नई दिल्ली,25 अगस्त (युआईटीवी)- स्पेस एक्सप्लोरेशन टेक्नोलॉजीज यानी स्पेसएक्स ने सोमवार को अपने अब तक के सबसे महत्वाकांक्षी और शक्तिशाली रॉकेट स्टारशिप की 10वीं परीक्षण उड़ान को एक बार फिर स्थगित कर दिया। कंपनी के सीईओ एलन मस्क ने इसकी जानकारी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर साझा करते हुए बताया कि जमीनी प्रणालियों में तकनीकी समस्या आने के कारण उड़ान को स्थगित करना पड़ा। मस्क ने स्पष्ट किया कि ग्राउंड सिस्टम में ऑक्सीजन रिसाव हुआ था,जिसे ठीक करना जरूरी है। उन्होंने साथ ही आश्वासन दिया कि मंगलवार को रॉकेट को एक बार फिर लॉन्च करने की कोशिश की जाएगी।
स्पेसएक्स का विशाल और दुनिया का सबसे शक्तिशाली रॉकेट स्टारशिप रविवार को रविवार को स्थानीय समयानुसार शाम 7:30 बजे (ईडीटी) दक्षिण टेक्सास के बोका चिका लॉन्च साइट से उड़ान भरने वाला था। भारतीय समयानुसार यह प्रक्षेपण सोमवार सुबह 5 बजे होना था,लेकिन निर्धारित समय से 17 मिनट पहले तकनीकी खराबी सामने आने पर कंपनी ने उड़ान को स्थगित कर दी। कंपनी ने एक्स पर पोस्ट कर बताया कि ग्राउंड सिस्टम में गड़बड़ी के चलते यह फैसला लिया गया। हालाँकि,कुछ ही घंटों बाद एलन मस्क ने व्यक्तिगत रूप से जानकारी साझा करते हुए कहा कि ऑक्सीजन रिसाव इसका असली कारण था और इस समस्या के समाधान के बाद रॉकेट को फिर से प्रक्षेपित किया जाएगा।
स्टारशिप की उड़ान का टलना एलन मस्क और उनकी टीम के लिए किसी झटके से कम नहीं है। दरअसल,हाल के महीनों में यह रॉकेट लगातार विफलताओं का सामना कर रहा है। अब तक स्टारशिप की नौ परीक्षण उड़ानें हो चुकी हैं,लेकिन उनमें से कई असफल रहीं। जनवरी,मार्च और मई में हुई हाल की तीन उड़ानों में गंभीर समस्याएँ सामने आईं। फ्लाइट 7 और फ्लाइट 8 में रॉकेट प्रक्षेपण के 10 मिनट के भीतर ही फट गया था। वहीं,फ्लाइट 9 पृथ्वी के वायुमंडल में पुनः प्रवेश करते ही जलकर नष्ट हो गया। इन हादसों ने न केवल स्पेसएक्स की प्रतिष्ठा पर असर डाला,बल्कि अंतरिक्ष विज्ञान की दुनिया में भी स्टारशिप की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े किए।
इसके बावजूद कंपनी ने हार नहीं मानी। स्पेसएक्स ने अपनी पिछली असफलताओं की गहन जाँच की और उनमें सुधार लाने के लिए कई बदलाव किए। कंपनी का मानना था कि फ्लाइट 10 एक नया अध्याय साबित होगा और इसके जरिए उन तकनीकी खामियों को दूर किया जा सकेगा जो पहले सामने आई थीं,लेकिन उड़ान स्थगित होने से यह इंतजार और लंबा हो गया है।
स्टारशिप की यह उड़ान मूल रूप से 29 जून को प्रस्तावित थी। उस समय भी तकनीकी कारणों से इसे रद्द करना पड़ा था। दरअसल,स्टैटिक फायर टेस्ट के दौरान रॉकेट के ऊपरी हिस्से में अचानक विस्फोट हो गया था। यह धमाका इतना तेज था कि देखते ही देखते पूरा रॉकेट आग के गोले में बदल गया। उस हादसे के बाद कंपनी ने रॉकेट के डिजाइन और सुरक्षा मानकों पर कई बदलाव किए और इसे फिर से उड़ान भरने के लिए तैयार किया।
स्टारशिप को अंतरिक्ष विज्ञान की दुनिया में सबसे बड़ी और शक्तिशाली उपलब्धि माना जा रहा है। इसका डिजाइन इस तरह से किया गया है कि यह न केवल भारी पेलोड को ले जा सके बल्कि चंद्रमा और मंगल मिशनों में भी अहम भूमिका निभा सके। नासा पहले ही अपने “आर्टेमिस प्रोग्राम” के लिए स्टारशिप को चंद्रमा पर मानव मिशन ले जाने के लिए चुन चुका है। ऐसे में हर बार इस रॉकेट की उड़ान को लेकर वैज्ञानिकों,इंजीनियरों और आम लोगों में भारी उत्साह रहता है।
स्टारशिप की लंबाई करीब 400 फीट है और यह दो हिस्सों सुपर हैवी बूस्टर और ऊपरी हिस्सा में बँटा हुआ है,जिसे स्टारशिप कहा जाता है। यह रॉकेट एक बार में 150 टन तक का पेलोड अंतरिक्ष में ले जाने की क्षमता रखता है। इसकी सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह पूरी तरह पुन: उपयोग योग्य है। यानी एक बार अंतरिक्ष मिशन पूरा करने के बाद इसे वापस पृथ्वी पर उतारकर दोबारा इस्तेमाल किया जा सकता है। यह भविष्य की अंतरिक्ष यात्रा को न केवल किफायती बनाएगा बल्कि मानव जाति के मंगल और अन्य ग्रहों पर बसने के सपने को साकार करने में मदद करेगा।
हालाँकि,अभी तक की असफलताओं ने साबित किया है कि इस तकनीक को पूर्ण सफलता तक पहुँचाने में समय लगेगा। एलन मस्क खुद कई बार कह चुके हैं कि स्टारशिप का विकास एक बेहद कठिन और जोखिम भरा कार्य है,लेकिन उनका यह भी मानना है कि जब यह पूरी तरह सफल होगा,तब यह मानवता को अंतरिक्ष के नए युग में ले जाएगा।
सोमवार की विफलता के बावजूद स्पेसएक्स की टीम निराश नहीं है। मस्क ने स्पष्ट किया है कि समस्या मामूली है और इसे जल्द ही ठीक कर लिया जाएगा। अब भारतीय समयानुसार मंगलवार सुबह 5 बजे स्टारशिप फ्लाइट 10 को लॉन्च करने की नई योजना बनाई गई है। अगर यह उड़ान सफल होती है,तो यह स्पेसएक्स के लिए एक बड़ी उपलब्धि होगी और अंतरिक्ष अन्वेषण की दिशा में एक मजबूत कदम साबित होगा।
स्टारशिप की इस उड़ान को न केवल वैज्ञानिक बल्कि दुनियाभर के अंतरिक्ष प्रेमी बारीकी से देख रहे हैं। क्योंकि यही रॉकेट आने वाले दशकों में चंद्रमा पर स्थायी आधार स्थापित करने और मंगल पर मानव मिशन भेजने की नींव रखेगा। इस लिहाज से फ्लाइट 10 की सफलता केवल स्पेसएक्स की नहीं,बल्कि पूरी मानवता की जीत होगी।