बीजिंग,30 जुलाई (युआईटीवी)- चीन में पिछले कुछ दिनों से जारी मूसलाधार बारिश ने व्यापक तबाही मचाई है। राजधानी बीजिंग और आसपास के इलाकों में हालात बेहद गंभीर हो चुके हैं। अब तक प्राप्त जानकारी के अनुसार इस प्राकृतिक आपदा में कम-से-कम 38 लोगों की जान जा चुकी है। इनमें से अकेले बीजिंग में 30 मौतें हुई हैं,जबकि हेबेई प्रांत में भूस्खलन की चपेट में आने से 8 लोगों की जान चली गई है। इसके अलावा सैकड़ों लोग लापता बताए जा रहे हैं,जबकि हजारों नागरिकों को सुरक्षित स्थानों पर पहुँचाया गया है।
बीजिंग प्रशासन ने बताया कि मौसम की मार झेल रहे मीयुन जिले में 28 और यानछिंग जिले में 2 लोगों की जान गई है। बीजिंग में सोमवार रात 8 बजे से लेकर मंगलवार सुबह 10 बजे तक औसतन 72.2 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई,लेकिन कुछ इलाकों में स्थिति इससे कहीं अधिक भयावह रही। फांगशान जिले के यानकुन स्टेशन पर सबसे अधिक 196.5 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई। इस अति-वर्षा ने राजधानी की सामान्य जीवनशैली और प्रशासनिक कार्यों को बुरी तरह प्रभावित किया है।
बारिश की तीव्रता मंगलवार को कुछ हद तक कम हुई,जिसके बाद मौसम विभाग ने रेड अलर्ट वापस ले लिया। हालाँकि,दोपहर और शाम के समय फिर से भारी वर्षा की संभावना जताई गई है। इस बीच,बीजिंग प्रशासन ने बाढ़ नियंत्रण के लिए आपातकालीन प्रतिक्रिया का उच्चतम स्तर अब भी लागू रखा है। सभी जिला प्रशासन इकाइयों को अलर्ट पर रखा गया है और राहत कार्यों को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जा रही है।
मेंटौगौ जिले में स्थिति बेहद भयावह है,जहाँ मंगलवार सुबह तक 15,195 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुँचाया गया। जिले के सभी 19 प्रमुख पर्यटन स्थलों को अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया है। वहीं,पिंगगू जिले में 12,800 से अधिक लोगों को विस्थापित किया गया है। यहाँ 40 आपातकालीन शेल्टर बनाए गए हैं,जिनमें स्कूल, जिम,होटल और पंचायत भवन शामिल हैं,ताकि प्रभावित लोगों को अस्थायी आश्रय दिया जा सके। इस जिले में बाढ़ प्रबंधन और राहत कार्यों के लिए 1,073 कर्मियों की 34 टीमें तैनात की गई हैं।
बीजिंग के अलावा हेबेई प्रांत की स्थिति भी चिंताजनक बनी हुई है। लुआनपिंग काउंटी में भूस्खलन की चपेट में आने से 8 लोगों की मौत हो गई है,जबकि 4 अन्य लोग अब भी लापता हैं। स्थानीय प्रशासन ने प्रभावित गाँव के सभी निवासियों को तत्काल स्थानांतरित करने का आदेश दिया है और तलाश एवं बचाव कार्यों में तेजी लाई गई है।
इस प्राकृतिक आपदा का असर चीन के अन्य हिस्सों में भी दिखाई दे रहा है। तटीय तिआनजिन नगरपालिका के जिझोउ जिले में जुहे नदी के किनारे बसे 13 गाँवों में बाढ़ का पानी घुस गया,जिसके चलते 10,500 से अधिक लोगों को तुरंत हटाया गया। स्थानीय प्रशासन ने जल स्तर बढ़ने की आशंका के चलते इन इलाकों में निचले क्षेत्रों में रह रहे नागरिकों को सतर्क रहने और आवश्यक सामग्री के साथ तैयार रहने की सलाह दी है।
भारी बारिश ने यातायात व्यवस्था को भी गंभीर रूप से प्रभावित किया है। मंगलवार को बीजिंग-हार्बिन हाई-स्पीड रेलवे की कई ट्रेनों को अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया गया। वहीं,बीजिंग और इनर मंगोलिया के बाओटोउ शहर को जोड़ने वाली कई ट्रेनों को या तो रोक दिया गया या फिर उनके मार्ग परिवर्तित कर दिए गए हैं। इसके चलते यात्रियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
प्रशासन और बचाव एजेंसियाँ युद्धस्तर पर काम कर रही हैं। कई जगहों पर भारी मलबा हटाने के लिए जेसीबी और ड्रेगलाइन मशीनों का सहारा लिया जा रहा है। बीजिंग नगर पालिका ने घोषणा की है कि वह बाढ़ राहत के लिए विशेष कोष जारी करेगी और बुनियादी ढाँचे की बहाली के लिए आवश्यक संसाधन मुहैया कराएगी। साथ ही,प्रभावित परिवारों को मुआवजे और अस्थायी आवास की सुविधा दी जाएगी।
जलवायु परिवर्तन के बढ़ते प्रभाव और अत्यधिक वर्षा की घटनाओं ने चीन की आपदा प्रबंधन प्रणाली की एक बार फिर गंभीर परीक्षा ली है। इस साल देश के कई हिस्सों में अचानक आई बाढ़,भूस्खलन और तेज बारिश की घटनाएँ दर्ज की गई हैं, जिससे जानमाल का भारी नुकसान हुआ है। विशेषज्ञों का मानना है कि भविष्य में ऐसी घटनाएँ और अधिक बढ़ सकती हैं,अगर जलवायु संतुलन बनाए रखने की दिशा में ठोस कदम नहीं उठाए गए।
चीन सरकार और स्थानीय प्रशासन इस आपदा से निपटने के लिए पूरी ताकत झोंक रहे हैं,लेकिन प्रभावित लोगों की मुश्किलें फिलहाल कम होती नहीं दिख रही हैं। बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में जनजीवन पटरी पर लौटने में अभी समय लगेगा। फिलहाल,यह जरूरी है कि लोग प्रशासन के दिशा-निर्देशों का पालन करें और सुरक्षित स्थानों पर रहें। सरकार की ओर से राहत सामग्रियों की आपूर्ति और चिकित्सा सहायता को प्राथमिकता दी जा रही है,लेकिन भारी बारिश की संभावना को देखते हुए खतरा अभी टला नहीं है।