यरूशलम,24 मार्च (युआईटीवी)- हमास के कब्जे में मौजूद इजरायली बंधकों की रिहाई के प्रयासों और गाजा में इजरायल के हमलों को लेकर इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू और अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने फोन पर चर्चा की। रविवार को नेतन्याहू के कार्यालय से एक बयान जारी कर कहा गया कि दोनों नेताओं ने इजरायली बंधकों की रिहाई और गाजा में जारी संघर्ष के बारे में विस्तार से बातचीत की।
बयान में यह भी कहा गया कि अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने इस अवसर पर अमेरिका द्वारा इजरायल और उसकी नीतियों के प्रति अडिग समर्थन व्यक्त किया। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि अमेरिका इस संघर्ष में इजरायल के साथ है और भविष्य में भी उसका समर्थन जारी रहेगा।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार,इजरायल ने मंगलवार को गाजा में हवाई और जमीनी हमले फिर से शुरू कर दिए हैं,जिससे दो महीने से चल रहा युद्ध विराम समाप्त हो गया है। गाजा के स्वास्थ्य अधिकारियों के अनुसार,इस ताजे बमबारी में करीब 673 लोग मारे गए हैं,जबकि 1,233 अन्य घायल हो गए हैं। यह आँकड़े बताते हैं कि गाजा में स्थिति कितनी गंभीर हो गई है और नागरिकों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है।
इस बीच,हमास ने इजरायल पर आरोप लगाया कि उसने जनवरी में हुए युद्ध विराम समझौते को तोड़ दिया है। हमास के प्रवक्ता ताहिर अल-नुनू ने शुक्रवार को एक बयान में कहा कि उनका समूह युद्ध विराम को फिर से बहाल करने के लिए मध्यस्थों के नए प्रस्तावों का मूल्यांकन कर रहा है। इनमें अमेरिकी दूत स्टीव विटकॉफ का “ब्रिजिंग” प्रस्ताव भी शामिल है,जिसे हमास द्वारा गंभीरता से देखा जा रहा है।
इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने 16 फरवरी को यह स्पष्ट किया था कि अगर हमास इजरायल के सभी बंधकों को वापस नहीं करता है,तो वे “नरक के द्वार खोल देंगे”। यह बयान इस ओर इशारा करता है कि नेतन्याहू का उद्देश्य हमास से बंधकों की रिहाई के लिए हर संभव दबाव बनाना है। इस बयान में उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के “गाजा के भविष्य के लिए साहसिक दृष्टिकोण” की भी सराहना की,जो गाजा को इजरायल के लिए एक स्थायी खतरे से मुक्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम था।
नेतन्याहू और रुबियो के बीच हुए फोन कॉल के बाद एक संयुक्त बयान जारी किया गया,जिसमें कहा गया कि गाजा में अमेरिका और इजरायल की साझा रणनीति है,जो हमास के सैन्य और राजनीतिक शासन को समाप्त करने की दिशा में काम कर रही है। नेतन्याहू ने कहा कि “हम हमेशा अपनी रणनीति का सार्वजनिक रूप से विवरण नहीं दे सकते,जिसमें यह भी शामिल है कि ‘नरक के द्वार कब खोले जाएँगे’,क्योंकि यदि हमारे सभी बंधकों को अंतिम बंधक तक रिहा नहीं किया गया तो ये द्वार अवश्य खोले जाएँगे।”
प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने यह भी कहा कि उनका लक्ष्य गाजा में हमास की सैन्य क्षमता और उसके राजनीतिक शासन को पूरी तरह समाप्त करना है। उन्होंने यह स्पष्ट किया कि इजरायल अपने सभी बंधकों को वापस लाएगा और यह सुनिश्चित करेगा कि गाजा फिर कभी इजरायल के लिए खतरा न बने।
यह संकट इजरायल और गाजा के बीच लंबे समय से चल रहे संघर्ष का एक और गंभीर मोड़ है,जो कई बार हिंसा और युद्ध के रूप में उभर चुका है। इस बीच, इजरायल और हमास के बीच संघर्ष ने ना केवल स्थानीय नागरिकों के लिए बल्कि अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के लिए भी चिंता का कारण बना दिया है। इजरायल द्वारा गाजा में सैन्य हमले और हमास द्वारा यह आरोप लगाना कि इजरायल ने युद्ध विराम समझौते का उल्लंघन किया,इस संघर्ष को और भी जटिल बना रहे हैं।
अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो का बयान यह दर्शाता है कि अमेरिका इजरायल के पक्ष में खड़ा है और यह संघर्ष समाप्त करने के लिए अमेरिका अपनी भूमिका निभाएगा। अमेरिकी प्रशासन का इजरायल के प्रति समर्थन न केवल सैन्य सहयोग के रूप में है,बल्कि यह भी स्पष्ट करता है कि अमेरिका इजरायल की सुरक्षा और क्षेत्रीय स्थिरता को प्राथमिकता देता है।
यह घटनाक्रम भविष्य में गाजा और इजरायल के बीच तनाव को और बढ़ा सकता है और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के लिए यह चुनौती है कि वह इस संघर्ष को शांतिपूर्ण ढंग से हल करने के लिए मध्यस्थता करे। इस बीच,इजरायल के प्रधानमंत्री ने यह भी साफ कर दिया कि वे किसी भी स्थिति में अपने बंधकों की रिहाई के लिए हर संभव कदम उठाएँगे।