ट्विटर

केंद्र सरकार ने हाईकोर्ट में कहा, ट्विटर ने नए आईटी नियमों का पालन किया, अधिकारी भी नियुक्त किए

नई दिल्ली, 10 अगस्त (युआईटीवी/आईएएनएस)- केंद्र सरकार ने मंगलवार को दिल्ली हाईकोर्ट को सूचित किया कि ट्विटर इंक ने सूचना प्रौद्योगिकी (मध्यस्थ दिशानिर्देश और डिजिटल मीडिया आचार संहिता) नियम, 2021 के तहत आवश्यकतानुसार स्थायी अधिकारियों की नियुक्ति की है। ट्विटर का प्रतिनिधित्व करने वाले वरिष्ठ अधिवक्ता साजन पूवैय्या ने अदालत के समक्ष प्रस्तुत किया कि नए हलफनामे को रिकॉर्ड में रखा गया है। केंद्र का प्रतिनिधित्व कर रहे अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल चेतन शर्मा ने पुष्टि की है कि सोशल मीडिया की दिग्गज कंपनी ने आईटी नियमों का पालन किया है।

शर्मा और याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता तुषार राव ने ट्विटर द्वारा दायर जवाबी हलफनामे पर संक्षिप्त जवाब दाखिल करने के लिए कुछ समय मांगा। अदालत ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 5 अक्टूबर की तिथि निर्धारित की है।

6 अगस्त को, ट्विटर इंक ने दिल्ली उच्च न्यायालय को सूचित किया था कि उसने नए आईटी नियमों के प्रावधानों के अनुपालन में मुख्य अनुपालन अधिकारी और निवासी शिकायत अधिकारी के साथ ही नोडल संपर्क व्यक्ति के पदों पर कर्मचारियों की नियुक्ति की है।

ट्विटर का प्रतिनिधित्व करने वाले वरिष्ठ अधिवक्ता साजन पूवैय्या ने प्रस्तुत किया था कि अदालत में नए सिरे से हलफनामा दायर किया गया है।

ट्विटर ने अपने हलफनामे में कहा, “ट्विटर इंक ने शुरू में विनय प्रकाश को तीसरे पक्ष के ठेकेदार के माध्यम से काम पर रखा है। प्रारंभिक नियुक्ति इसे तेज करने के लिए की गई है, क्योंकि ट्विटर इंक की भारत में कॉपोर्रेट उपस्थिति नहीं थी। नियुक्ति को आकस्मिक माना गया, क्योंकि ट्विटर इंक से अपेक्षा की जाती है कि वह यथाशीघ्र पद को पूर्णकालिक कर्मचारी में बदल दे। ट्विटर इंक ने तब से प्रकाश को 4 अगस्त, 2021 से पूर्णकालिक कर्मचारी बना दिया है।”

हलफनामे में कहा गया है कि प्रकाश नए आईटी नियमों के अनुसार, मुख्य अनुपालन अधिकारी और निवासी शिकायत अधिकारी के कार्यों को करने में पूरी तरह सक्षम हैं।

इसमें कहा गया है कि शाहीन कोमाथ को नोडल संपर्क व्यक्ति के रूप में नियुक्त किया गया है।

न्यायमूर्ति रेखा पल्ली ने दर्ज था किया कि ट्विटर ने अदालत के आदेशों का पालन किया है। इसके बाद उन्होंने मामले को 10 अगस्त को आगे की सुनवाई के लिए सूचीबद्ध कर दिया था।

बता दें कि 28 जुलाई को, दिल्ली उच्च न्यायालय ने ट्विटर की ओर से दायर उस हलफनामे पर कड़ी आपत्ति जताई थी, जिसमें कहा गया था कि उसने मुख्य अनुपालन अधिकारी और शिकायत अधिकारी को आकस्मिक कार्यकर्ता नियुक्त किया है।

उच्च न्यायालय अमित आचार्य द्वारा अधिवक्ता आकाश वाजपेयी के माध्यम से ट्विटर इंडिया और ट्विटर इंक द्वारा नए आईटी नियमों का पालन न करने के खिलाफ दायर एक याचिका पर सुनवाई कर रहा था।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *