प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय समुद्री दिवस के अवसर पर देश के समुद्री इकोसिस्टम को मजबूत करने के लिए सरकार के लगातार काम करने की बात कही

नई दिल्ली,5 अप्रैल (युआईटीवी)- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को राष्ट्रीय समुद्री दिवस के अवसर पर अपने संबोधन में समुद्री क्षेत्र और बंदरगाहों के महत्व पर जोर दिया और कहा कि भारत की प्रगति और समृद्धि में इनका अहम योगदान है। प्रधानमंत्री मोदी ने इस मौके पर भारतीय समुद्री इतिहास की समृद्धि और इस क्षेत्र द्वारा राष्ट्र निर्माण में निभाई गई भूमिका को याद किया। उन्होंने बताया कि भारत का समुद्री क्षेत्र हमेशा से ही महत्वपूर्ण रहा है और स्वतंत्रता के बाद,इसे बहुत अधिक नजरअंदाज किया गया। हालाँकि,पिछले कुछ वर्षों में,विशेषकर पिछले दस वर्षों में, भारत ने समुद्री क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण उपलब्धियाँ हासिल की हैं और सरकार इस क्षेत्र को और भी मजबूत बनाने के लिए निरंतर प्रयासरत है।

प्रधानमंत्री मोदी ने बताया कि भारत पहले एक स्थापित समुद्री शक्ति था,लेकिन स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद इस क्षेत्र पर ध्यान कम दिया गया। इस समय के बाद,सरकार ने समुद्री क्षेत्र को प्राथमिकता दी और इसके विकास के लिए कई योजनाएँ बनाई। पीएम मोदी ने इस बात पर भी जोर दिया कि बीते दस वर्षों में देश के प्रमुख बंदरगाहों की कार्गो हैंडलिंग क्षमता दोगुनी हो गई है। इसके साथ ही,बंदरगाहों तक कनेक्टिविटी को बेहतर बनाने के लिए कई हजार किलोमीटर नई सड़कों का निर्माण किया गया है। यह कदम भारत के समुद्री क्षेत्र के विकास के लिए बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि बेहतर कनेक्टिविटी से व्यापार और वाणिज्यिक गतिविधियाँ तेजी से बढ़ती हैं।

प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कहा कि सरकार ने समुद्री क्षेत्र में व्यापक बदलाव किए हैं,जिनका उद्देश्य बंदरगाहों की उत्पादकता और प्रगति को बढ़ावा देना है। उन्होंने यह भी कहा कि समुद्री इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास के लिए सरकार ने नए दृष्टिकोण और योजनाओं को लागू किया है। इसके अलावा,सरकार ने कोस्टल शिपिंग को बढ़ावा देने के लिए कई नई पहल की हैं,ताकि तटीय जलमार्गों का इस्तेमाल अधिक से अधिक हो सके। इस संदर्भ में,प्रधानमंत्री ने गुरुवार को लोकसभा द्वारा अनुमोदित कोस्टल शिपिंग बिल का उल्लेख किया। इस विधेयक का उद्देश्य भारतीय तटीय जल में व्यापार करने वाले जहाजों को रेगुलेट करना और तटीय व्यापार को बढ़ावा देना है।

प्रधानमंत्री ने बताया कि इस विधेयक का उद्देश्य कोस्टल शिपिंग से संबंधित कानूनों को संहिताबद्ध और संशोधित करना है,ताकि तटीय व्यापार को बढ़ावा मिल सके और घरेलू भागीदारी को प्रोत्साहन मिले। इस विधेयक के माध्यम से यह सुनिश्चित किया जाएगा कि भारत अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा और वाणिज्यिक जरूरतों के लिए देश के नागरिकों के स्वामित्व वाले तटीय बेड़े (कोस्टल फ्लीट) से लैस हो। यह कदम भारत के समुद्री क्षेत्र को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा,क्योंकि इससे न केवल तटीय व्यापार को बढ़ावा मिलेगा,बल्कि देश की समुद्री सुरक्षा को भी मजबूती मिलेगी।

प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी बात को विस्तार से समझाते हुए कहा कि सरकार के समुद्री क्षेत्र को मजबूत करने की रणनीति के तहत,देश के अंतर्देशीय जलमार्गों का भी विकास किया जा रहा है। यह रणनीति समुद्री क्षेत्र को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मजबूती देने के उद्देश्य से बनाई गई है। इससे न केवल व्यापारिक गतिविधियाँ बढ़ेंगी,बल्कि पर्यावरण को भी फायदा होगा,क्योंकि जलमार्गों का उपयोग सड़क और रेल परिवहन की तुलना में अधिक पर्यावरण मित्रवत होता है।

प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि इतिहास में जब भी भारत का समुद्री क्षेत्र मजबूत हुआ है,तब देश और दुनिया दोनों को इसका लाभ मिला है। उदाहरण स्वरूप,भारत के समुद्री रास्ते प्राचीन समय में व्यापार और सांस्कृतिक आदान-प्रदान के महत्वपूर्ण स्रोत थे। भारत ने पहले भी समुद्री शक्ति के रूप में अपनी पहचान बनाई थी और अब यह समय है कि हम इस शक्ति को पुनः स्थापित करें। सरकार इस दिशा में निरंतर काम कर रही है और सभी आवश्यक कदम उठा रही है,ताकि भारत का समुद्री क्षेत्र पूरी तरह से विकसित हो सके।

प्रधानमंत्री मोदी ने यह भी कहा कि समुद्री क्षेत्र के विकास के साथ-साथ यह सुनिश्चित किया जाएगा कि भारतीय समुद्री उद्योग में रोजगार के अवसर बढ़ें। इसके तहत,पोर्ट डेवलपमेंट,शिपिंग और मरीन इंजीनियरिंग से संबंधित नए अवसर पैदा होंगे,जिससे देश के युवाओं को लाभ होगा। इसके अलावा,भारत के समुद्री क्षेत्र के मजबूत होने से दुनिया में भारत की स्थिति और भी सशक्त होगी।

समुद्री क्षेत्र से जुड़ी योजनाओं में सरकार ने प्रमुख बंदरगाहों के अलावा छोटे और मझोले बंदरगाहों के विकास पर भी ध्यान केंद्रित किया है,ताकि भारत के हर कोने तक तटीय व्यापार का लाभ पहुँच सके। इसके साथ ही,भारत के समुद्री उद्योग में विदेशी निवेश को आकर्षित करने के लिए भी कई नई नीतियाँ बनाई जा रही हैं।

प्रधानमंत्री मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि सरकार के समुद्री क्षेत्र के विकास के लिए की जा रही योजनाएँ और पहलें केवल देश की समृद्धि के लिए नहीं,बल्कि भारत के वैश्विक महत्व को बढ़ाने के लिए भी हैं। सरकार के इस दृष्टिकोण से भारत एक बार फिर से समुद्री शक्ति के रूप में दुनिया में अपनी पहचान स्थापित करेगा।