प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 3 से 6 अप्रैल तक थाईलैंड और श्रीलंका की यात्रा पर जाएँगे,बैंकॉक में बिम्सटेक शिखर सम्मेलन में होंगे शामिल

नई दिल्ली,28 मार्च (युआईटीवी)- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 3 अप्रैल से 6 अप्रैल तक थाईलैंड और श्रीलंका की आधिकारिक यात्रा पर जाएँगे। यह यात्रा दोनों देशों के साथ भारत के मजबूत द्विपक्षीय और क्षेत्रीय सहयोग को और बढ़ाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है। पीएम मोदी थाईलैंड के प्रधानमंत्री पैतोंगतार्न शिनावात्रा के निमंत्रण पर,बैंकॉक में 6वें बिम्सटेक शिखर सम्मेलन में शामिल लेने के लिए 3 और 4 अप्रैल को थाईलैंड जाएँगे। बिम्सटेक (बे ऑफ बंगाल इनिशिएटिव फॉर मल्टी-सेक्टोरल टेक्निकल एंड इकोनॉमिक कोऑपरेशन) का यह शिखर सम्मेलन 4 अप्रैल को आयोजित होगा,जिसकी मेज़बानी थाईलैंड कर रहा है,जो बिम्सटेक का वर्तमान अध्यक्ष है। यह पीएम मोदी की थाईलैंड की तीसरी यात्रा होगी और एक महत्वपूर्ण मौका होगा,क्योंकि यह 2018 में नेपाल के काठमांडू में आयोजित चौथे बिम्सटेक शिखर सम्मेलन के बाद बिम्सटेक नेताओं की पहली आमने-सामने की बैठक होगी। इससे पहले 5वां बिम्सटेक शिखर सम्मेलन मार्च 2022 में श्रीलंका के कोलंबो में वर्चुअली आयोजित किया गया था। इस शिखर सम्मेलन का विषय है “बिम्सटेक – समृद्ध, लचीला और खुला”।

विदेश मंत्रालय ने इस यात्रा की घोषणा करते हुए कहा कि शिखर सम्मेलन के दौरान बिम्सटेक सहयोग को और अधिक गति देने के तरीकों पर विचार किया जाएगा। भारत बिम्सटेक में कई पहल कर रहा है,जैसे कि सुरक्षा सहयोग को बढ़ाना,व्यापार और निवेश को प्रोत्साहित करना, भौतिक, समुद्री और डिजिटल संपर्क स्थापित करना और खाद्य,ऊर्जा,जलवायु,मानव सुरक्षा में सहयोग बढ़ाना। इसके अलावा, बिम्सटेक के माध्यम से क्षमता निर्माण,कौशल विकास और लोगों के बीच संबंधों को बढ़ावा देने की दिशा में भी कई कदम उठाए जा रहे हैं। पीएम मोदी की यह यात्रा इन सभी पहलुओं पर फोकस करने का एक अवसर होगी,जिससे भारत और अन्य बिम्सटेक देशों के बीच संबंधों को और मजबूती मिलेगी।

थाईलैंड की अपनी यात्रा के दौरान,प्रधानमंत्री मोदी 3 अप्रैल को थाईलैंड के प्रधानमंत्री शिनावात्रा के साथ बैठक करेंगे। इस बैठक में दोनों नेताओं के बीच वर्तमान सहयोग की समीक्षा की जाएगी और भविष्य में दोनों देशों के बीच साझेदारी को लेकर रोडमैप पर चर्चा की जाएगी। भारत और थाईलैंड के बीच मजबूत सभ्यतागत और सांस्कृतिक संबंध हैं,जो दोनों देशों की समुद्री निकटता से और मजबूत होते हैं। पीएम मोदी और शिनावात्रा के बीच द्विपक्षीय संबंधों को और प्रगाढ़ बनाने के लिए यह बैठक बहुत महत्वपूर्ण है। इसके अलावा,बिम्सटेक के शिखर सम्मेलन में थाईलैंड के प्रधानमंत्री शिनावात्रा का नेतृत्व,भारत के साथ मिलकर क्षेत्रीय मुद्दों पर चर्चा करने और समाधान खोजने का एक बड़ा अवसर होगा।

थाईलैंड के बाद,प्रधानमंत्री मोदी श्रीलंका के राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके के निमंत्रण पर 4 से 6 अप्रैल तक श्रीलंका जाएँगे। श्रीलंका यात्रा के दौरान पीएम मोदी राष्ट्रपति दिसानायके के साथ द्विपक्षीय मुद्दों पर चर्चा करेंगे। यह यात्रा दोनों देशों के बीच बढ़ती सहयोग की ओर एक और कदम होगा। इस यात्रा में पीएम मोदी उच्च स्तरीय राजनीतिक और आर्थिक चर्चाओं के साथ-साथ,श्रीलंका में चल रही भारतीय वित्तीय सहायता वाली विकास परियोजनाओं का उद्घाटन करने के लिए अनुराधापुरा का दौरा भी करेंगे। इससे पहले,पीएम मोदी ने 2019 में श्रीलंका का दौरा किया था, जब उन्होंने शांगरी-ला डायलॉग में हिस्सा लिया था और दोनों देशों के बीच मजबूत द्विपक्षीय संबंधों को और बढ़ावा दिया था।

श्रीलंका के राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके ने अपनी पदग्रहण के बाद अपनी पहली विदेश यात्रा के लिए भारत को चुना था,जो दोनों देशों के बीच मजबूत रिश्तों को दर्शाता है। पीएम मोदी का यह दौरा श्रीलंका में जारी भारतीय परियोजनाओं और आर्थिक सहयोग को बढ़ावा देने का एक महत्वपूर्ण अवसर होगा। इस दौरान,पीएम मोदी के नेतृत्व में,भारत और श्रीलंका दोनों देशों के बीच आर्थिक,सांस्कृतिक और सामरिक साझेदारी को और मजबूती प्रदान करेंगे।

इस यात्रा के माध्यम से,भारत ने बिम्सटेक और अन्य क्षेत्रीय प्लेटफार्मों के माध्यम से अपने रिश्तों को और सुदृढ़ करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। इन यात्राओं से दोनों देशों के साथ-साथ भारत की क्षेत्रीय स्थिरता और विकास में महत्वपूर्ण भूमिका होगी। इस यात्रा की सफलता से यह साबित होता है कि प्रधानमंत्री मोदी का दृष्टिकोण केवल द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने का ही नहीं,बल्कि क्षेत्रीय सहयोग और साझेदारी को बढ़ावा देने का भी है।