प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया पंबन ब्रिज का उद्घाटन (तस्वीर क्रेडिट@BJP4SEEMA)

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ पंबन ब्रिज उद्घाटन में तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम. के.स्टालिन नहीं हुए शामिल,स्टालिन ने बताई इसकी वजह

रामेश्वरम (तमिलनाडु),7 अप्रैल (युआईटीवी)– प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रामनवमी के मौके पर रविवार, 6 अप्रैल को तमिलनाडु के रामेश्वरम में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए देश को एक बड़ी सौगात दी। प्रधानमंत्री मोदी ने यहाँ भारत के पहले वर्टिकल लिफ्ट सी-ब्रिज,पंबन रेल ब्रिज का उद्घाटन किया। इस पुल की लागत 700 करोड़ रुपये है और इसका शिलान्यास प्रधानमंत्री ने 2019 में किया था। इस पुल का उद्घाटन भारतीय रेलवे के बुनियादी ढाँचे में एक ऐतिहासिक उपलब्धि के रूप में माना जा रहा है।

प्रधानमंत्री मोदी ने इस अवसर पर रामेश्वरम और तांबरम (चेन्नई) के बीच शुरू होने वाली नई रेल सेवा को भी हरी झंडी दिखाई। यह नई रेल सेवा तमिलनाडु के लोगों के लिए एक महत्वपूर्ण परिवहन सुविधा साबित होगी। उद्घाटन के दौरान रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव,तमिलनाडु के राज्यपाल आर. एन. रवि,राज्य के वित्त मंत्री थांगम थेनारसु समेत कई अन्य नेता मौजूद थे। हालाँकि,इस आयोजन के दौरान सबसे अधिक चर्चा मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन के इस कार्यक्रम में शामिल नहीं के बारे में हो रही थी।

दरअसल, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन राज्य के नीलगिरि जिले में पहले से निर्धारित कार्यक्रमों में भाग ले रहे थे। मुख्यमंत्री ने अपनी अनुपस्थिति के बारे में पहले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सूचित कर दिया था। उन्होंने कहा कि, “मैंने प्रधानमंत्री को रामेश्वरम में आयोजित कार्यक्रम में अपनी अनुपस्थिति के बारे में पहले ही सूचित कर दिया था। नीलगिरि में पूर्व निर्धारित कार्यक्रमों के कारण मैं खुद उपस्थित नहीं हो सका।” इसके बावजूद,मुख्यमंत्री स्टालिन के मंत्री थंगम थेनारसु और राजकन्नप्पन प्रधानमंत्री मोदी का स्वागत करने के लिए वहाँ मौजूद थे।

इस मौके पर मुख्यमंत्री स्टालिन ने प्रधानमंत्री मोदी से एक खास आग्रह भी किया। उन्होंने कहा, “जब प्रधानमंत्री मोदी तमिल भूमि और दक्षिणी राज्यों में आए हैं,तो मैं उनसे एक वादा चाहता हूँ कि परिसीमन प्रक्रिया के दौरान इन राज्यों को किसी भी प्रकार से नुकसान नहीं पहुँचाया जाएगा।” इस बयान से यह स्पष्ट होता है कि मुख्यमंत्री स्टालिन राज्य के हितों की रक्षा के लिए विशेष रूप से चिंतित हैं।

प्रधानमंत्री मोदी के तमिलनाडु दौरे के दौरान,मुख्यमंत्री स्टालिन ने रविवार को उदगमंडलम में 494.51 करोड़ रुपये की लागत से तैयार किए गए 1,703 सरकारी कार्यों का उद्घाटन किया। इनमें नवनिर्मित उदगमंडलम सरकारी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल भी शामिल थे। यह उद्घाटन तमिलनाडु में स्वास्थ्य सुविधाओं की स्थिति को सुधारने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इसके साथ ही,मुख्यमंत्री ने नीलगिरि जिले में ₹130.35 करोड़ की लागत वाली 56 नई परियोजनाओं का शिलान्यास भी किया।

इन नए विकास कार्यों में न केवल स्वास्थ्य,बल्कि अन्य बुनियादी ढाँचे और सुविधाओं का विस्तार भी किया जा रहा है। इस विकास कार्य का उद्देश्य राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में जीवन स्तर को सुधारना और अधिक सुविधाएँ उपलब्ध कराना है।

प्रधानमंत्री मोदी के इस उद्घाटन कार्यक्रम के दौरान राज्य और केंद्र सरकार के बीच सहयोग का प्रतीक देखा गया। हालाँकि,मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन की अनुपस्थिति ने राजनीतिक रूप से कुछ सवाल उठाए,लेकिन उन्होंने पहले ही अपनी स्थिति स्पष्ट कर दी थी। उनका यह भी कहना था कि वह नीलगिरि में आयोजित कार्यक्रमों की वजह से प्रधानमंत्री के रामेश्वरम दौरे में शरीक नहीं हो पाए,लेकिन उनकी सरकार की ओर से पूरी तरह से सहयोग और समर्थन प्राप्त है।

इस कार्यक्रम से यह भी संदेश गया कि प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री स्टालिन दोनों अपनी-अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन करते हुए राज्य और केंद्र सरकार के बीच सामंजस्य बनाए रखने की कोशिश कर रहे हैं। तमिलनाडु में पंबन रेल ब्रिज का उद्घाटन एक ऐतिहासिक क्षण है,जो राज्य के बुनियादी ढाँचे को और मजबूत करेगा और वहाँ के लोगों के लिए नई परिवहन सुविधाएँ उपलब्ध कराएगा।