स्वीडन की संसद में नाटो में शामिल होने का प्रस्ताव पास

स्वीडन के नाटो में शामिल होने के प्रस्ताव को हंगरी की संसद ने दी मंजूरी

बुडापेस्ट,27 फरवरी (युआईटीवी)- स्वीडन के उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) में शामिल होने के प्रस्ताव को हंगरी की संसद ने मंजूरी दे दी है।

सोमवार को संसद के 199 सदस्यों में से 194 सदस्यों ने मतदान में हिस्सा लिया,जिनमें से 188 वोट पक्ष में पड़े,जबकि विपक्ष में छह वोट पड़े।

समाचार एजेंसी शिन्हुआ की रिपोर्ट के मुताबिक,विधेयक पर सोमवार को वसंत सत्र के पहले दिन हंगरी की संसद ने मतदान किया।

हंगरी के प्रधान मंत्री विक्टर ओर्बन ने नाटो में स्वीडन के शामिल होने पर कहा कि, ” हंगरी की सुरक्षा को नाटो में स्वीडन के शामिल होने और स्वीडिश-हंगेरियन सैन्य सहयोग से मजबूती मिलेगी।”

जिन छह सांसदों ने विपक्ष में मतदान दिए,उनमें विपक्षी पार्टी अवर होमलैंड के एलोड नोवाक भी शामिल थे। एलोड नोवाक ने मतदान से पहले वीटो करें कहते हुए कहा , ” आइए,नाटो में स्वीडन के शामिल होने पर वीटो करें।”

हंगरी की संसद ने स्वीडन के नाटो में शामिल होने पर अपना समर्थन देते हुए,उन 31 नाटो सदस्य देशों में से अंतिम देश बन गया, जिसने स्वीडन के इस सैन्य गठबंधन में शामिल होने के प्रस्ताव को मंजूरी दी।

नाटो महासचिव जेन्स स्टोलटेनबर्ग
नाटो महासचिव जेन्स स्टोलटेनबर्ग

उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) शिखर सम्मेलन वाशिंगटन डीसी में जुलाई में होने वाला है,जहाँ आधिकारिक तौर पर स्वीडन गठबंधन का 32वां सदस्य बन जाएगा।

हंगरी के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति तमस सुलियोक ने अभी तक हस्ताक्षर नहीं किए हैं,उनके हस्ताक्षर के बिना यह बिल कानून नहीं बन सकता है। इसलिए राष्ट्रपति तमस सुलियोक के हस्ताक्षर की जरुरत है।

स्वीडिश प्रधानमंत्री उल्फ क्रिस्टर्सन ने हंगेरियन संसद द्वारा प्रस्ताव की मंजूरी का स्वागत किया।

प्रधानमंत्री उल्फ क्रिस्टर्सन ने इसे “एक ऐतिहासिक दिन” बताया है और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर उन्होंने लिखा कि यूरो-अटलांटिक सुरक्षा के लिए जो भी जिम्मेदारी निभानी है,उसके लिए स्वीडन तैयार है।

गौरतलब है कि,स्वीडन और फ़िनलैंड ने फरवरी 2022 में यूक्रेनी संकट बढ़ने के बाद नाटो में शामिल होने के लिए आवेदन किया था। नाटो के सभी सदस्यों की मंजूरी के बाद ही वे इसमें शामिल हो सकते थे।

हंगरी की संसद ने नाटो में फिनलैंड के शामिल होने के प्रस्ताव को पिछले साल मार्च में मंजूरी दे दी थी।

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