Accused Lingayat seer in sex scandal develops chest pain, shifted to hospital from prison

बलात्कार के आरोपी कर्नाटक लिंगायत साधु पर अपने पद छोड़ने का दबाव

बेंगलुरू, 29 सितम्बर (युआईटीवी/आईएएनएस)| बलात्कार के आरोपी साधु और जेल में बंद कर्नाटक लिंगायत द्रष्टा शिवमूर्ति मुरुघ शरणारू पर उनकी जगह नए धार्मिक पुजारी का अभिषेक करने की मांग के बीच चित्रदुर्ग मुरुघा मठ के प्रमुख के रूप में पद छोड़ने के लिए दबाव डाला गया। लिंगायत समुदाय के अनुयायियों और प्रमुख नेताओं ने गुरुवार को ऐतिहासिक, नकदी समृद्ध मठ के भविष्य पर चर्चा करने के लिए चित्रदुर्ग में एक महत्वपूर्ण बैठक की। दरअसल, कर्नाटक उच्च न्यायालय ने आरोपी लिंगायत द्रष्टा को चेक पर हस्ताक्षर करने के लिए अस्थायी रूप से अनुमति देने से इनकार कर दिया। सूत्रों का कहना है कि, आरोपी साधु को 200 से अधिक चेक पर हस्ताक्षर करने की अनुमति नहीं है, इसलिए मठ की गतिविधियां बुरी तरह प्रभावित हो रही हैं और कर्मचारियों को वेतन नहीं मिल पा रहा है।

उच्च न्यायालय जो कर्मचारियों पर सहानुभूति रखता है और उम्मीद की जा रही थी कि वह सहमति देगा। मठ की पूरे देश में 3,000 शाखाएं हैं और 150 से अधिक प्रमुख शिक्षा और अन्य संस्थान हैं। सूत्रों के अनुसार, दबाव और पद छोड़ने की मांग के बावजूद आरोपी द्रष्टा ने स्पष्ट रूप से पद छोड़ने से इनकार कर दिया है। इस संबंध में पूर्व मंत्री एच एकंतैया के नेतृत्व में बैठक हुई और भविष्य की कार्रवाई पर चर्चा की गई।

नेताओं ने चर्चा की कि, चित्रदुर्ग मठ की विरासत और इतिहास को कैसे बनाए रखा जाए क्योंकि आरोपी द्रष्टा पद छोड़ने से इनकार कर रहे हैं। बैठक में कई नेताओं ने नए स्वामीजी की नियुक्ति की मांग की थी। दूसरी और धार्मिक संतों के एक समूह ने जेल में आरोपी शिवमूर्ति मुरुघ शरणारू से मुलाकात की और महत्वपूर्ण चर्चा की। बैठक में क्या बातचीत हुई इसे सार्वजनिक नहीं किया गया है।

चित्रदुर्ग मुरुघ मठ के शक्तिशाली लिंगायत संत शिवमूर्ति मुरुघा शरणारू बलात्कार के आरोप में जेल में बंद हैं। जिला अतिरिक्त सत्र न्यायालय ने मंगलवार को उनकी न्यायिक हिरासत 10 अक्टूबर तक बढ़ा दी। न्यायाधीश बी.के. कोमला ने आरोपी नंबर दो, हॉस्टल वार्डन रश्मि की न्यायिक हिरासत भी 10 अक्टूबर तक बढ़ा दी है।

आरोपी द्रष्टा, जिसकी न्यायिक हिरासत मंगलवार को समाप्त हो गई थी। उसको अदालत के समक्ष पेश किया गया और बाद में आदेश के बाद उसे चित्रदुर्ग जिले की केंद्रीय जेल ले जाया गया।

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