चेन्नई, 14 अगस्त (युआईटीवी/आईएएनएस)- कृषि स्नातकों को उद्यमी बनने के लिए प्रोत्साहित करना, किसानों को बाजरा/दाल/तिलहन पैदा करने के लिए प्रोत्साहित करना, परती भूमि को खेती योग्य भूमि में बदलना, जैविक खेती पर ध्यान केंद्रित करना, इन सभी बातों को ध्यान में रखकर तमिलनाडु के पहले कृषि बजट बनाया गया है। पन्नीरसेल्वम के अनुसार, वर्ष 2021-22 के लिए कृषि और संबद्ध क्षेत्रों के लिए कुल 34,220.65 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।
उन्होंने केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली में प्रदर्शन कर रहे किसानों को बजट समर्पित किया है।
मंत्री ने धान ग्रेड-ए किस्मों के 2,060 रुपये प्रति क्विंटल और सामान्य किस्मों के 2,015 रुपये प्रति क्विंटल के खरीद मूल्य की भी घोषणा की।
इससे करीब छह लाख किसान लाभान्वित होंगे और सरकार पर 99.38 करोड़ रुपये का अतिरिक्त खर्च आएगा।
मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने घोषणा की थी कि सरकार कृषि के लिए अलग से बजट पेश करेगी।
पन्नीरसेल्वम ने कहा कि चालू वित्त वर्ष के दौरान करीब 2500 गांवों में जल स्रोत बनाकर कृषि योग्य भूमि बढ़ाई जाएगी ताकि किसानों की आय बढ़ाई जा सके। योजना के लिए कुल 1,245.45 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।
उन्होंने कहा कि स्टालिन ने तीन लक्ष्य दिए हैं – (ए ) अतिरिक्त 11.75 हेक्टेयर खेती के लिए (बी) 10 लाख हेक्टेयर फसल क्षेत्र को 10 वर्षों में दोगुना करना और (सी) खाद्यान्नों और वाणिज्यिक फसलों जैसे नारियल, कपास, सूरजमुखी, और गन्ना जैसी फसलों में कृषि उत्पादकता में तमिलनाडु को देश में पहले तीन स्थानों पर लाना है।
पन्नीरसेल्वम ने कहा कि सरकार की योजना अगले दस वर्षों में 11.75 हेक्टेयर बंजर भूमि को कृषि योग्य भूमि में बदलने की है और शुद्ध बोए गए क्षेत्र को 75 प्रतिशत तक बढ़ाने के लिए बाजरा, दलहन, तिलहन, सब्जियां और फल जैसी फसलें उगाई जाएंगी।
जैविक खेती अपनाने वाले किसानों को इनपुट सब्सिडी के प्रावधान से प्रोत्साहित किया जाएगा। ‘जैविक कृषि विकास योजना’ की नेक परियोजना चालू वर्ष के दौरान क्रियान्वित की जाएगी।
उन्होंने यह भी कहा कि सरकार कृषि स्नातकों को उद्यमी बनाने पर ध्यान केंद्रित करेगी और इस धारणा को पोषित करने का भी प्रयास करेगी कि कृषि एक महान पेशा है ताकि शिक्षित युवा खेती को अगले स्तर तक ले जा सकें।
बाजरा की मांग बढ़ने के साथ पनीरसेल्वम ने कहा कि इसका उत्पादन बढ़ाने के लिए बाजरा मिशन लागू किया जाएगा।
अन्य हाइलाइट्स हैं:
तिरुचिरापल्ली-नागापट्टिनम को एग्रो इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के रूप में विकसित करना
इंटीग्रेटिड तरीका अपनाकर 25,000 हेक्टेयर में लंबी स्टेपल कपास की खेती करना
युवा पीढ़ी को कृषि की महिमा दिखाने के लिए चेन्नई में राज्य स्तर पर एक कृषि संग्रहालय की स्थापना
खेत से घर- मोबाइल की दुकानों के माध्यम से खेत की ताजी सब्जियों और फलों की बिक्री
इरोड जिले में हल्दी अनुसंधान केंद्र की स्थापना
नम्माझवार जैविक खेती अनुसंधान केंद्र