आतंकवाद-निरोधक अभ्यास शुरू करेंगे उज्बेक व भारतीय सैनिक

नई दिल्ली, 8 मार्च (युआईटीवी/आईएएनएस)| उत्तराखंड के रानीखेत के पास चौबटिया में उज्बेक सैनिक अपने युद्ध-कौशल को समृद्ध बनाने के उद्देश्य से अपने भारतीय समकक्षों के साथ आतंकवाद-रोधी सैन्य अभ्यास मंगलवार (9 मार्च) से शुरू करेंगे। यह आतंकवाद-निरोधक अभ्यास 21 मार्च तक चलेगा। संयुक्त अभ्यास के एक हिस्से के रूप में जम्मू और कश्मीर जैसी आतंकी कार्रवाई की स्थिति चौबटिया में बनाई जाएगी, जिसमें दोनों देशों की सेनाएं अपनी क्षमताओं को तेज करेंगी और एक-दूसरे से कौशल सीखेंगी।

एक सूत्र ने कहा, “चौबटिया में आतंकी कार्रवाई की स्थिति ठीक वैसी ही होगी जैसे कि कश्मीर में।”

इस अभ्यास को डस्टलिक नाम दिया गया है और यह दूसरा संस्करण है। यह संयुक्त सैन्य अभ्यास पहली बार उज्बेकिस्तान में ताशकंद के पास नवंबर 2019 में हुआ था।

बहरहाल, मंगलवार से शुरू हो रहे इस सैन्य अभ्यास का उद्देश्य पहाड़ी ग्रामीण और शहरी परिदृश्य में आतंकी कार्रवाई से निटपने की कुशलता विकसित करना है।

विशेष बलों पर नजर रखने की तकनीक, एक हाई-टेक कमांड पोस्ट के माध्यम से निगरानी, हेलीकॉप्टरों से संचालन और खुफिया-आधारित सर्जिकल स्ट्राइक अभ्यास का मुख्य आकर्षण होंगे।

ड्रिल में एक मॉड्यूल भी होगा, जिसमें सेना एक-दूसरे से सीखेगी कि रिहायशी इलाकों में काउंटर-टेरर ऑपरेशन के दौरान भारी नुकसान न हो।

कश्मीर में जवानों को कई तरह की विषम परिस्थितियों जैसे पथराव से खुद को बचाने के लिए और भारी क्षति से बचने के लिए बहुत काम करना पड़ता है।

उज्बेकिस्तान सेना की टुकड़ी सोमवार सुबह दिल्ली पहुंची।

भारतीय सेना का प्रतिनिधित्व 13 कुमाऊं रेजीमेंट द्वारा किया जा रहा है, जिसे रेजांग ला बटालियन के रूप में भी जाना जाता है। इस रेजीमेंट ने 1962 में चीन के साथ रेजांग ला की लड़ाई में अपनी वीरता के कारण ख्याति अर्जित की थी।

वर्ष 2019 में अभ्यास के पहले संस्करण के दौरान भी मुख्य फोकस शहरी परिदृश्य में उग्रवाद और आतंकवाद पर ही था। जवानों ने हथियार चलाने के हुनर सीखने और आतंकवाद से मुकाबला करने के अनुभवों को साझा किया था। अभ्यास ने सेनाओं को अधिक सांस्कृतिक समझ, अनुभवों को साझा करने और आपसी विश्वास और सहयोग को मजबूत करने का अवसर प्रदान किया था।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *