड़ा है।
रुबियो ने भारत और पाकिस्तान के बीच प्रत्यक्ष संवाद की वकालत करते हुए यह भी कहा कि अमेरिका तनाव को कम करने के प्रयासों में राजनयिक मार्ग अपनाने का समर्थक है। उन्होंने दोनों देशों के बीच संचार में सुधार के लिए निरंतर प्रयासों को प्रोत्साहित करने की बात कही।
विदेश मंत्री जयशंकर ने अमेरिका के अलावा इटली और यूरोपीय संघ के नेताओं से भी बातचीत की। उन्होंने इटली के उप प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री एंटोनियो तजानी से चर्चा करते हुए भारत की आतंकवाद के खिलाफ स्पष्ट नीति को दोहराया। उन्होंने कहा, “आतंकवाद का दृढ़ता से मुकाबला करने के लिए भारत की लक्षित और नियंत्रित प्रतिक्रिया पर चर्चा की गई। किसी भी प्रकार के तनाव बढ़ाने वाली कार्रवाई की कड़ी प्रतिक्रिया होगी।”
Spoke with US @SecRubio this evening.
Deeply appreciate US commitment to work with India in the fight against terrorism.
Underlined India’s targeted and measured response to cross-border terrorism. Will firmly counter any attempts at escalation.
🇮🇳 🇺🇸
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) May 8, 2025
इसके अलावा,जयशंकर ने एस्टोनिया की राजनेता और यूरोपीय आयोग की उपाध्यक्ष काजा काल्लास से भी बात की। बातचीत में उन्होंने भारत की संयमित कार्रवाई को रेखांकित किया और कहा कि भारत ने अब तक पूरे संयम के साथ काम लिया है, लेकिन यदि किसी भी प्रकार की उकसाने का प्रयास किया जाएगा,तो उसे कड़ा जवाब दिया जाएगा।
जयशंकर की इन कूटनीतिक चर्चाओं का मुख्य संदेश यह था कि भारत अब किसी भी आतंकवादी हमले को सहन नहीं करेगा। पहलगाम में हुए हमले और उसके बाद पाकिस्तान की ओर से हमलों की कोशिशें भारत की सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा हैं। इसके जवाब में भारत ने अपनी डिप्लोमैटिक फ्रंट पर एकजुटता दिखाते हुए यह संदेश दिया है कि वह राजनीतिक,कूटनीतिक और सैन्य स्तर पर पूरी तरह से तैयार है।
जहाँ एक ओर भारत संयम और जिम्मेदारी दिखा रहा है,वहीं दूसरी ओर यह स्पष्ट कर रहा है कि देश की सुरक्षा और नागरिकों की जान से खिलवाड़ करने वाले किसी भी तत्व को कड़ी प्रतिक्रिया का सामना करना होगा।
जयशंकर की इन बैठकों से यह भी संकेत मिला है कि भारत को वैश्विक समर्थन मिल रहा है। अमेरिका,यूरोपीय संघ और इटली जैसे प्रमुख देशों ने आतंकवाद के खिलाफ भारत की नीति का समर्थन किया है। यह दर्शाता है कि दुनिया अब पाकिस्तान की गतिविधियों को केवल “आंतरिक मामला” मानकर नजरअंदाज नहीं कर रही।
भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने मौजूदा हालात में न केवल कूटनीतिक स्तर पर सक्रिय भूमिका निभाई,बल्कि दुनिया को यह भी समझा दिया कि भारत अब आतंकवाद को लेकर किसी भी तरह की नरमी नहीं बरतेगा। अमेरिका,यूरोप और अन्य अंतर्राष्ट्रीय सहयोगियों से बातचीत कर भारत ने यह साफ कर दिया है कि यदि सीमा पार से उकसावा होगा,तो उसका जवाब निर्णायक और सख्त होगा।