हैदराबाद,22 जुलाई (युआईटीवी)- आंध्र प्रदेश के उपमुख्यमंत्री और लोकप्रिय अभिनेता पवन कल्याण ने सोमवार रात हैदराबाद में आयोजित अपनी आगामी फिल्म हरि हर वीरा मल्लू के प्री-रिलीज इवेंट में अपने फिल्मी करियर और राजनीतिक जीवन को लेकर खुलकर बातचीत की। इस दौरान उन्होंने पूर्व वाईएसआरसीपी सरकार पर भी निशाना साधते हुए कहा कि उनके खिलाफ राजनीतिक द्वेष के चलते उनकी फिल्मों के टिकट की कीमत केवल 10 रुपए रखी गई,जबकि अन्य अभिनेताओं की फिल्मों के टिकट 100 रुपए में बिकते थे। उन्होंने इसे पैसे या रिकॉर्ड की लड़ाई नहीं,बल्कि न्याय और साहस की लड़ाई बताया।
पवन कल्याण ने कहा कि वह रिकॉर्ड बनाने के लिए फिल्में नहीं करते और न ही पैसे की दौड़ में शामिल हैं। वह हमेशा आम आदमी की तरह जीना चाहते हैं और उनके लिए दर्शक ही सबसे बड़ी ताकत हैं। उन्होंने गर्व के साथ कहा, “30 साल के फिल्मी करियर में मैं आज जहाँ हूँ,वह सिर्फ अपने प्रशंसकों की वजह से हूँ। मेरे पास न कोई हथियार है,न गुंडे,मेरी ताकत सिर्फ मेरे प्रशंसक हैं।”
यह फिल्म उनके उपमुख्यमंत्री बनने के बाद रिलीज होने वाली पहली फिल्म है,जो 24 जुलाई को सिनेमाघरों में आएगी। पवन ने अपने फिल्मी करियर के बारे में बात करते हुए कहा कि उनकी एकमात्र गलती एक फ्लॉप फिल्म देना था,जिसके बाद उन्हें पहले जैसी सफलता नहीं मिली। उन्होंने कहा कि वह रिकॉर्ड बनाने की बजाय अच्छे रिश्ते और ईमानदार काम को ज्यादा महत्व देते हैं। उन्होंने डायरेक्टर त्रिविक्रम श्रीनिवास की तारीफ करते हुए कहा कि उन्होंने उन्हें जलसा जैसी सुपरहिट फिल्म दी,जो उनके करियर का अहम मोड़ साबित हुई।
पवन ने यह भी बताया कि उनकी फिल्म भीमला नायक के समय भी टिकटों की कीमत 10-15 रुपए तय की गई थी,जबकि अन्य फिल्मों के टिकट 100 रुपए में बिके। उन्होंने कहा कि यह कदम उन्हें हतोत्साहित करने और उनकी लोकप्रियता को प्रभावित करने के लिए उठाया गया था। उन्होंने कहा, “यह पैसे की नहीं,साहस और न्याय की लड़ाई थी। मैं राजनीति में हूँ,इसलिए मेरे खिलाफ यह सब हुआ,लेकिन मेरे प्रशंसकों ने कभी मेरा साथ नहीं छोड़ा।”
अपने प्रशंसकों के प्रति आभार व्यक्त करते हुए पवन ने कहा कि उनके करियर में कई उतार-चढ़ाव आए,लेकिन प्रशंसकों ने हमेशा उन्हें सराहा। उन्होंने फिल्म गब्बर सिंह का जिक्र करते हुए कहा कि इस फिल्म की सफलता उनके एक प्रशंसक की इच्छा पूरी करने के बाद मिली। एक प्रशंसक ने उनसे हिट फिल्म देने की गुजारिश की थी,जिसे डायरेक्टर हरीश शंकर ने पूरी किया और गब्बर सिंह ब्लॉकबस्टर साबित हुई।
पवन कल्याण ने अपने करियर की असफल फिल्मों का भी जिक्र किया और कहा कि जॉनी के फ्लॉप होने के बावजूद उनके प्रशंसकों ने कभी उनका साथ नहीं छोड़ा। उन्होंने बताया कि वह पैसों से ज्यादा रिश्तों को महत्व देते हैं। उन्होंने कहा कि कई बार जब फिल्में सफल नहीं हुईं,तो उन्होंने अपनी फीस भी लौटा दी,क्योंकि उनके लिए कामयाबी से ज्यादा ईमानदारी और रिश्ते अहम हैं।
अपनी नई फिल्म ‘हरि हर वीरा मल्लू’ के बारे में बात करते हुए पवन ने खुलासा किया कि उन्होंने इस फिल्म के लिए फिर से मार्शल आर्ट्स की ट्रेनिंग ली है। उन्होंने मजाकिया अंदाज में कहा कि राजनीति में असल गुंडों का सामना करना आसान था, लेकिन कैमरे के सामने लड़ाई के दृश्यों को करना कहीं ज्यादा मुश्किल साबित हुआ। उन्होंने फिल्म के निर्माता ए.एम. रत्नम की तारीफ की और कहा कि पाँच साल की चुनौतियों के बावजूद उन्होंने फिल्म को पूरा किया,जो अपने आप में एक बड़ी उपलब्धि है।
पवन ने इस दौरान अपने प्रशंसकों के प्रति गहरी कृतज्ञता जताई और कहा कि वह उनके बिना कुछ भी नहीं हैं। उन्होंने कहा, “मैं हमेशा से एक आम आदमी की तरह जीना चाहता हूँ। मेरे पास न कोई राजनीतिक ताकतवर गुट है,न फिल्मी रिकॉर्ड तोड़ने की इच्छा। जो कुछ भी हूँ,वह अपने दर्शकों और उनके प्यार की वजह से हूँ।”
पवन कल्याण का यह बयान न केवल उनके फिल्मी करियर की झलक देता है, बल्कि उनके राजनीतिक संघर्ष की भी कहानी बयां करता है। उन्होंने जिस तरह से अपने खिलाफ टिकट मूल्य निर्धारण की साजिश का जिक्र किया,वह सीधे तौर पर पूर्व वाईएसआरसीपी सरकार पर हमला था। उनके इस बयान से यह साफ झलकता है कि वह राजनीति और फिल्मी करियर दोनों को अपने ईमानदार दृष्टिकोण से देखते हैं।
अब सभी की निगाहें हरि हर वीरा मल्लू पर टिकी हैं,क्योंकि यह फिल्म न केवल उनके प्रशंसकों के लिए खास है,बल्कि यह उनके राजनीतिक और फिल्मी करियर के संगम का भी प्रतीक है। पवन कल्याण का कहना है कि वह हमेशा की तरह इस बार भी सिर्फ एक अभिनेता के रूप में दर्शकों का दिल जीतने की कोशिश करेंगे,न कि किसी रिकॉर्ड की होड़ में उतरेंगे। उनके इस बयान ने एक बार फिर से यह साबित कर दिया कि वह अपने प्रशंसकों को ही अपनी असली ताकत मानते हैं और उनके भरोसे ही आगे बढ़ते रहेंगे।