छात्र विरोध प्रदर्शन (तस्वीर क्रेडिट@sanjay_tyagi2)

प्रियंका गांधी ने बीपीएससी आंदोलन पर भाजपा सरकार पर किया हमला,कहा भाजपा का डबल इंजन युवाओं पर डबल अत्याचार का प्रतीक

नई दिल्ली,30 दिसंबर (युआईटीवी)- कांग्रेस नेता और वायनाड से सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा ने सोमवार को पटना में छात्रों के साथ कथित रूप से “प्रताड़ित” किए जाने को लेकर बिहार में भाजपा के नेतृत्व वाली डबल इंजन सरकार की कड़ी आलोचना की। यह आलोचना उस घटना के संदर्भ में आई,जब रविवार को पटना पुलिस ने 70वीं बीपीएससी संयुक्त प्रारंभिक परीक्षा में अनियमितताओं के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हजारों अभ्यर्थियों पर लाठीचार्ज किया और उन पर पानी की बौछार की।

प्रियंका गांधी ने इस घटना को लेकर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट कर कहा कि, “बिहार में तीन दिन के भीतर छात्रों पर इस प्रकार की दूसरी बार अत्याचार किया गया। परीक्षाओं में भ्रष्टाचार,धांधली,पेपर लीक रोकना सरकार का काम है,लेकिन भ्रष्टाचार रोकने की जगह छात्रों को आवाज उठाने से रोका जा रहा है। इस कड़ाके की ठंड में युवाओं पर पानी की बौछार करना और लाठीचार्ज करना अमानवीय है। भाजपा का डबल इंजन युवाओं पर डबल अत्याचार का प्रतीक बन गया है।” प्रियंका गांधी की यह टिप्पणी बिहार सरकार की नीतियों पर सवाल उठाती है,जिसमें उन्होंने छात्र विरोधी कार्रवाई के आरोप लगाए हैं।

विरोध प्रदर्शन रविवार को उस समय तेज हुआ,जब छात्रों ने बीपीएससी परीक्षा में कथित अनियमितताओं के खिलाफ प्रदर्शन करना शुरू किया। परीक्षाओं में धांधली और भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर छात्र गांधी मैदान के पास धरने पर बैठ गए। पुलिस ने कई बार उन्हें सड़क खाली करने के लिए कहा,लेकिन जब प्रदर्शनकारी शांत नहीं हुए,तो पुलिस ने कार्रवाई की। पहले पानी की बौछार की गई,लेकिन जब इससे भी प्रदर्शनकारी नहीं हटे,तो पुलिस ने लाठीचार्ज किया। इस लाठीचार्ज में कई प्रदर्शनकारी घायल हो गए।


प्रदर्शन कर रहे छात्रों का आरोप था कि पुलिस ने उनके खिलाफ अत्यधिक शारीरिक बल का इस्तेमाल किया। छात्र नेताओं ने कहा कि पुलिस ने छात्रों को जबरन सड़कों से घसीटा और आँसू गैस का भी इस्तेमाल किया। इस दौरान महिला उम्मीदवारों ने भी दुर्व्यवहार की शिकायत की,जिससे विरोध और बढ़ गया। छात्र यह माँग कर रहे थे कि 70वीं बीपीएससी परीक्षा में हुई कथित गड़बड़ियों की जाँच हो और परीक्षा को रद्द किया जाए।

इस बीच,बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) ने 4 जनवरी 2024 को पुनः परीक्षा की घोषणा की है। इस परीक्षा में विशेष रूप से वे उम्मीदवार शामिल होंगे,जो 13 दिसंबर को पटना के बापू परिसर परीक्षा केंद्र में उपस्थित हुए थे। आयोग ने घोषणा की कि जिन अभ्यर्थियों ने परीक्षा में धोखाधड़ी या गड़बड़ी के कारण अपनी परीक्षा को प्रभावित होते देखा,उनके लिए यह पुनः परीक्षा आयोजित की जाएगी।

बिहार में इस घटना को लेकर राजनीतिक हलकों में भी हलचल मच गई है। कांग्रेस, राजद और अन्य विपक्षी दलों ने राज्य सरकार और भाजपा पर छात्रों की आवाज दबाने का आरोप लगाया है। वहीं,भाजपा ने इस आरोप को नकारते हुए कहा कि पुलिस ने केवल स्थिति को नियंत्रित करने के लिए कार्रवाई की और छात्रों की सुरक्षा को प्राथमिकता दी थी।

प्रियंका गांधी के बयान और बिहार में हो रहे छात्रों के विरोध ने इस मुद्दे को राष्ट्रीय ध्यान केंद्रित किया है। यह घटनाक्रम बिहार के शैक्षिक और प्रशासनिक माहौल को लेकर सवाल उठाता है। छात्रों द्वारा उठाए जा रहे मुद्दे,जैसे कि परीक्षा में भ्रष्टाचार, पेपर लीक और परीक्षा प्रणाली की पारदर्शिता,अब राजनीतिक विमर्श का हिस्सा बन गए हैं।

बिहार में छात्रों के विरोध प्रदर्शनों के मद्देनजर,राज्य सरकार के खिलाफ गुस्सा और असंतोष बढ़ता जा रहा है। यह स्पष्ट हो गया है कि बिहार में शिक्षा और परीक्षा प्रणाली के मुद्दे पर छात्रों के लिए एक बड़ा संघर्ष जारी है। इस संघर्ष ने न केवल राज्य सरकार को चुनौती दी है,बल्कि छात्रों की आवाज को भी एक मजबूत मंच प्रदान किया है,जिससे यह मामला आगे बढ़ सकता है।