नई दिल्ली,22 अप्रैल (युआईटीवी)- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को दो दिवसीय राजकीय यात्रा के लिए सऊदी अरब रवाना हो गए। यह यात्रा सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस और प्रधानमंत्री महामहिम मोहम्मद बिन सलमान के विशेष निमंत्रण पर हो रही है। इस दौरे को भारत और सऊदी अरब के बीच तेजी से प्रगाढ़ हो रहे संबंधों को नई दिशा देने वाला कदम माना जा रहा है। यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री मोदी विभिन्न उच्चस्तरीय बैठकों और कार्यक्रमों में भाग लेंगे,जिससे न केवल द्विपक्षीय सहयोग को मजबूती मिलेगी,बल्कि क्षेत्रीय स्थिरता और वैश्विक साझेदारी के नए रास्ते भी खुलेंगे।
प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में पिछले एक दशक में भारत और सऊदी अरब के रिश्तों में अभूतपूर्व प्रगति देखी गई है। सत्ता में आने के बाद से मोदी सरकार ने खाड़ी देशों के साथ संबंधों को प्राथमिकता दी है। खासकर सऊदी अरब,जो न केवल भारत के ऊर्जा सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण साझेदार है,बल्कि निवेश और व्यापार के क्षेत्रों में भी भारत के लिए एक प्रमुख सहयोगी बनकर उभरा है।
प्रधानमंत्री मोदी की यह तीसरी सऊदी यात्रा है। इससे पहले वे 2016 और 2019 में रियाद का दौरा कर चुके हैं। विशेष बात यह है कि स्वतंत्र भारत के इतिहास में पिछले 70 वर्षों में अन्य प्रधानमंत्रियों ने मिलकर कुल तीन बार सऊदी अरब का दौरा किया था,जबकि मोदी अकेले ही तीसरी बार वहाँ जा रहे हैं। यह दर्शाता है कि भारत अब खाड़ी क्षेत्र के साथ संबंधों को कितनी गंभीरता से ले रहा है।
पीएम मोदी की यह यात्रा न केवल रणनीतिक साझेदारी परिषद की दूसरी बैठक में भागीदारी के लिए है,बल्कि यह भारत-सऊदी अरब संबंधों के व्यापक आयामों रक्षा, ऊर्जा,व्यापार,निवेश और संस्कृति में सहयोग को और गहरा करने का अवसर भी है।
सऊदी अरब रवाना होने से पहले प्रधानमंत्री ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक संदेश साझा करते हुए लिखा, “मैं जेद्दा,सऊदी अरब जा रहा हूँ। वहाँ मेरी कई बैठकों और कार्यक्रमों में शामिल होने की योजना है। भारत सऊदी अरब के साथ अपने पुराने रिश्तों को बहुत महत्व देता है। पिछले दस सालों में हमारे आपसी संबंध बहुत तेजी से आगे बढ़े हैं। मुझे रणनीतिक साझेदारी परिषद की दूसरी बैठक में भाग लेने का इंतजार है। मैं वहाँ भारतीय समुदाय के लोगों से भी मिलूँगा।”
प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) द्वारा जारी बयान में भी भारत और सऊदी अरब के संबंधों के महत्व को रेखांकित किया गया। बयान में कहा गया कि हाल के वर्षों में दोनों देशों ने रक्षा,व्यापार,निवेश,ऊर्जा और जनसंपर्क जैसे क्षेत्रों में उल्लेखनीय प्रगति की है। साथ ही,क्षेत्रीय शांति,समृद्धि और सुरक्षा के लिए साझा प्रतिबद्धता भी दोनों देशों के रिश्तों का आधार रही है।
पीएम मोदी की इस यात्रा के प्रमुख एजेंडे में रणनीतिक साझेदारी परिषद की बैठक शामिल है,जो दोनों देशों के बीच गहरे सहयोग के नए रास्ते खोलेगी। रक्षा सहयोग,ऊर्जा सुरक्षा,नवीकरणीय ऊर्जा,हाई-टेक क्षेत्रों में निवेश,खाद्य सुरक्षा,स्वास्थ्य क्षेत्र में साझेदारी और दोनों देशों के नागरिकों के बीच संपर्क बढ़ाने जैसे मुद्दे बैठक के केंद्र में होंगे।
विशेष रूप से,ऊर्जा क्षेत्र में भारत और सऊदी अरब के बीच मजबूत सहयोग रहा है। सऊदी अरब भारत के लिए दूसरा सबसे बड़ा कच्चा तेल आपूर्तिकर्ता है। इसके अलावा,स्वच्छ ऊर्जा और हरित हाइड्रोजन के क्षेत्र में भी दोनों देशों के बीच साझेदारी पर चर्चा की उम्मीद है।
वर्तमान वैश्विक भू-राजनीतिक परिदृश्य में,यह यात्रा इसलिए भी महत्वपूर्ण है,क्योंकि खाड़ी क्षेत्र अब न केवल तेल और गैस का केंद्र है,बल्कि वैश्विक निवेश,नवाचार और सुरक्षा रणनीतियों का भी एक प्रमुख हिस्सा बन चुका है। भारत की ‘एक्ट वेस्ट पॉलिसी’ के तहत यह दौरा रणनीतिक दृष्टिकोण से बेहद महत्वपूर्ण है।
जेद्दा में प्रधानमंत्री मोदी भारतीय समुदाय के सदस्यों से भी मुलाकात करेंगे। सऊदी अरब में बड़ी संख्या में भारतीय प्रवासी रहते हैं,जो न केवल सऊदी अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं,बल्कि भारत-सऊदी संबंधों को मजबूत बनाने में भी पुल का काम करते हैं। इस संवाद के दौरान पीएम भारतीय समुदाय की उपलब्धियों की सराहना करेंगे और प्रवासी भारतीयों के अनुभवों और सुझावों को भी सुनेंगे।
यह यात्रा ऐसे समय में हो रही है,जब भारत ने सितंबर 2023 में सफलतापूर्वक जी-20 शिखर सम्मेलन का आयोजन किया था,जिसमें सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने भी भाग लिया था। नई दिल्ली में आयोजित शिखर सम्मेलन के दौरान भारत और सऊदी अरब के बीच कई महत्वपूर्ण द्विपक्षीय समझौतों पर हस्ताक्षर हुए थे और रणनीतिक साझेदारी को नई ऊँचाइयों पर ले जाने का संकल्प व्यक्त किया गया था। अब,जेद्दा में होने वाली बातचीत उन निर्णयों को लागू करने की दिशा में एक और ठोस कदम होगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यह यात्रा केवल औपचारिकता नहीं,बल्कि भारत और सऊदी अरब के बीच एक नई वैश्विक रणनीतिक साझेदारी की नींव है। आने वाले वर्षों में,इस यात्रा के माध्यम से दोनों देशों के बीच न केवल व्यापार और निवेश बढ़ेगा, बल्कि रक्षा,नवाचार और ऊर्जा के क्षेत्र में भी नए युग की शुरुआत होगी। क्षेत्रीय शांति और स्थिरता के लिए भी यह साझेदारी एक उदाहरण बनेगी।