इस्लामाबाद,20 मार्च (युआईटीवी)- पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने संकेत दिया कि पाकिस्तान की सेना अफगानिस्तान में आतंकवादी ठिकानों के खिलाफ अभियान शुरू कर सकती है। उनका यह बयान अफगानिस्तान में मौजूद तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) जैसे आतंकवादी समूहों के खिलाफ कार्रवाई करने की पाकिस्तान की योजना को दर्शाता है। ख्वाजा आसिफ ने अफगानिस्तान और तालिबान सरकार पर आरोप लगाया कि वे पाकिस्तान विरोधी आतंकवादी समूहों को समर्थन दे रहे हैं और उन्हें सुरक्षित ठिकाने प्रदान कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि, “यदि हमें किसी देश में पाकिस्तान के दुश्मनों पर हमला करना पड़ा तो हम ऐसा जरूर करेंगे।”
आसिफ का यह बयान पाकिस्तान के शीर्ष राजनीतिक और सैन्य नेतृत्व के बीच हुई उच्च स्तरीय बैठक के एक दिन बाद आया है,जिसमें आतंकवाद के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का निर्णय लिया गया था। पाकिस्तान सरकार का यह आरोप है कि अफगान तालिबान पाकिस्तान विरोधी समूहों को पनाह दे रहा है,उनकी मदद कर रहा है और उन्हें वित्तीय सहायता भी प्रदान कर रहा है। इस बैठक में यह निर्णय लिया गया कि पाकिस्तान को आतंकी नेटवर्क का पूरी तरह से सफाया करने के लिए ठोस कदम उठाने होंगे।
पाकिस्तान पहले भी अफगानिस्तान में आतंकवादियों के खिलाफ सैन्य कार्रवाई कर चुका है। पाकिस्तान का दावा है कि उसने टीटीपी के ठिकानों को निशाना बनाकर हवाई हमले किए और कई आतंकवादियों को मार गिराया। दिसंबर 2024 में पाकिस्तान ने अफगानिस्तान के पक्तिका प्रांत में हवाई हमले किए थे,जिनमें दक्षिण वजीरिस्तान आदिवासी जिले के पास स्थित बरमल जिले को निशाना बनाया गया। पाकिस्तान ने दावा किया था कि उसे अफगानिस्तान में टीटीपी के आतंकवादी ठिकानों की सटीक जानकारी थी और उसने इन ठिकानों पर सटीक हमले किए।
हालाँकि,अफगान तालिबान ने पाकिस्तान के हवाई हमलों की पुष्टि की और आरोप लगाया कि इन हमलों में महिलाओं और बच्चों समेत 46 निर्दोष लोग मारे गए। अफगानिस्तान ने इन हवाई हमलों को अवैध और निंदा करने योग्य बताया। यह स्थिति पाकिस्तान और अफगान तालिबान के बीच बढ़ते तनाव का एक उदाहरण है, जिसमें दोनों देशों के बीच युद्धविराम और शांति की उम्मीदों पर पानी फिरता जा रहा है।
पाकिस्तान ने पहले भी अफगानिस्तान में आतंकवादियों के खिलाफ सैन्य कार्रवाई की थी और वह दावा करता है कि यह कार्रवाई पाकिस्तानी नागरिकों और सैन्यकर्मियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए की गई थी। पाकिस्तान का यह भी आरोप है कि अफगानिस्तान में स्थित आतंकवादी संगठन बलूचिस्तान में आतंकवादियों को समर्थन दे रहे हैं,जो पाकिस्तान के दक्षिण-पश्चिमी क्षेत्र में हिंसा और अस्थिरता पैदा करते हैं। इस संदर्भ में,पाकिस्तान ने बलूचिस्तान में जाफर एक्सप्रेस ट्रेन के अपहरण की घटना का हवाला दिया,जिसे अफगानिस्तान में स्थित आतंकवादियों ने अंजाम दिया था।
यह हमला 2024 में हुआ था,जब बलूच लिबरेशन आर्मी (बीएलए) के आतंकवादियों ने जाफर एक्सप्रेस ट्रेन पर हमला कर उसे अपने कब्जे में ले लिया था। इस हमले में सुरक्षाबलों के साथ 36 घंटे तक संघर्ष हुआ और इसमें दर्जनों लोग मारे गए,जिनमें बंधक,सुरक्षाकर्मी और बीएलए के आतंकवादी शामिल थे। पाकिस्तान का दावा है कि इस हमले को अफगानिस्तान में स्थित आतंकवादी समूहों द्वारा अंजाम दिया गया,जो अपनी गतिविधियों के लिए अफगान तालिबान के समर्थन पर निर्भर हैं।
जाफर एक्सप्रेस ट्रेन पर हमले के बाद,पाकिस्तान के शीर्ष नागरिक और सैन्य अधिकारियों ने आतंकवादी नेटवर्क को समाप्त करने के लिए एक नई रणनीति को लागू करने का निर्णय लिया। उन्होंने संशोधित राष्ट्रीय कार्य योजना (एनएपी) और अज़्म-ए-इस्तेहकम रणनीति को तुरंत लागू करने का संकल्प लिया। इन रणनीतियों का उद्देश्य पाकिस्तान में आतंकवाद को पूरी तरह से खत्म करना और आतंकवादी समूहों को सुरक्षा देने वाले देशों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करना है।
ख्वाजा आसिफ का यह बयान पाकिस्तान की सेना के अफगानिस्तान में आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई करने के प्रति गंभीर रुख को दर्शाता है। पाकिस्तान सरकार का मानना है कि अफगानिस्तान में स्थित आतंकवादी संगठन पाकिस्तानी सुरक्षा और स्थिरता के लिए एक गंभीर खतरा पैदा कर रहे हैं। ऐसे में पाकिस्तान के लिए यह जरूरी हो गया है कि वह आतंकवादियों के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई करें और अपनी सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक कदम उठाए।
इस स्थिति में,पाकिस्तान की सेना की अफगानिस्तान में आतंकवादी ठिकानों के खिलाफ कार्रवाई न केवल पाकिस्तान की सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है,बल्कि यह दोनों देशों के बीच बढ़ते तनाव और संघर्ष की दिशा भी तय कर सकती है। इससे यह भी स्पष्ट होता है कि पाकिस्तान अपनी आतंकवाद-रोधी रणनीति को और सख्त करने के लिए तैयार है और उसे इसके लिए विदेशी सहयोग की भी आवश्यकता हो सकती है,ताकि वह अपने नागरिकों और सैन्यकर्मियों की सुरक्षा सुनिश्चित कर सके।