मुंबई,8 मई (युआईटीवी)- भारतीय क्रिकेट के दिग्गज बल्लेबाज़ और टेस्ट एवं वनडे कप्तान रोहित शर्मा ने टेस्ट क्रिकेट को अलविदा कह दिया है। उन्होंने इंस्टाग्राम पर एक भावुक स्टोरी साझा कर अपने प्रशंसकों और टीम को धन्यवाद देते हुए अपने टेस्ट संन्यास की घोषणा की। इस खबर ने क्रिकेट प्रशंसकों के बीच भावनाओं का सैलाब ला दिया है,क्योंकि रोहित न केवल एक कप्तान बल्कि एक ऐसे खिलाड़ी रहे हैं,जिन्होंने भारत को कई यादगार टेस्ट जीत दिलाई हैं।
रोहित शर्मा ने इंस्टाग्राम स्टोरी में अपनी 280 नंबर की टेस्ट कैप की तस्वीर साझा करते हुए लिखा, “मैं सबको साझा करना चाहता हूँ कि मैं टेस्ट क्रिकेट से संन्यास ले रहा हूँ। अपने देश का सफेद जर्सी में प्रतिनिधित्व करना मेरे लिए सम्मान की बात है। इतने सालों तक मुझे समर्थन और प्यार देने के लिए आप सबका शुक्रिया। मैं वनडे फॉर्मेट खेलना जारी रखूँगा।”
यह संन्यास ऐसे समय में आया है,जब वह हाल ही में वनडे क्रिकेट में भारत के लिए चैंपियंस ट्रॉफी जीत चुके हैं। इससे पहले,उन्होंने 2024 में टी20 विश्व कप जीतने के बाद टी20 फॉर्मेट को अलविदा कहा था।
रोहित शर्मा ने भारत के लिए 67 टेस्ट मैचों में 116 पारियाँ खेलीं,जिसमें उन्होंने 40.57 की औसत से 7538 रन बनाए। उनके टेस्ट करियर में 12 शतक और 18 अर्धशतक शामिल हैं। शुरुआत में रोहित को टेस्ट टीम में जगह पक्की करने के लिए संघर्ष करना पड़ा,लेकिन जब उन्होंने 2019 में बतौर ओपनर नया रोल अपनाया,तो उनके करियर ने एक नया मोड़ लिया।
विशेषकर घरेलू पिचों पर उनकी बल्लेबाज़ी का जलवा रहा है। उन्होंने साउथ अफ्रीका,इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया जैसे मजबूत विपक्षियों के खिलाफ शतक जमाकर अपनी उपयोगिता साबित की।
हालाँकि,पिछले साल का टेस्ट सीजन रोहित के लिए बेहद निराशाजनक रहा। बांग्लादेश और न्यूजीलैंड के खिलाफ घरेलू मैचों में केवल एक अर्धशतक बना सके। इसके बाद जब भारत ने ऑस्ट्रेलिया का दौरा किया,तो रोहित के बल्ले से रन निकलना बंद हो गया। एक समय ऐसा भी आया,जब उन्हें कप्तान होने के बावजूद खुद को प्लेइंग इलेवन से बाहर करना पड़ा।
रोहित के पिछले सीजन के आँकड़े बेहद चिंताजनक थे,उन्होंने 8 टेस्ट मैच में केवल 1 अर्धशतक लगाए और औसत सिर्फ 10.93 रहा। दोनों प्रमुख सीरीज (न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया) में भारत को हार मुँह देखना पड़ा।
रोहित ने भारत के लिए 24 टेस्ट मैचों में कप्तानी की। इसमें उन्हें 12 में जीत, 9 में हार और 3 मैच ड्रॉ रहे। उनकी कप्तानी में भारत ने कुछ शानदार घरेलू प्रदर्शन किए,लेकिन विदेशी धरती पर टीम को सफलता नहीं मिल पाई।
टेस्ट क्रिकेट में रोहित की कप्तानी की सबसे खास बात रही उनकी रणनीतिक सोच और टीम पर नियंत्रण,लेकिन बल्लेबाजी में निरंतरता की कमी और उम्र के साथ बढ़ते फिटनेस मुद्दों ने शायद उन्हें यह निर्णय लेने पर मजबूर किया।
अब रोहित वनडे क्रिकेट पर पूरी तरह ध्यान केंद्रित करेंगे। उन्होंने साफ किया है कि वह वनडे फॉर्मेट में खेलना जारी रखेंगे और भारत को 2025 की चैंपियंस ट्रॉफी और 2027 के वनडे वर्ल्ड कप के लिए तैयार करेंगे।
रोहित शर्मा का टेस्ट क्रिकेट से संन्यास भारतीय क्रिकेट के एक महत्वपूर्ण अध्याय का समापन है। उन्होंने अपनी बल्लेबाज़ी से कई शानदार यादें दीं,खासकर घरेलू पिचों पर। हालिया खराब प्रदर्शन और बढ़ती उम्र को देखते हुए यह फैसला यथार्थवादी और सम्मानजनक है। अब नजरें उनके वनडे करियर और कप्तानी पर टिकी रहेंगी।