ऑपरेशन सिंदूर अभी खत्म नहीं हुआ है (तस्वीर क्रेडिट@jpsin1)

पुर्तगाल में भारतीय दूतावास के बाहर पाकिस्तान समर्थित प्रदर्शन पर भारत ने दिया सख्त संदेश,कहा- ‘ऑपरेशन सिंदूर खत्म नहीं हुआ’

लिस्बन/नई दिल्ली,19 मई (युआईटीवी)- पुर्तगाल की राजधानी लिस्बन में स्थित भारतीय दूतावास के बाहर पाकिस्तान समर्थित समूहों द्वारा आयोजित विरोध प्रदर्शन को लेकर भारत ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। भारतीय अधिकारियों ने इस विरोध को न केवल भारत के खिलाफ उकसावा बताया,बल्कि “ऑपरेशन सिंदूर” का हवाला देते हुए आतंकवाद के खिलाफ अपने कड़े रुख को दोहराया। भारत ने यह साफ कर दिया कि वह सीमापार आतंकवाद,दबाव,धमकी या अंतर्राष्ट्रीय मंच पर उकसावे की किसी भी साजिश को बर्दाश्त नहीं करेगा।

लिस्बन स्थित भारतीय दूतावास के बाहर पाकिस्तान समर्थक तत्वों ने विरोध प्रदर्शन का आयोजन किया। यह प्रदर्शन ऐसे समय में हुआ,जब भारत की सैन्य कार्रवाई ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को लेकर पाकिस्तान समर्थित आतंकी समूहों में हलचल है। विरोध को देखते हुए पुर्तगाल सरकार और वहाँ की पुलिस ने भारतीय दूतावास के आसपास सुरक्षा व्यवस्था को तत्काल मजबूत किया और प्रदर्शन के दौरान किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना नहीं होने दी।

भारतीय दूतावास ने इस पूरी घटना पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स ‘ (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा, “भारत ऐसे किसी उकसावे से डरने वाला नहीं है। ऑपरेशन सिंदूर अभी खत्म नहीं हुआ है।”

इस बयान के साथ ही दूतावास ने पुर्तगाल सरकार और स्थानीय पुलिस अधिकारियों का आभार व्यक्त किया,जिन्होंने प्रदर्शन के दौरान दूतावास की सुरक्षा सुनिश्चित की।

पुर्तगाल में भारत के राजदूत पुनीत रॉय कुंडल ने भी इस पूरे घटनाक्रम पर स्पष्ट और ठोस संदेश दिया। उन्होंने लिखा, दूतावास के बाहर पाकिस्तान की तरफ से आयोजित विरोध प्रदर्शन का जवाब हमारी ओर से मौन,लेकिन मजबूत और दृढ़ संदेश के साथ दिया गया कि, ‘ऑपरेशन सिंदूर अभी खत्म नहीं हुआ है’।

राजदूत का यह बयान न केवल भारत के कूटनीतिक दृष्टिकोण को उजागर करता है, बल्कि यह भी बताता है कि भारत अब अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर भी आतंकवाद के खिलाफ रक्षात्मक नहीं,आक्रामक रणनीति के साथ खड़ा है।

‘ऑपरेशन सिंदूर’ 22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में भारतीय सेना द्वारा की गई सैन्य कार्रवाई है। इस हमले में 26 निर्दोष नागरिकों की जान चली गई थी और यह हमला पाकिस्तान समर्थित आतंकवादी संगठनों द्वारा किया गया था।

इसके जवाब में भारत ने सीमापार जाकर पीओके और पाकिस्तान की सरहद के भीतर आतंकी ठिकानों पर सटीक हमले किए,जिन्हें ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के नाम से जाना गया। यह नाम देश के बहादुरों के बलिदान की याद दिलाता है और यह संदेश देता है कि भारत की ओर कोई भी आँख उठाकर देखेगा,तो उसे करारा जवाब मिलेगा।

पुर्तगाल में हुए प्रदर्शन और उस पर भारत की प्रतिक्रिया से यह स्पष्ट हो गया है कि भारत की विदेश नीति अब निर्णायक,स्पष्ट और आक्रामक है,विशेषकर जब बात आतंकवाद और राष्ट्रीय सुरक्षा की हो।

दूतावास की प्रतिक्रिया ने यह भी साफ कर दिया कि राजनयिक मिशन ऐसे किसी भी विरोध या धमकी के आगे झुकने वाले नहीं हैं। भारत की संप्रभुता,प्रतिष्ठा और सुरक्षा से किसी भी प्रकार का समझौता नहीं किया जाएगा,चाहे वह प्रदर्शन किसी विदेशी जमीन पर ही क्यों न हो।

लिस्बन प्रशासन और पुर्तगाली पुलिस ने भारतीय दूतावास के साथ पूरी तरह सहयोग किया। उन्होंने प्रदर्शन स्थल पर सख्त निगरानी रखी और सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित की,जिससे यह विरोध प्रदर्शन किसी हिंसक रूप में न बदल पाए।

भारत ने इस सहयोग के लिए पुर्तगाल सरकार और उसकी सुरक्षा एजेंसियों का धन्यवाद भी किया। यह कूटनीतिक समन्वय दोनों देशों के मजबूत संबंधों को दर्शाता है।

पुर्तगाल में हुआ यह विरोध प्रदर्शन और भारत की प्रतिक्रिया केवल एक राजनयिक घटनाक्रम नहीं था,बल्कि यह एक वैश्विक संदेश है। यह संदेश उन ताकतों को है जो पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद के सहारे भारत को डराना चाहते हैं।

“ऑपरेशन सिंदूर अभी खत्म नहीं हुआ है” – यह वाक्य अब केवल एक सैन्य अभियान का नाम नहीं,बल्कि भारत की नई कूटनीतिक और सामरिक नीति का प्रतीक बन गया है,जो हर मोर्चे पर आतंकी ताकतों को जवाब देने के लिए तैयार है –देश के भीतर भी और सीमाओं के पार भी।