इजरायली-अमेरिकी बंधक एडन अलेक्जेंडर हमास की कैद से रिहा हुए (तस्वीर क्रेडिट@gaurav5pandey)

इजरायली-अमेरिकी बंधक एडन अलेक्जेंडर हमास की कैद से हुए रिहा,19 महीने बाद लौटे अपने देश

यरूशलम,13 मई (युआईटीवी)- गाजा पट्टी से इजरायल और दुनिया भर में एक बड़ी राहत की खबर सामने आई है। इजरायली-अमेरिकी दोहरी नागरिकता रखने वाले एडन अलेक्जेंडर को हमास ने 19 महीने की लंबी कैद के बाद आखिरकार रिहा कर दिया है। वे अब सुरक्षित रूप से इजरायल पहुँच चुके हैं और अपने परिवार से मिल चुके हैं। इजरायल के रक्षा मंत्रालय ने इस बात की पुष्टि की है कि एडन अब दक्षिणी इजरायल के रीम सैन्य अड्डे में मौजूद हैं और उनका मेडिकल परीक्षण किया जा रहा है।

एडन अलेक्जेंडर की रिहाई किसी सैन्य ऑपरेशन से नहीं,बल्कि सीधे बातचीत के जरिए संभव हुई। वाशिंगटन और हमास के बीच हुई बातचीत के बाद यह ऐतिहासिक फैसला लिया गया। इस समझौते के तहत एडन को गाजा के दक्षिणी हिस्से में स्थित खान यूनिस शहर में रेड क्रॉस की टीम को सौंपा गया। इसके बाद उन्हें इजरायली सेना के बफर जोन में लाया गया और फिर रीम सैन्य अड्डे पहुँचाया गया।

रिहाई की इस प्रक्रिया के दौरान इलाके में पूरी तरह शांति रही। आमतौर पर जिस गाजा पट्टी में युद्ध और हिंसा का बोलबाला रहता है,वहाँ इस दौरान कोई गोलीबारी या सैन्य कार्रवाई नहीं हुई। यह अपने आप में एक असाधारण स्थिति थी,जो बताती है कि इस समझौते के पीछे काफी गहरी कूटनीति और बातचीत हुई है।

गाजा में लिए गए एक वीडियो फुटेज में देखा गया कि एडन काली टी-शर्ट और बेसबॉल टोपी पहने हुए थे और हथियारों से लैस हमास आतंकवादियों तथा रेड क्रॉस की एक महिला के साथ हैंडओवर प्रक्रिया में भाग ले रहे थे। यह एक बेहद संवेदनशील क्षण था,जो एक साथ डर और राहत दोनों लेकर आया।

अलेक्जेंडर की रिहाई पर सबसे पहले अमेरिका की ओर से प्रतिक्रिया आई। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘ट्रुथ सोशल’ पर खुशी जताते हुए कहा, “आख़िरी जिंदा अमेरिकी बंधक एडन अलेक्जेंडर को रिहा किया जा रहा है। उनके अद्भुत माता-पिता,परिवार और दोस्तों को बधाई!”

इधर,इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने भी बयान जारी कर कहा,”पूरा देश एडन को गले लगाता है। यह हमारे लिए एक भावनात्मक पल है।”

इन बयानों से साफ है कि अलेक्जेंडर की रिहाई सिर्फ एक व्यक्तिगत राहत नहीं, बल्कि राजनीतिक और कूटनीतिक सफलता भी मानी जा रही है।

इजरायल के स्वास्थ्य मंत्रालय की प्रवक्ता शिरा सोलोमन ने बताया कि अलेक्जेंडर का रीम सैन्य अड्डे पर प्रारंभिक मेडिकल चेकअप किया गया है। अब उन्हें आगे के इलाज और मानसिक पुनर्वास के लिए तेल अवीव के इचिलोव अस्पताल में भर्ती किया जाएगा।

शिरा सोलोमन ने कहा कि डॉक्टरों,मनोवैज्ञानिकों और कर्मचारियों की पूरी टीम अलेक्जेंडर की शारीरिक और मानसिक स्थिति का ध्यान रखने के लिए तैयार है। साथ ही,उनके परिवार को भी हर संभव सहायता प्रदान की जाएगी। एक बंधक के तौर पर लंबा समय बिताने के बाद यह जरूरी है कि व्यक्ति को पुनः सामान्य जीवन में वापस लाया जाए।

हमास के सैन्य संगठन “अल-क़स्साम ब्रिगेड” ने कहा कि अलेक्जेंडर की रिहाई एक समझौते के तहत की गई है। इस समझौते का उद्देश्य केवल एक व्यक्ति की रिहाई नहीं था,बल्कि इसके माध्यम से युद्धविराम,बॉर्डर क्रॉसिंग का खुलना और गाजा में राहत सामग्री पहुँचाने की कोशिश की गई है।

यह स्पष्ट करता है कि हमास भी अब कूटनीतिक बातचीत के जरिए कुछ राहत चाहता है,क्योंकि गाजा में स्थिति बेहद भयावह हो चुकी है। हजारों लोग विस्थापित हैं, भोजन और दवा की भारी कमी है और अंतर्राष्ट्रीय दबाव भी बढ़ रहा है।

अमेरिकी मूल के नागरिक एडन अलेक्जेंडर इजरायली सेना में भर्ती थे। हमास ने जब 7 अक्टूबर 2023 को एक बड़ा आतंकी हमला किया था,उस दौरान उन्हें अगवा कर लिया गया था। करीब 1,200 लोगों की उस आतंकी हमले में मौत हो गई थी और 251 लोगों को बंधक बना लिया गया था। इनमें से अब भी कई लापता हैं।

एडन का अगवा होना उस हमले की सबसे बड़ी मानवीय त्रासदियों में से एक माना गया था। उनकी रिहाई इस पूरे बंधक संकट में एक सकारात्मक मोड़ के तौर पर देखी जा रही है।

एडन अलेक्जेंडर की रिहाई गाजा-इजरायल संघर्ष में एक मानवीय राहत लेकर आई है। यह सिर्फ एक बंधक की रिहाई नहीं,बल्कि यह दर्शाता है कि संवाद और कूटनीति के जरिए कितनी बड़ी जिंदगियों को बचाया जा सकता है। हालाँकि,अभी भी कई बंधक हमास की कैद में हैं,लेकिन इस रिहाई से उम्मीद की एक किरण जरूर जगी है कि आने वाले समय में और भी लोग घर लौट सकेंगे।