'ऑपरेशन सिंदूर' पर फिल्म बनाने की घोषणा से मचा बवाल (तस्वीर क्रेडिट@M__RKhan)

‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर फिल्म बनाने की घोषणा से मचा बवाल,फिल्म निर्माता निक्की भगनानी ने माँगी माफ़ी

नई दिल्ली,10 मई (युआईटीवी)- हाल ही में पाकिस्तान के खिलाफ भारतीय सेना द्वारा चलाए गए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ ने देशभर में गर्व और उत्साह की लहर दौड़ा दी। इस सैन्य अभियान की बहादुरी और रणनीति से न केवल आम नागरिक,बल्कि फिल्म इंडस्ट्री के सितारे भी बेहद प्रभावित हुए हैं। इस जोश और प्रेरणा के बीच फिल्म निर्माता निक्की भगनानी ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर आधारित एक फिल्म बनाने की घोषणा की,लेकिन जहाँ एक ओर कुछ लोग इसे वीरता का सम्मान मान रहे थे,वहीं दूसरी ओर सोशल मीडिया पर उन्हें भारी आलोचना का सामना करना पड़ा।

निक्की भगनानी और निर्देशक उत्तम माहेश्वरी द्वारा जब ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर फिल्म बनाने की बात कही गई और फिल्म का पोस्टर जारी किया गया,तो सोशल मीडिया पर बवाल मच गया। कई यूज़र्स ने निर्माताओं पर आरोप लगाए कि वे देशभक्ति के नाम पर वर्तमान संवेदनशील हालात का लाभ उठाने की कोशिश कर रहे हैं। कुछ ने इसे शहीदों और देश के सैनिकों की कुर्बानी का व्यवसायीकरण तक कह दिया। ट्विटर,इंस्टाग्राम और फेसबुक पर यूज़र्स ने निर्माताओं को असंवेदनशील,जल्दबाज़ और प्रचार चाहने वाला करार दिया।

सोशल मीडिया पर हो रहे विरोध के बीच निर्माता निक्की भगनानी ने इंस्टाग्राम स्टोरी के ज़रिए अपनी बात सामने रखी। उन्होंने अपने संदेश में साफ किया कि उनका उद्देश्य कभी भी किसी की भावनाओं को ठेस पहुँचाना या किसी को भड़काना नहीं था।

निर्माता ने कहा, “भारतीय सेना की वीरता से प्रेरित होकर ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर फिल्म की घोषणा की,लेकिन यदि इससे किसी की भावना आहत हुई हो,तो मैं दिल से माफी चाहता हूँ। हमारा उद्देश्य किसी को ठेस पहुँचाना या उकसाना नहीं था।”

निक्की भगनानी ने कहा कि एक फिल्म निर्माता के रूप में वह भारतीय सेना के साहस,बलिदान और नेतृत्व से प्रभावित हुए हैं और यही भावना उन्हें इस विषय पर फिल्म बनाने की ओर ले गई। उन्होंने जोर दिया कि यह प्रोजेक्ट किसी भी प्रसिद्धि या आर्थिक लाभ के लिए नहीं,बल्कि राष्ट्र प्रेम और आदर की भावना से प्रेरित था।

निक्की भगनानी ने अपने पोस्ट में यह भी माना कि मौजूदा परिस्थितियों और देश में तनावपूर्ण माहौल के कारण उनकी घोषणा को लेकर कुछ लोगों को असहजता या आपत्ति हो सकती है,जिसे वह पूरी तरह समझते हैं और इसके लिए गहरा खेद भी व्यक्त करते हैं।

उन्होंने लिखा, “हालाँकि, मैं समझता हूँ कि परिस्थिति और संवेदनशीलता के कारण कुछ लोगों को असुविधा या गलत लग सकता है। इसके लिए मुझे गहरा खेद है।”

अपने पोस्ट में निक्की भगनानी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारतीय सेना की सराहना करते हुए कहा कि वे देश की सुरक्षा और गरिमा को बनाए रखने के लिए दिन-रात मेहनत कर रहे हैं। उन्होंने कहा, उन्होंने कहा, “सिर्फ एक फिल्म नहीं है,देश की भावना है और वैश्विक मंच पर भारत की छवि है। हम सेना और पीएम मोदी के आभारी हैं,जो निरंतर देश सेवा कर हमें गर्व महसूस कराते हैं।”

उन्होंने यह भी कहा कि उनका प्यार और सम्मान हमेशा शहीदों के परिवारों और उन बहादुर जवानों के साथ रहेगा,जो सीमाओं पर दिन-रात संघर्ष कर रहे हैं।

फिल्म की घोषणा को लेकर सोशल मीडिया पर दो तरह की प्रतिक्रियाएँ देखने को मिलीं। एक वर्ग ने निक्की भगनानी के माफीनामे को इमानदार और संवेदनशील बताया और कहा कि शायद उनकी मंशा गलत नहीं थी,लेकिन घोषणा का समय सही नहीं था। वहीं दूसरा वर्ग अब भी इस पर आक्रोशित है और मानता है कि इस तरह की फिल्में युद्ध की राजनीति और भावनाओं का व्यापार करती हैं,जिसे रोकना चाहिए।

फिलहाल निक्की भगनानी और उनकी टीम की ओर से यह स्पष्ट नहीं किया गया है कि वह इस प्रोजेक्ट को जारी रखेंगे या टाल देंगे,लेकिन उनकी माफी और बयान से इतना ज़रूर साफ है कि वे अब इस विषय को लेकर और अधिक सोच-समझ और परिपक्वता से आगे बढ़ना चाहेंगे।

‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर फिल्म बनाने की घोषणा भले ही राष्ट्रप्रेम और प्रेरणा से भरी भावना से की गई हो,लेकिन समय की संवेदनशीलता और लोगों की भावनाएँ कहीं न कहीं उस पर भारी पड़ीं। निक्की भगनानी की माफी यह दिखाती है कि वह जनता की भावनाओं के प्रति संवेदनशील और जिम्मेदार हैं।

यह घटना हमें एक बार फिर याद दिलाती है कि जब भी कोई फिल्म निर्माता राष्ट्र या सेना से जुड़े संवेदनशील विषयों पर काम करे,तो भावनाओं,संवेदना और समय का पूरा ध्यान रखा जाना चाहिए। फिल्में भावनाओं को जोड़ सकती हैं,लेकिन उनका उद्देश्य कभी भी दुख या विवाद नहीं होना चाहिए।