मालदीव के राष्ट्रपति डॉ. मोहम्मद मुइज्जू और उनकी पत्नी साजिदा मोहम्मद (तस्वीर क्रेडिट @cameraman_r)

ताज का दीदार करने आगरा पहुँचे मालदीव के राष्ट्रपति मुइज्जू और उनकी पत्नी,खूबसूरती देख रह गए दंग

आगरा,8 अक्टूबर (युआईटीवी)- मालदीव के राष्ट्रपति डॉ. मोहम्मद मुइज्जू और उनकी पत्नी साजिदा मोहम्मद ने मंगलवार को भारत दौरे के दौरान विश्व प्रसिद्ध ताजमहल का दीदार किया। यह ऐतिहासिक यात्रा भारत और मालदीव के बीच दोस्ताना संबंधों को मजबूत बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। ताजमहल को देखकर राष्ट्रपति मुइज्जू और उनकी पत्नी भावविभोर हो गए और उन्होंने ताजमहल की खूबसूरती की सराहना करते हुए कहा, “वाह, ताज!”

राष्ट्रपति मुइज्जू की ताजमहल यात्रा को लेकर विशेष तैयारियाँ की गई थीं। उनके आगमन को ध्यान में रखते हुए ताजमहल में सुबह 8 बजे से 10 बजे तक पर्यटकों की प्रवेश पर रोक लगा दी गई थी,जिससे कि वे इस विश्व धरोहर स्थल का शांति और सुकून के साथ आनंद उठा सकें। ताजमहल में पर्यटकों के प्रवेश रोकने के लिए पूर्वी और पश्चिमी गेट स्थित टिकट विंडो को भी बंद रखा गया था।

राष्ट्रपति मुइज्जू की इस महत्वपूर्ण यात्रा के दौरान उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की ओर से कैबिनेट मंत्री योगेंद्र उपाध्याय को विशेष रूप से भेजा गया था, जो राष्ट्रपति और उनकी पत्नी के स्वागत के लिए आगरा पहुँचे । उन्होंने मुइज्जू की इस यात्रा को भारत और मालदीव के बीच मजबूत होते मैत्रीपूर्ण संबंधों का प्रतीक बताया। उन्होंने कहा, “यह एक ऐतिहासिक क्षण है, जो दोनों देशों के संबंधों को और अधिक मजबूत बनाएगा।”

राष्ट्रपति मुइज्जू की यह यात्रा तब और भी चर्चा में आई,जब उनके भारत दौरे से पहले मालदीव की विदेश नीति को लेकर विवादास्पद बयान सामने आए थे। मालदीव की ‘मालदीव फर्स्ट’ नीति के तहत, राष्ट्रपति मुइज्जू ने कहा था कि मालदीव की नीति का भारत के साथ संबंधों पर कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ेगा। उन्होंने जोर देकर कहा कि मालदीव कभी भी ऐसा कुछ नहीं करेगा,जिससे भारत की सुरक्षा को खतरा हो।

मुइज्जू ने स्पष्ट किया कि अन्य देशों के साथ मालदीव के रिश्ते भारत के साथ संबंधों पर असर नहीं डालेंगे। भारत मालदीव का महत्वपूर्ण पड़ोसी और सहयोगी है और दोनों देशों के मध्य के संबंध ऐतिहासिक और मजबूत रहा है। इस यात्रा के दौरान, राष्ट्रपति मुइज्जू ने इस बात पर जोर दिया कि उनके नेतृत्व में मालदीव और भारत के मध्य मैत्रीपूर्ण संबंध और भी मजबूत होंगे।

राष्ट्रपति मुइज्जू ने ताजमहल का दीदार करने के बाद अपने दौरे के महत्व पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि भारत ने हमेशा मालदीव के विकास और समृद्धि में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है और भारत-मालदीव संबंधों को और अधिक प्रगाढ़ करने के लिए यह यात्रा महत्वपूर्ण साबित होगी।

दिल्ली में हुई द्विपक्षीय वार्ता के दौरान, राष्ट्रपति मुइज्जू ने भारत सरकार का आभार व्यक्त किया। भारत ने मालदीव की आर्थिक सहायता के लिए 400 मिलियन अमेरिकी डॉलर के करेंसी स्वैप एग्रीमेंट पर हस्ताक्षर किए और साथ ही 3000 करोड़ रुपये की मदद की पेशकश की। मालदीव नकदी की कमी से जूझ रहा था, और इस संकट के समय भारत ने मदद के लिए हाथ बढ़ाया। भारत ने मालदीव को 100 मिलियन अमेरिकी डॉलर का ट्रेजरी बिल रोल ओवर भी प्रदान किया, जिसे लेकर राष्ट्रपति मुइज्जू ने भारतीय नेतृत्व का धन्यवाद किया।

राष्ट्रपति मुइज्जू ने कहा कि भारत हमेशा से मालदीव के साथ खड़ा रहा है, खासकर जरूरत के समय में। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि मालदीव और भारत के बीच के संबंध सिर्फ आर्थिक या रणनीतिक नहीं हैं, बल्कि यह एक ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संबंध भी है, जो दोनों देशों के लोगों के बीच आपसी विश्वास और मित्रता पर आधारित है।

मुइज्जू की यह यात्रा केवल ताजमहल तक सीमित नहीं है। वे इसके बाद भारत के अन्य महत्वपूर्ण शहरों जैसे मुंबई और बेंगलुरु का भी दौरा करेंगे। इन शहरों में वे व्यापारिक कार्यक्रमों में हिस्सा लेंगे,जिससे भारत और मालदीव के बीच व्यापारिक और आर्थिक संबंधों को और अधिक गति मिल सके। इसके अलावा, राष्ट्रपति मुइज्जू आगरा के अलावा नई दिल्ली और मुंबई में भी विभिन्न भारतीय नेताओं और व्यापारिक समुदाय के साथ मुलाकात करेंगे।

मुइज्जू की ताजमहल यात्रा न सिर्फ उनके लिए एक व्यक्तिगत अनुभव था,बल्कि यह भारत-मालदीव संबंधों को और भी मजबूत बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम था। इस दौरे से भारत और मालदीव के बीच दीर्घकालिक और मैत्रीपूर्ण संबंधों को नई ऊँचाइयों तक पहुँचाने की उम्मीद की जा रही है।