न्यूयॉर्क, 3 मई (युआईटीवी)- अमेरिका में 2024-25 का फ्लू सीजन अब तक के सबसे गंभीर सीजन में से एक बनकर सामने आया है,विशेषकर बच्चों की सेहत पर इसका गहरा असर पड़ा है। देशभर में हजारों लोग फ्लू से संक्रमित हुए हैं और सैकड़ों बच्चों की मौत हो चुकी है,जो इसे हाल के वर्षों में सबसे खतरनाक बना देता है। अमेरिका के रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र (सीडीसी) द्वारा जारी आँकड़ों के अनुसार,इस सीजन में अब तक फ्लू के कारण 216 बच्चों की मौत हो चुकी है। इनमें से 12 मौतें सिर्फ 26 अप्रैल को समाप्त हुए सप्ताह में हुई हैं। यह अब तक के किसी भी गैर-महामारी फ्लू सीजन में बच्चों की सबसे अधिक मौतों का रिकॉर्ड है।
सिन्हुआ न्यूज एजेंसी के अनुसार, 2023-24 फ्लू सीजन में 207 बच्चों की मौत का रिकॉर्ड था, लेकिन मौजूदा सीजन में मौतों की संख्या उस रिकॉर्ड को भी पीछे छोड़ चुकी है। स्वास्थ्य अधिकारियों का कहना है कि यह फ्लू सीजन केवल बच्चों के लिए ही नहीं,बल्कि सभी आयु वर्गों के लोगों के लिए बेहद गंभीर रहा है।
सीडीसी के मुताबिक, 2024-25 के फ्लू सीजन में अब तक लगभग 4.7 करोड़ लोग संक्रमित हुए हैं, 6.1 लाख से ज्यादा को अस्पताल में भर्ती कराया गया है और करीब 26,000 लोगों की जान जा चुकी है। विशेषज्ञ इसे 2017-2018 के बाद का सबसे गंभीर फ्लू सीजन मान रहे हैं, जिसका असर सभी आयु वर्गों पर पड़ा है।
विशेषज्ञों के अनुसार,इस बार बच्चों के फ्लू टीकाकरण की दर में उल्लेखनीय गिरावट देखी गई है। अमेरिकन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स के सदस्य और बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. शॉन ओ’लेरी ने बताया कि टीकाकरण में कमी भी बच्चों की अधिक मौतों का एक प्रमुख कारण है। उनके अनुसार,फ्लू वैक्सीन गंभीर संक्रमण,अस्पताल में भर्ती और मृत्यु के जोखिम को काफी हद तक कम कर सकती है,भले ही वह सभी लक्षणों को पूरी तरह न रोके।
सीडीसी ने भी इस बात को दोहराया है कि 6 महीने या उससे अधिक उम्र के सभी लोगों को हर साल फ्लू का टीका लगवाना चाहिए,जब तक वायरस सक्रिय रहता है। इससे न केवल व्यक्तिगत सुरक्षा मिलती है,बल्कि सामूहिक रूप से वायरस के प्रसार को भी रोका जा सकता है।
सीडीसी द्वारा साझा किए गए अस्पताल में भर्ती आँकड़ों में एक और चिंताजनक पहलू सामने आया है। अस्पताल में भर्ती लगभग 2,000 बच्चों में से केवल 53% को पहले से कोई गंभीर स्वास्थ्य समस्या (जैसे अस्थमा या मोटापा) थी,जबकि बाकी पूरी तरह स्वस्थ थे। इससे यह स्पष्ट होता है कि फ्लू पूरी तरह से स्वस्थ बच्चों को भी गंभीर रूप से प्रभावित कर सकता है।
वहीं,वयस्कों की बात करें तो लगभग 5,200 मरीजों को फ्लू के कारण अस्पताल में भर्ती किया गया,जिनमें से 95% को पहले से कोई न कोई बीमारी थी। इसका मतलब है कि बच्चों की तुलना में वयस्कों में पहले से मौजूद बीमारियाँ फ्लू के गंभीर प्रभाव का बड़ा कारण बन रही हैं।
एक और बड़ी चिंता का विषय यह है कि अमेरिका में बचपन के टीकाकरण की दरों में लगातार गिरावट देखी जा रही है। विशेषज्ञों के अनुसार,इसके पीछे दो प्रमुख कारण हैं। पहला कारण इंटरनेट पर फैल रही गलत और भ्रामक जानकारी,जो वैक्सीन के खिलाफ लोगों की सोच को प्रभावित कर रही है। वहीं,दूसरा कारण कोविड-19 वैक्सीन के बाद उपजे राजनीतिक मतभेद,जिन्होंने वैक्सीन को एक राजनीतिक मुद्दा बना दिया है।
इस वातावरण ने माता-पिता में वैक्सीन को लेकर भ्रम और असमंजस पैदा किया है, जिससे बच्चों को टीका नहीं दिलाया जा रहा और उनकी प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर हो रही है।
हालाँकि,राहत की बात यह है कि फरवरी से फ्लू मामलों में गिरावट दर्ज की जा रही है। सीडीसी के मुताबिक,हाल के सप्ताह में अमेरिका के सभी 50 राज्यों में फ्लू की गतिविधि “कम” या “बहुत कम” रही है,लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि खतरा अभी पूरी तरह टला नहीं है,क्योंकि फ्लू का वायरस मौसम और आबादी की प्रतिरक्षा के आधार पर फिर से उभर सकता है।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों और सीडीसी की स्पष्ट सलाह है कि हर वर्ष फ्लू सीजन से पहले सभी लोगों को टीकाकरण करवाना चाहिए,विशेष रूप से बच्चों,बुजुर्गों और पहले से बीमार व्यक्तियों को। सही जानकारी,समय पर टीकाकरण और सावधानी ही इस घातक वायरस से बचाव के मुख्य उपाय हैं।
यह सीजन एक बार फिर यह याद दिलाता है कि फ्लू कोई साधारण सर्दी-जुकाम नहीं है,बल्कि एक गंभीर वायरस है,जो लापरवाही का मौका नहीं देता।