पाकिस्तान के प्रधानमंत्री मोहम्मद शहबाज शरीफ

‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद पाकिस्तान रेड अलर्ट पर,हालात तनावपूर्ण,भारत के हमलों से खलबली,पीएम शहबाज शरीफ करेंगे देश को संबोधित

इस्लामाबाद,8 मई (युआईटीवी)- ‘ऑपरेशन सिंदूर’ भारतीय सेना द्वारा पाकिस्तान और पीओके (पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर) में आतंकी ठिकानों पर की गई एयर स्ट्राइक के बाद पूरा पाकिस्तान अलर्ट मोड में है। भारत के ‘ऑपरेशन सिंदूर’ ने पाकिस्तान की सुरक्षा व्यवस्थाओं को हिला कर रख दिया है। भारतीय वायुसेना की ओर से की गई इस सटीक और केंद्रित कार्रवाई के बाद पाकिस्तान ने देशभर में रेड अलर्ट जारी कर दिया है। सभी सरकारी अस्पतालों को किसी भी आपात स्थिति के लिए तैयार रहने का आदेश दे दिया गया है। साथ ही,पूरे देश का हवाई क्षेत्र 24 से 36 घंटों के लिए घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय उड़ानों के लिए बंद कर दिया गया है।

इस बीच,पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने बुधवार दोपहर राष्ट्र को संबोधित करने का निर्णय लिया है। इसके साथ ही,उन्होंने प्रधानमंत्री आवास में एक आपातकालीन राष्ट्रीय सुरक्षा समिति (एनएससी) की बैठक बुलाई है,जिसमें भारत की कार्रवाई का जवाब तय करने और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के संभावित हस्तक्षेप पर चर्चा की जाएगी।

भारतीय सेना की कार्रवाई के बाद पाकिस्तान में राजनीतिक और सैन्य स्तर पर हलचल मच गई है। प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ द्वारा बुलाई गई एनएससी
की आपात बैठक में तीनों सेनाओं के प्रमुख,खुफिया एजेंसियों के अधिकारी,विदेश मंत्रालय के अधिकारी और कैबिनेट सदस्य शामिल होंगे। बैठक में भारत के खिलाफ अपनाई जाने वाली रणनीति और वैश्विक मंच पर रखे जाने वाले रुख के बारे में चर्चा किए जाने की संभावना जताई जा रही है।

पाकिस्तानी मीडिया के मुताबिक,भारत की ओर से किए गए हमलों के बाद राजधानी इस्लामाबाद और पंजाब प्रांत के सभी शिक्षण संस्थान बंद कर दिए गए हैं। साथ ही, सभी सुरक्षा एजेंसियों को अलर्ट पर रखा गया है। पाकिस्तान के विभिन्न शहरों में सेना की तैनाती बढ़ा दी गई है और संवेदनशील क्षेत्रों में निगरानी ड्रोन और चेकपॉइंट स्थापित किए गए हैं।

पाकिस्तानी सेना की मीडिया विंग इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (आईएसपीआर) के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल अहमद शरीफ चौधरी ने पुष्टि की है कि भारतीय वायुसेना के हमलों में कम-से-कम 26 लोग मारे गए हैं और 46 अन्य घायल हुए हैं। हालाँकि,पाकिस्तान की ओर से यह भी कहा गया कि मारे गए लोगों में कुछ नागरिक भी हो सकते हैं,लेकिन इस पर आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है।

भारत की ओर से किए गए एयर स्ट्राइक में आतंकवादी संगठनों के नौ प्रमुख ठिकानों को निशाना बनाया गया। इनमें मुजफ्फराबाद,कोटली,बाग,बहावलपुर (अहमदपुर शर्किया),मुरीदके (हाफिज सईद का मुख्यालय),झेलम,नीलम घाटी,चकवाल,रावलकोट प्रमुख हैं।

बहावलपुर में स्थित मस्जिद सुभानअल्लाह पर भी हमला किया गया,जिसे जैश-ए-मोहम्मद प्रमुख मौलाना मसूद अजहर का ठिकाना माना जाता है। इसके अतिरिक्त लश्कर-ए-तैयबा और जमात उद दावा के ठिकानों को भी टारगेट किया गया। इन हमलों के दौरान भारतीय वायुसेना ने यह सुनिश्चित किया कि केवल आतंकियों के अड्डों को ही निशाना बनाया जाए,पाकिस्तानी सेना या नागरिक ठिकानों को नहीं।

भारत की ओर से यह स्पष्ट किया गया कि यह कार्रवाई आतंकवाद के खिलाफ एक सटीक और संतुलित प्रतिक्रिया है। भारत ने कहा कि इन हमलों का मकसद केवल उन आतंकवादी संगठनों को खत्म करना है,जो भारत में आतंकी हमलों की योजना बना रहे थे। भारत के मुताबिक,यह कार्रवाई 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में की गई,जिसमें चार आतंकवादियों ने 26 नागरिकों की हत्या कर दी थी।

विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने प्रेस कांफ्रेंस में बताया कि “ऑपरेशन सिंदूर” का उद्देश्य आतंकी बुनियादी ढाँचे को ध्वस्त करना था और यह भारत के आत्मरक्षा के अधिकार के तहत किया गया है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि भारत ने अत्यधिक संयम के साथ केवल आतंकवादी ठिकानों को ही निशाना बनाया और पाकिस्तान की सेना या आम नागरिकों पर कोई हमला नहीं किया गया।

पाकिस्तान की प्रतिक्रिया और भारत की सख्त मुद्रा को देखते हुए क्षेत्र में तनाव चरम पर है। दोनों परमाणु संपन्न देशों के बीच बढ़ता तनाव अंतर्राष्ट्रीय चिंता का विषय बन गया है। अमेरिका,फ्रांस और संयुक्त राष्ट्र ने दोनों देशों से संयम बरतने की अपील की है और क्षेत्रीय शांति बनाए रखने पर ज़ोर दिया है।

भारतीय सेना का “ऑपरेशन सिंदूर” न केवल आतंकी संगठनों के लिए एक स्पष्ट संदेश है,बल्कि पाकिस्तान को यह भी दिखाता है कि भारत अब हर आतंकी हमले का करारा जवाब देगा। पाकिस्तान की सुरक्षा व्यवस्था की हालत,हवाई क्षेत्र का बंद होना,शिक्षण संस्थानों का बंद किया जाना और आपातकालीन बैठकों का आयोजन इस बात का संकेत है कि भारत की कार्रवाई कितनी प्रभावशाली रही है।

अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि पाकिस्तान इस स्थिति से कैसे निपटता है और क्या वह युद्ध के रास्ते पर बढ़ेगा या वैश्विक दबाव में बातचीत का रास्ता चुनेगा।