प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (तस्वीर क्रेडिट@Surender_10K)

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत की एयर स्ट्राइक के बीच रद्द किया यूरोप दौरा,ऑपरेशन सिंदूर से दी आतंकवाद को कड़ी चेतावनी

नई दिल्ली,8 मई (युआईटीवी)- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) में आतंकवादियों के नौ ठिकानों पर की गई एयर स्ट्राइक के बाद अपना प्रस्तावित यूरोप दौरा रद्द कर दिया है। भारतीय सेना द्वारा पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) में आतंकवादियों के नौ ठिकानों पर की गई एयर स्ट्राइक के बाद देश की रणनीतिक प्राथमिकताओं में बड़ा बदलाव देखा गया है। इसी कड़ी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपना प्रस्तावित यूरोप दौरा रद्द कर दिया है। पहले ही रूस के विजय दिवस समारोह में शामिल नहीं होने का फैसला कर चुके पीएम मोदी का अब नॉर्वे,क्रोएशिया और नीदरलैंड की यात्रा पर न जाना इस बात का संकेत है कि भारत फिलहाल आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई को प्राथमिकता दे रहा है।

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार,पीएम मोदी की यह यात्रा पहले से निर्धारित थी, लेकिन 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले और उसके बाद शुरू किए गए “ऑपरेशन सिंदूर” के चलते उन्होंने अपनी विदेश यात्राएँ स्थगित करने का फैसला लिया। प्रधानमंत्री रात भर चले इस सैन्य अभियान की व्यक्तिगत रूप से निगरानी करते रहे।

इससे पहले,प्रधानमंत्री ने 9 मई को आयोजित होने वाले रूस के विजय दिवस समारोह में भी शामिल न होने का निर्णय लिया था। क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने मीडिया को भारत के प्रधानमंत्री के समारोह में उपस्थित नहीं होने की जानकारी दी। हालाँकि,भारत की ओर से प्रतिनिधित्व किया जाएगा और यह निर्णय भी भारत की मौजूदा स्थिति और प्राथमिकताओं को दर्शाता है।

भारतीय सेना ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत पीओके और पाकिस्तान के भीतर नौ आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया। यह कार्रवाई देर रात की गई और इसकी पुष्टि भारतीय सेना ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर दी। इसके बाद प्रेस ब्रीफिंग में भारत सरकार ने इस हमले की विस्तृत जानकारी साझा की।

भारतीय सेना ने नौ स्थानों पर हमले किए हैं,जिसमें मुजफ्फराबाद,बहावलपुर,कोटली,रावलकोट,चकस्वरी,भीमबर,नीलम घाटी,झेलम,चकवाल शामिल हैं। इन हमलों में अब तक 70 से अधिक आतंकियों के मारे जाने और 60 से अधिक के घायल होने की पुष्टि हुई है।

विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने प्रेस कांफ्रेंस में इस ऑपरेशन के लक्ष्य के बारे बताया कि इस ऑपरेशन का लक्ष्य पूरी आतंकियों के बुनियादी ढाँचे को ध्वस्त करना और उनकी गतिविधियों को रोकना था। उन्होंने बताया कि इन ठिकानों का चयन ठोस खुफिया सूचनाओं के आधार पर किया गया और हमलों की प्रकृति अत्यंत केंद्रित और संतुलित थी।

उन्होंने कहा कि, “ऑपरेशन सिंदूर भारत के उस अधिकार का प्रतिनिधित्व करता है, जिसके तहत हम सीमा पार आतंकवाद का जवाब देने और उसे रोकने की कार्रवाई करते हैं।” उन्होंने जोर दिया कि यह कार्रवाई कोई युद्धघोष नहीं थी,बल्कि एक आवश्यक रक्षात्मक कदम था।

भारत ने इस एयर स्ट्राइक के ज़रिए अंतर्राष्ट्रीय मंच पर यह स्पष्ट कर दिया है कि वह आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति पर कायम है। बयान में कहा गया कि इन हमलों के दौरान पाकिस्तान की सैन्य ठिकानों को जानबूझकर निशाना नहीं बनाया गया। भारत ने ऑपरेशन में संयम का परिचय दिया और केवल उन स्थानों पर निशाना साधा जहाँ से भारत पर हमलों की साजिश रची जा रही थी।

सरकार के बयान में कहा गया कि, “हमारी कार्रवाई केंद्रित,संतुलित और गैर-विवाद बढ़ाने वाली रही। पाकिस्तानी सैन्य सुविधाओं को निशाना नहीं बनाया गया। भारत ने लक्ष्यों के चयन और कार्रवाई के तरीके में काफी संयम दिखाया।”

सूत्रों के अनुसार,प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रातभर इस सैन्य कार्रवाई पर निगाह बनाए हुए थे। उन्होंने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और शीर्ष सैन्य अधिकारियों से लगातार अपडेट लिया और कार्रवाई की रणनीति को स्वयं मॉनिटर किया।

इस ऑपरेशन के बाद देश में सुरक्षा एजेंसियों को हाई अलर्ट पर रखा गया है। विशेष रूप से संवेदनशील इलाकों में गश्त बढ़ा दी गई है और खुफिया एजेंसियों को अलर्ट रहने के निर्देश दिए गए हैं।

“ऑपरेशन सिंदूर” भारत के रक्षा और विदेश नीति के बदलते स्वरूप का प्रतीक है। यह केवल एक सैन्य कार्रवाई नहीं,बल्कि एक स्पष्ट कूटनीतिक संदेश भी है कि भारत अब आतंकवाद को झेलने के बजाय जवाब देने की नीति अपना चुका है। पीएम मोदी का विदेश दौरा रद्द करना इस बात का संकेत है कि भारत की प्राथमिकता इस समय राष्ट्रीय सुरक्षा और आंतरिक स्थिरता है।