अमृतसर, 13 मई (युआईटीवी)- पंजाब के अमृतसर जिले के मजीठा क्षेत्र में जहरीली शराब पीने से कम-से-कम 14 लोगों की मौत हो गई है,जिससे पूरे राज्य में सनसनी फैल गई है। यह घटना राज्य में अवैध शराब तस्करी और उसके खतरनाक प्रभावों पर फिर से गंभीर सवाल खड़े करती है।
घटना सामने आने के बाद पंजाब पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए इस त्रासदी के लिए जिम्मेदार लोगों को पकड़ने का अभियान शुरू किया और अब तक इस केस में मुख्य आरोपी समेत कई लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।
पुलिस ने इस नकली शराब कांड के मुख्य आरोपी प्रभजीत सिंह को गिरफ्तार कर लिया है,जो कथित तौर पर इस अवैध शराब नेटवर्क का संचालन करता था। उसके साथ-साथ उसका भाई कुलबीर सिंह उर्फ जग्गू,साहिब सिंह उर्फ सराय,गुर्जंत सिंह, और निंदर कौर (पत्नी जीता, निवासी थीरेंवाल) को भी हिरासत में लिया गया है।
अमृतसर ग्रामीण एसएसपी मनिंदर सिंह ने इन गिरफ्तारियों की पुष्टि करते हुए बताया कि सोमवार देर रात पुलिस को सूचना मिली थी कि कई गाँवों में जहरीली शराब पीने से लोगों की मौत हुई है। पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए जाँच शुरू की और कुछ ही घंटों में चार लोगों को हिरासत में ले लिया गया।
एसएसपी मनिंदर सिंह ने बताया कि गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ के दौरान पता चला कि प्रभजीत सिंह ही इस जहरीली शराब को सप्लाई करता था। पूछताछ में यह भी खुलासा हुआ कि प्रभजीत एक और बड़े शराब सप्लायर साहिब सिंह के संपर्क में था,जिसे भी अब हिरासत में लिया जा चुका है।
पुलिस अधिकारी ने कहा, “हम यह पता लगा रहे हैं कि इन लोगों ने यह शराब किन कंपनियों या स्रोतों से खरीदी थी। फिलहाल कई जगहों पर छापेमारी की जा रही है, ताकि पूरे नेटवर्क को ध्वस्त किया जा सके।”
पुलिस ने इस पूरे मामले में गिरफ्तार आरोपियों पर भारतीय दंड संहिता (बीएनएस ) की धारा 105 और 61ए एक्साइज एक्ट के तहत केस दर्ज किया है। ये धाराएँ गैरकानूनी रूप से शराब बेचने,लोगों की जान को खतरे में डालने और जानलेवा षड्यंत्र रचने जैसे गंभीर अपराधों से जुड़ी हैं।
इस केस को तेजी से ट्रैक पर लाकर आरोपियों को सजा दिलाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। पंजाब पुलिस का कहना है कि सरकार की ओर से स्पष्ट आदेश मिले हैं कि नकली शराब माफियाओं को बख्शा नहीं जाएगा।
इस दर्दनाक घटना के बाद पंजाब सरकार पूरी तरह सतर्क हो गई है। राज्य सरकार ने स्पष्ट रूप से कहा है कि शराब माफिया के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति अपनाई जाएगी। मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से निर्देश जारी किए गए हैं कि इस तरह की अवैध गतिविधियों को रोकने के लिए प्रशासनिक और पुलिस स्तर पर विशेष अभियान चलाया जाए।
अमृतसर की डिप्टी कमिश्नर साक्षी साहनी ने इस जहरीली शराब त्रासदी से प्रभावित गाँवों का दौरा किया और पीड़ित परिवारों से मुलाकात की। उन्होंने कहा कि प्रशासन पीड़ितों को हरसंभव सहायता पहुँचा रहा है,जिसमें चिकित्सा सहायता और मुआवजा प्रक्रिया शामिल है।
उन्होंने घटना की स्थानीय स्तर पर गहराई से जाँच कराने का आश्वासन भी दिया और लोगों से अपील की कि किसी भी तरह की संदिग्ध गतिविधियों की जानकारी तुरंत प्रशासन को दें।
यह घटना पंजाब में अवैध शराब व्यापार की गहराई और प्रशासनिक चूक की ओर इशारा करती है। पिछले वर्षों में भी इस तरह की घटनाएँ सामने आती रही हैं,लेकिन प्रभावी रोकथाम और जागरूकता की कमी के कारण ऐसी त्रासदियाँ दोहराई जाती रही हैं।