कीव,12 मई (युआईटीवी)- यूक्रेन और रूस के बीच लंबे समय से चल रहे युद्ध को समाप्त करने के प्रयास एक बार फिर से गति पकड़ते नजर आ रहे हैं। यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने सोमवार को एक बड़ा बयान देते हुए रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ सीधे संवाद की इच्छा जताई है। उन्होंने कहा कि वे 15 मई को तुर्किये (तुर्की) में संभावित वार्ता के लिए तैयार हैं और आशा करते हैं कि पुतिन भी इस वार्ता के लिए उपस्थित होंगे। जेलेंस्की की यह टिप्पणी ऐसे समय पर आई है,जब अमेरिकी पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने यूक्रेन से अपील की थी कि वह पुतिन द्वारा प्रस्तावित बातचीत को तुरंत स्वीकार करे।
जेलेंस्की ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म “एक्स” (पूर्व में ट्विटर) पर अपने संदेश में कहा,
“हमें बातचीत में शामिल होने में कोई समस्या नहीं है। हम तैयार हैं। मैं इस गुरुवार 15 मई को तुर्किये में रहूँगा और मुझे उम्मीद है कि पुतिन भी आएँगे। इस बार उम्मीद है कि वे कोई बहाना नहीं बनाएँगे ।”
यह बयान एक नई उम्मीद जगा रहा है कि शायद यूक्रेन-रूस संघर्ष का कोई कूटनीतिक समाधान निकल सके।
इससे पहले, रविवार को रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने एक बयान में कहा कि वे कीव सरकार के साथ बिना किसी पूर्व शर्त के सीधे वार्ता फिर से शुरू करने को तैयार हैं। पुतिन का यह बयान ऐसे समय आया जब रूस ने तीन दिन के युद्धविराम की घोषणा की है,जो मई महीने के विजय दिवस समारोह को ध्यान में रखकर किया गया है।
पुतिन ने कहा, “हमने तीसरी बार युद्धविराम की घोषणा की है। हमने अपने पश्चिमी साझेदारों को बताया है कि हम इसे आगे बढ़ाने की संभावना को नकारते नहीं हैं, लेकिन यह इस पर निर्भर करेगा कि कीव सरकार इस पर कैसी प्रतिक्रिया देती है।”
रूसी राष्ट्रपति कार्यालय (क्रेमलिन) के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने इस प्रस्ताव को शांति की दिशा में एक “गंभीर पहल” बताया। उन्होंने कहा, “स्थायी शांति केवल गंभीर वार्ता से ही प्राप्त की जा सकती है। राष्ट्रपति पुतिन की वार्ता के लिए तत्परता इस बात का प्रमाण है कि रूस वास्तव में एक शांतिपूर्ण समाधान चाहता है।”
पेस्कोव ने यह भी कहा कि पुतिन की मंशा “यूक्रेनी समस्या का शांतिपूर्ण समाधान खोजना” है और वे गंभीरता से इस दिशा में पहल कर रहे हैं।
हालाँकि,एक ओर जहाँ जेलेंस्की बातचीत के लिए तैयार दिखे,वहीं दूसरी ओर यूक्रेन ने रूसी युद्धविराम प्रस्ताव को ठुकरा दिया है। रूसी सरकारी मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार,जेलेंस्की ने युद्ध को रोकने के बजाय,कुछ शर्तों के साथ लड़ाई में ‘लंबे विराम’ की माँग की है। उन्होंने यह भी कहा कि अगर रूस ने मास्को में विजय दिवस समारोह मनाया,तो यूक्रेन इससे पहले या दौरान कोई आक्रामक कदम उठा सकता है।
इस बयान को कई विश्लेषक यूक्रेन की रणनीतिक चेतावनी के रूप में देख रहे हैं,जो संकेत देता है कि युद्धविराम के बीच भी सैन्य और राजनीतिक तनाव बना रहेगा।
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने यूक्रेन से अपील की थी कि वह पुतिन की ओर से आई वार्ता की पेशकश को माने। जब ट्रंप राष्ट्रपति नहीं थे,तब भी उन्होंने कहा था कि वे राष्ट्रपति बनते ही रूस-यूक्रेन युद्ध को “24 घंटे के भीतर समाप्त कर देंगे”। अब उनकी इस अपील को जेलेंस्की द्वारा तुरंत सार्वजनिक प्रतिक्रिया के रूप में देखा जा रहा है।
यह पहल न केवल युद्ध की कूटनीतिक दिशा तय करेगी,बल्कि अमेरिका,नाटो और यूरोपीय संघ जैसे अंतर्राष्ट्रीय संगठनों की भी आगे की रणनीति को प्रभावित कर सकती है।
यूक्रेन और रूस के बीच यह युद्ध फरवरी 2022 में शुरू हुआ था और तब से लाखों लोगों की जान गई,करोड़ों विस्थापित हुए और यूरोप में अस्थिरता फैली है। अब अगर 15 मई को तुर्किये में यह वार्ता होती है और दोनों नेता आमने-सामने आते हैं,तो यह एक ऐतिहासिक क्षण हो सकता है।
हालाँकि,अभी कई अनिश्चितताएँ बनी हुई हैं जैसे- क्या पुतिन वास्तव में तुर्किये पहुँचेंगे? क्या यूक्रेन शर्तों के बिना वार्ता करेगा? क्या यह बातचीत युद्ध के अंत का रास्ता खोल पाएगी या यह सिर्फ एक और राजनीतिक औपचारिकता साबित होगी?
इन सब सवालों का जवाब आने वाले दिनों में मिलेगा। फिलहाल, अंतर्राष्ट्रीय समुदाय की निगाहें 15 मई की संभावित वार्ता पर टिकी हैं।