वॉशिंगटन,13 अगस्त (युआईटीवी)- बांग्लादेश में हुए राजनीतिक संकट और तख्तापलट के लिए अमेरिका पर आरोप लग रहे हैं। हालाँकि,इस आरोप का अब अमेरिका ने खंडन करते हुए इसमें अपनी सरकार की संलिप्तता से इनकार किया है। बांग्लादेश संकट से जुड़े सभी रिपोर्टों और अफवाहों का व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरिन जीन पियरे ने खंडन किया और कहा,इसमें हमारी किसी प्रकार की संलिप्तता नहीं है। इन घटनाओं में अमेरिका की सरकार के शामिल होने की रिपोर्ट या अफवाह को उन्होंने सरासर झूठ बताया है।
आगे उन्होंने कहा कि यह चुनाव बांग्लादेशी लोगों का है। हमारा मानना है कि बांग्लादेशी सरकार का भविष्य बांग्लादेशी लोगों को ही तय करना चाहिए। हमारा यही रुख है और इसी पर हम भी कायम हैं। किसी भी आरोप पर हम निश्चित रूप से बोलते रहेंगे।
अमेरिका ने बांग्लादेश में हुए राजनीतिक संकट पर बांग्लादेश की पूर्व पीएम शेख हसीना की तरफ से लगाए गए आरोपों पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। हसीना के आरोपों को अमेरिका ने नकारते हुए कहा है कि अमेरिका की बांग्लादेश में सरकार गिराने में कोई भूमिका नहीं रहा है।
बता दें कि रविवार (11 अगस्त 2024) को भारत में रह रहीं बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने अमेरिका पर आरोप लगाया था कि अमेरिका ने सेंट मार्टिन द्वीप न सौंपने के कारण उन्हें सत्ता से बेदखल कराया है। शेख हसीना का कहना था कि यदि अमेरिका को सेंट मार्टिन द्वीप मिल जाता,तो बंगाल की खाड़ी पर अमेरिका का प्रभाव बढ़ जाता। शेख हसीना ने ये आरोप एक पत्र के माध्यम से लगाया था।
आगे उन्होंने कहा कि यदि मैंने सेंट मार्टिन द्वीप की संप्रभुता को त्याग दिया होता तथा बंगाल की खाड़ी पर अमेरिका को प्रभाव रखने दिया होता,तो मैं सत्ता में बनी रहती। अपने देश के लोगों से मैं निवेदन करती हूँ कि वे कट्टरपंथियों के बहकावे में न आएँ।
जीन पियरे ने व्हाइट हाउस के बाहर बांग्लादेश में हिंदुओं पर हुए हमलों के खिलाफ किए जा रहे विरोध प्रदर्शन पर भी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा,हम निश्चित रूप से स्थिति की निगरानी रखना जारी रखेंगे। मेरे पास कहने या जोड़ने के लिए और कुछ भी नहीं है। किसी भी प्रकार के मानवाधिकार मुद्दे की बात जब भी आती है,तो राष्ट्रपति जोरदार तरीके से निजी और सार्वजनिक तौर पर बोलते रहे हैं तथा वे आगे भी ऐसा करते रहेंगे। लेकिन,मेरे पास इस समय बात करने के लिए कुछ ख़ास नहीं है।
बता दें कि बांग्लादेश में प्रधानमंत्री शेख हसीना की सरकार के खिलाफ हुए बड़े पैमाने पर हिंसक विरोध-प्रदर्शन के कारण 5 अगस्त को शेख हसीना ने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। उन्हें वहाँ के खराब हालात के कारण अपने देश को छोड़कर भारत आना पड़ा था।
बांग्लादेश में पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के पद से हटने के बाद से अल्पसंख्यक हिंदुओं और अन्य लोगों को निशाना बनाया गया। दुनियाभर में इस घटना को लेकर विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है और प्रदर्शनकारी बांग्लादेशी अल्पसंख्यकों को बचाने की माँग कर रहे हैं। गुरुवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक संदेश में बांग्लादेश में हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों की सुरक्षा और संरक्षण का आह्वान किया।
