विदेश मंत्री एस.जयशंकर

‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत भारत ने आतंकवाद पर किया निर्णायक प्रहार,विदेश मंत्री ने दुनिया से आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस दिखाने की कही बात

नई दिल्ली,7 मई (युआईटीवी)- भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ नामक एक बड़ी सैन्य कार्रवाई को अंजाम देते हुए आतंकवाद पर निर्णायक प्रहार किया है। भारत ने एक बार फिर से आतंकवाद के खिलाफ अपने सख्त रुख को दुनिया के सामने स्पष्ट कर दिया है। 22 अप्रैल 2025 को कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 25 भारतीय और 1 नेपाली नागरिक की मौत के बाद भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान और पीओके में 9 बड़े आतंकी ठिकानों पर हमला किया गया।

इस ऑपरेशन के तहत भारतीय सेना ने पाकिस्तान और पाकिस्तान-अधिकृत कश्मीर (पीओके) में फैले 9 प्रमुख आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया और उन्हें पूरी तरह से नष्ट कर दिया। यह कार्रवाई एक बार फिर भारत के आतंकवाद के प्रति ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति को दर्शाती है।

विदेश मंत्री एस.जयशंकर ने इस कार्रवाई के बाद सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “दुनिया को आतंकवाद के प्रति जीरो टॉलरेंस दिखाना चाहिए। भारत अपने नागरिकों की सुरक्षा के लिए हर आवश्यक कदम उठाएगा।”

जयशंकर का यह बयान भारत की कूटनीतिक दिशा को स्पष्ट करता है,जहाँ आतंक के खिलाफ न सिर्फ सशस्त्र जवाब है,बल्कि वैश्विक समुदाय पर भी दबाव बनाने की नीति है।

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार,प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऑपरेशन सिंदूर की योजना और निष्पादन पर खुद रातभर नजर रखी। उन्होंने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल,सेना प्रमुख और वायुसेना प्रमुख के साथ लगातार संपर्क में रहते हुए इस मिशन की निगरानी की।

भारतीय सेना के प्रवक्ता ने प्रेस को संबोधित करते हुए बताया कि, “हमारा लक्ष्य केवल आतंकवादी ठिकानों को खत्म करना था। हमने ध्यान रखा कि किसी पाकिस्तानी नागरिक या सैन्य ढाँचे को नुकसान न पहुँचे। ऑपरेशन का उद्देश्य तनाव बढ़ाना नहीं,बल्कि आतंक के ढाँचे को समाप्त करना था।”

सेना ने बताया कि जिन 9 ठिकानों को निशाना बनाया गया,वे आतंकी समूहों के प्रशिक्षण केंद्र,लॉजिस्टिक हब और कम्युनिकेशन बेस थे। विशेष रूप से उन ठिकानों को निशाना बनाया गया,जहाँ पहलगाम हमले की साजिश रची गई थी।

भारतीय खुफिया एजेंसियों की रिपोर्टों के अनुसार,लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े संगठन द रेजिस्टेंस फ्रंट ने पहलगाम हमले की जिम्मेदारी ली थी। इस हमले का उद्देश्य कश्मीर में सामान्य स्थिति को बिगाड़ना और भारत में अस्थिरता फैलाना था।

इसके बाद भारत ने दो-स्तरीय रणनीति अपनाई। एक ओर कूटनीतिक दबाव बनाया गया,वहीं दूसरी ओर सैन्य जवाब की तैयारियाँ शुरू की गईं। ऑपरेशन सिंदूर इसी रणनीतिक योजना का परिणाम है।

विशेषज्ञों की मानें तो ऑपरेशन सिंदूर, 2019 के बालाकोट एयरस्ट्राइक के बाद भारत का सबसे बड़ा सीमा पार सैन्य अभियान है। इस बार भी कार्रवाई में सटीक खुफिया जानकारी,रात में गुप्त मिशन और उच्च तकनीक युक्त हमले शामिल थे।

सेना के प्रवक्ता के अंतिम शब्द “न्याय हुआ,जय हिंद” इस ऑपरेशन की सफलता का प्रतीक हैं। भारत ने एक बार फिर से स्पष्ट कर दिया है कि आतंकवाद के खिलाफ न तो कोई नरमी होगी,न कोई संदेह।

यह ऑपरेशन न केवल आतंकियों को चेतावनी है,बल्कि अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के लिए भी एक संदेश है कि भारत अब प्रतिक्रिया नहीं,पहल करता है।