एलन मस्क

ओपनएआई तथा उसके सीईओ पर एलन मस्क ने करार के उल्लंघन का आरोप लगाते हुए दायर किया मुकदमा

सैन फ्रांसिस्को,2 मार्च (युआईटीवी)- ओपनएआई तथा उसके सीईओ सैम ऑल्टमैन पर टेस्ला व स्पेसएक्स के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) एलन मस्क ने एआई से जुड़े मूल संविदा करार के उल्लंघन का आरोप लगाया है और उन पर अमेरिका में सैन फ्रांसिस्को की एक अदालत में मुकदमा दायर कर दिया है।

ओपनएआई और उसके सीईओ सैम ऑल्टमैन के खिलाफ अमेरिका में सैन फ्रांसिस्को की एक अदालत में एलन मस्क ने जो मुकदमा दायर किया है,वह मुकदमा ओपनएआई के नवीनतम नेचुरल लैंग्वेज मॉडल जीपीटी-4 के इर्द-गिर्द केंद्रित है।

सैम ऑल्टमैन द्वारा संचालित ओपनएआई कंपनी में माइक्रोसॉफ्ट ने अरबों डॉलर का निवेश किया है। ओपनएआई और माइक्रोसॉफ्ट पर स्पेसएक्स के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) एलन मस्क ने आरोप लगाते हुए कहा कि आर्टिफिशल जेनरल इंटेलिजेंस (एजीआई) क्षमताओं के उपयोग के बारे में ओपनएआई और माइक्रोसॉफ्ट ने सहमति व्यक्त की थी कि यह मानवता और गैर-लाभकारी के हित के लिए समर्पित होगी,लेकिन ऐसा हुआ नहीं। जीपीटी -4 को अनुचित तरीके से लाइसेंस प्रदान किया है।

सैन फ्रांसिस्को की एक अदालत में दायर मुकदमे में कहा गया है कि,एजीआई के क्षमताओं के बारे में लंबे समय से मस्क ने मानवता के लिए एक गंभीर खतरा माना है। आज के समय में एजीआई की क्षमताओं को अस्तित्व से संबंधी सबसे बड़ा खतरा माना गया है।

एलन मस्क द्वारा दायर मुकदमे में जिन शिकायतों का विवरण दिया गया है,उनमें एआई से जुड़े मूल संविदा करार के उल्लंघन का,अनुचित कारोबारी व्यवहार और दूसरे पक्ष के सर्वोत्तम हित में अपेक्षित कर्तव्य का उल्लंघन शामिल है।

2018 तक टेस्ला और स्पेसएक्स के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) एलन मस्क ओपनएआई के मूल बोर्ड सदस्य थे।

दायर मुकदमे के मुताबिक,ओपनएआई का प्रारंभिक शोध “खुले, डिजाइन, मॉडल और कोड तक मुफ्त और सार्वजनिक पहुँच प्रदान करने” में किया गया था।

जब ओपनएआई शोधकर्ताओं ने पाया कि मूल रूप से गूगल द्वारा आविष्कार किया गया “ट्रांसफॉर्मर्स” नामक एक एल्गोरिदम कई नेचुरल लैंग्वेज कार्य,बिना किसी स्पष्ट प्रशिक्षण के कर सकता है,तो वैसे मॉडल जिसे ओपनएआई द्वारा जारी किया जाता है,उसके विस्तार के लिए पूरा समुदाय आगे आया।

2019 में सैम ऑल्टमैन ओपनएआई के सीईओ बने। ओपनएआई ने माइक्रोसॉफ्ट के साथ 22 सितंबर 2020 को एक समझौता किया,जिसके तहत ओपनएआई के जेनरेटिव प्रीट्रेन्ड ट्रांसफार्मर (जीपीटी) -3 लैंग्वेज मॉडल का लाइसेंस विशेष रूप से माइक्रोसॉफ्ट को दिया गया।

मुकदमे में कहा गया है, सिर्फ ओपनएआई की प्री-एजीआई तकनीक पर माइक्रोसॉफ्ट लाइसेंस का लागू होना सबसे गंभीर बात है। एजीआई पर माइक्रोसॉफ्ट को कोई अधिकार नहीं मिला। ओपनएआई के गैर-लाभकारी बोर्ड पर ओपनएआई के एजीआई के चरण में पहुँचने को तय करना निर्भर था। माइक्रोसॉफ्ट के पास इसे तय करने का अधिकार नहीं है।

एलन मस्क ने दायर किए गए मुक़दमे के बारे में कहा कि,स्थापना के समय जो करार किया गया था,ओपनएआई को उसके पालन करने के लिए मजबूर करने के लिए यह मुकदमा दायर किया गया है। ताकि एजीआई को मानवता के लाभ के लिए विकसित करने का ओपनएआई का मिशन पूरा हो सके। ओपनएआई का मिशन व्यक्तिगत प्रतिवादियों और दुनिया की सबसे बड़ी प्रौद्योगिकी कंपनी को व्यक्तिगत रूप से लाभ पहुँचाना नहीं है,बल्कि इसका मिशन तो मानवता के लाभ के लिए एजीआई विकसित करना है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *