6 common myths about diabetes.

गतिहीन जीवन शैली के कारण मधुमेह के मामले बढ़ रहे हैं

लखनऊ, 14 नवंबर (युआईटीवी/आईएएनएस)| एक गतिहीन जीवन शैली ने मधुमेह के मामलों में वृद्धि की है, विशेष रूप से जो लोग ईक्कीस या बीस साल से गुजर रहें हैं उनके बीच। महामारी के दौरान घर से काम करने के चलते ये और अधिक बढ़ गया है। किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी, लखनऊ के एक वरिष्ठ संकाय डॉ कौसर उस्मान ने कहा, “कोविड प्रतिबंध खत्म होने के बाद भी, कंपनियां, विशेष रूप से कुछ क्षेत्रों में, अभी भी डब्ल्यूएफएच नीति पर हैं। शायद यही कारण है कि 30 से 40 वर्ष के बीच के लोगों में मधुमेह मामले बढ़ रहे हैं। कामकाजी पेशेवरों को एक अच्छा कार्य-जीवन संतुलन बनाना सीखना चाहिए।”

एसोसिएशन ऑफ इंटरनेशनल डॉक्टर्स के महासचिव डॉ अभिषेक शुक्ला ने कहा कि, “मोटापा, जो मधुमेह के लिए एक बड़ा योगदान कारक है, युवा पेशेवरों में बढ़ रहा है। वे लंबे समय तक बैठते हैं, काम करते समय भी फास्ट फूड खाते रहते हैं। यह एक अस्वास्थ्यकर जीवनशैली है।”

डॉ मयंक सोमानी ने कहा, “भारत में मधुमेह 77 मिलियन से अधिक लोगों को प्रभावित करने वाली संभावित महामारी का दर्जा तेजी से प्राप्त कर रहा है।”

चिकित्सा विशेषज्ञों ने आगे कहा कि, युवा अब शारीरिक गतिविधि के नुकसान की भरपाई के लिए भारी कसरत करना पसंद करते हैं।

डॉ. डी.के. श्रीवास्तव के अनुसार, “यह काउंटर प्रोडक्टिव हो सकता है क्योंकि शरीर अचानक उच्च तीव्रता वाले कसरत को सह नहीं पाता। स्वस्थ जीवनशैली के लिए तेज चलना और हल्का व्यायाम सबसे अच्छा नुस्खा है।”

उन्होंने संकेत दिया कि हिंदी फिल्म उद्योग में अभिनेताओं की हालिया मौतों के पीछे भारी कसरत कारण हो सकता है।

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