प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (तस्वीर क्रेडिट@Tripathi300798)

प्रधानमंत्री मोदी ने सोलापुर फैक्ट्री अग्निकांड पर जताया दुख,मृतकों को 2 लाख और घायलों को ₹50,000 की सहायता का ऐलान

नई दिल्ली,19 मई (युआईटीवी)- महाराष्ट्र के सोलापुर जिले में रविवार को हुई भीषण आग की घटना ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। इस हादसे में तीन महिलाओं और एक बच्चे सहित कुल आठ लोगों की मौत हो गई है,जबकि कई अन्य लोग घायल हुए हैं। यह हृदयविदारक घटना सोलापुर एमआईडीसी क्षेत्र में स्थित एक टेक्सटाइल फैक्ट्री में तड़के करीब 3:45 बजे घटी,जब शॉर्ट सर्किट के कारण फैक्ट्री में आग लग गई।

इस दर्दनाक हादसे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गहरा शोक व्यक्त किया है। प्रधानमंत्री ने घटना में मारे गए लोगों के परिजनों के प्रति संवेदना प्रकट करते हुए कहा, “सोलापुर में आग लगने की घटना से अत्यंत दुखी हूँ। जिन्होंने अपने प्रियजनों को खोया है,उनके प्रति मेरी गहरी संवेदना है। घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूँ।”

प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट के जरिए इस घटना पर सरकार की प्रतिक्रिया साझा की। इसके अनुसार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रत्येक मृतक के परिजनों को ₹2 लाख तथा घायलों को ₹50,000 की अनुग्रह राशि प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष (पीएमएनआरएफ) से देने की घोषणा की है। इस फैसले से पीड़ित परिवारों को कुछ हद तक राहत मिलने की उम्मीद है।

यह भयावह आग सोलापुर एमआईडीसी में स्थित सेंट्रल टेक्सटाइल मिल्स नामक फैक्ट्री में लगी,जो अक्कलकोट रोड पर स्थित है। प्रारंभिक रिपोर्ट्स के अनुसार,आग का कारण शॉर्ट सर्किट बताया जा रहा है, हालाँकि आधिकारिक तौर पर जाँच अभी भी जारी है।

मृतकों में फैक्ट्री मालिक हाजी उस्मान हसनभाई मंसूरी,उनके डेढ़ वर्षीय पोते और परिवार के अन्य दो सदस्य भी शामिल हैं। इसके अलावा फैक्ट्री में काम करने वाले चार श्रमिकों की भी जान चली गई। आग इतनी तेजी से फैली कि कई कर्मचारी अंदर ही फँस गए और उन्हें बाहर निकालना मुश्किल हो गया।

घटना की सूचना मिलते ही दमकल विभाग ने कई फायर ब्रिगेड यूनिट्स को मौके पर भेजा। भीषण लपटों के बीच फँसे लोगों को निकालने और आग पर काबू पाने के लिए दमकलकर्मियों को घंटों मशक्कत करनी पड़ी। अंततः काफी प्रयासों के बाद आग पर काबू पा लिया गया,लेकिन तब तक फैक्ट्री में जान-माल का काफी नुकसान हो चुका था।

घटना की प्रारंभिक जाँच में सामने आया है कि फैक्ट्री में सुरक्षा मानकों की गंभीर कमी थी। आपातकालीन निकास,फायर अलार्म सिस्टम और अन्य जरूरी उपायों की अनुपस्थिति के चलते इस त्रासदी ने गंभीर रूप ले लिया। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि उचित सुरक्षा उपाय होते तो शायद यह दुर्घटना इतनी भयावह न होती।

प्रशासन द्वारा एक जाँच कमेटी गठित कर दी गई है,जो यह पता लगाएगी कि आग लगने के पीछे असली कारण क्या था और किसकी लापरवाही से इतनी बड़ी जनहानि हुई।

प्रधानमंत्री मोदी के अलावा कई अन्य नेताओं ने भी इस घटना पर दुख जताया है। सोशल मीडिया पर भी लोगों ने शोक व्यक्त करते हुए पीड़ित परिवारों के लिए संवेदनाएँ प्रकट की हैं। वहीं कुछ वर्गों ने औद्योगिक सुरक्षा पर सवाल उठाते हुए सरकार से कड़े कदम उठाने की माँग की है।

सोलापुर की यह घटना एक बार फिर से यह सवाल खड़ा करती है कि क्या हमारे देश में फैक्ट्रियों और औद्योगिक इकाइयों में पर्याप्त सुरक्षा उपाय अपनाए जा रहे हैं? जहाँ एक ओर प्रधानमंत्री मोदी की त्वरित सहायता और संवेदना सराहनीय है,वहीं इस घटना से यह स्पष्ट होता है कि हमें औद्योगिक सुरक्षा को प्राथमिकता देने की सख्त जरूरत है।

सरकार और प्रशासन की जिम्मेदारी है कि इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकी जाए,ताकि आम लोगों की जान यूँ ही न जाए। मृतकों की आत्मा को शांति मिले और घायलों को जल्द स्वस्थ होने की कामना के साथ,पूरा देश इस दुखद क्षण में एकजुट नजर आ रहा है।