नई दिल्ली,6 मई (युआईटीवी)- सियाचिन में शहीद हुए कैप्टन अंशुमान सिंह की विधवा स्मृति सिंह को उनके पति को मरणोपरांत प्रदान किए जाने वाले भारत के दूसरे सबसे बड़े शांतिकालीन वीरता पुरस्कार कीर्ति चक्र से सम्मानित किए जाने के बाद ऑनलाइन ट्रोलिंग का सामना करना पड़ा है। जुलाई 2023 में सियाचिन में सेना के एक शिविर में आग लगने के दौरान साथी सैनिकों को बचाने की कोशिश करते हुए कैप्टन सिंह की जान चली गई। 5 जुलाई, 2024 को स्मृति सिंह और उनकी सास मंजू सिंह ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से यह पुरस्कार ग्रहण किया।
इसके बाद स्मृति सिंह को सोशल मीडिया पर अपमानजनक टिप्पणियों का सामना करना पड़ा। राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) ने मामले का स्वत: संज्ञान लिया और दिल्ली पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। इंटेलिजेंस फ्यूजन एंड स्ट्रैटेजिक ऑपरेशन (आईएफएसओ) इकाई द्वारा भारतीय न्याय संहिता और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत एक प्राथमिकी दर्ज की गई। एनसीडब्ल्यू ने तीन दिनों के भीतर की गई कार्रवाई पर एक विस्तृत रिपोर्ट भी माँगी।
इसी से जुड़ी एक घटना में,केरल की फैशन इन्फ्लुएंसर रेशमा सेबेस्टियन को गलती से स्मृति सिंह के रूप में पहचान लिया गया और उन्हें ऑनलाइन दुर्व्यवहार का सामना करना पड़ा। सेबेस्टियन ने अपने सोशल मीडिया पर गलतफहमी को स्पष्ट किया और गलत जानकारी फैलाने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी।
इस स्थिति ने व्यापक ध्यान आकर्षित किया है तथा ऑनलाइन उत्पीड़न के मुद्दों और सम्मानजनक बातचीत की आवश्यकता पर प्रकाश डाला है,विशेष रूप से उन व्यक्तियों के संबंध में जिन्होंने व्यक्तिगत त्रासदियों को झेला है।