टीम इंडिया ने की शाहिद अफरीदी की बोलती बंद (तस्वीर क्रेडिट@sachin_1879)

डब्ल्यूसीएल 2025: शाहिद अफरीदी के बयान पर गरजी टीम इंडिया,पाकिस्तान के खिलाफ खेलने से इनकार कर सेमीफाइनल से हटे भारतीय दिग्गज

नई दिल्ली,31 जुलाई (युआईटीवी)- वर्ल्ड चैंपियंस ऑफ लीजेंड्स (डब्ल्यूसीएल ) 2025 टूर्नामेंट इस समय विश्व क्रिकेट प्रेमियों के बीच चर्चाओं में है,लेकिन इस बार क्रिकेट से ज्यादा सुर्खियों में आया भारत और पाकिस्तान के बीच सेमीफाइनल मुकाबले का बहिष्कार। भारत चैंपियंस टीम ने पाकिस्तान के खिलाफ सेमीफाइनल मैच खेलने से इनकार कर न सिर्फ एक कड़ा संदेश दिया,बल्कि पाकिस्तान के पूर्व कप्तान शाहिद अफरीदी की विवादित बयानबाज़ी पर करारा जवाब भी दे डाला। इस घटनाक्रम ने पूरी लीग के स्वरूप को झकझोर कर रख दिया है।

यह मामला उस वक्त तूल पकड़ गया,जब पाकिस्तान चैंपियंस के कप्तान शाहिद अफरीदी ने सेमीफाइनल से ठीक पहले एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान भारत पर तंज कसते हुए कहा, “पता नहीं भारत अब किस मुँह से खेलेगा,पर हमारे साथ ही खेलेगा।” अफरीदी का यह बयान स्पष्ट रूप से राजनीतिक रंग लिए हुए था और भारत की गरिमा पर चोट करने जैसा लगा। हालाँकि,उन्होंने सोचा था कि यह केवल बयानबाज़ी है,लेकिन भारतीय टीम ने इसका जवाब मैदान पर ना उतरकर दिया। अफरीदी और पाकिस्तान टीम को यह उम्मीद नहीं थी कि भारतीय खिलाड़ी इतने सख्त कदम उठाएँगे।

भारतीय टीम ने शाहिद अफरीदी के बयान को बेहद आपत्तिजनक मानते हुए पाकिस्तान के खिलाफ सेमीफाइनल खेलने से इनकार कर दिया। युवराज सिंह, शिखर धवन,सुरेश रैना जैसे दिग्गज खिलाड़ी,जो इस लीग में भारत का प्रतिनिधित्व कर रहे थे,स्टेडियम छोड़कर बाहर निकल गए। इस दौरान अफरीदी बालकनी में असहाय खड़े रह गए और भारतीय खिलाड़ियों को मैदान से बाहर जाते देखते रहे। सोशल मीडिया पर इस पूरे घटनाक्रम का वीडियो तेजी से वायरल हो गया,जिसमें भारतीय टीम के संयमित और दृढ़ फैसले को सराहा जा रहा है।

इससे पहले 20 जुलाई को भी भारतीय टीम ने पाकिस्तान के खिलाफ खेलने से इनकार कर एक स्पष्ट संकेत दे दिया था कि वे इस तरह की बयानबाज़ी और द्वेषपूर्ण माहौल में क्रिकेट खेलने के पक्ष में नहीं हैं। उस समय भी विवादित बयान और भारत में हुए आतंकी हमले के बाद भारतीय खिलाड़ियों ने पाकिस्तान से मुकाबले को टाल दिया था। अब जबकि सेमीफाइनल जैसा अहम मैच सामने था,तो अफरीदी ने एक बार फिर माहौल को भड़काने की कोशिश की,लेकिन इस बार भारतीय टीम ने दो टूक जवाब दिया।

भारतीय टीम के इस फैसले के पीछे देश की सुरक्षा और जनभावनाएँ भी अहम कारण रही हैं। हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले और भारत-पाकिस्तान के बिगड़ते राजनीतिक संबंधों के बीच भारतीय टीम ने एक बार फिर स्पष्ट किया कि राष्ट्रीय सुरक्षा और सम्मान से बढ़कर कुछ नहीं है। शिखर धवन ने कुछ दिन पहले ही मीडिया से बातचीत में कहा था कि यदि पाकिस्तान के खिलाफ मैच होता है,तो टीम फिर से बहिष्कार कर सकती है। उन्होंने साफ कहा था कि क्रिकेट से बड़ा देश का सम्मान है और टीम अपने उसूलों से समझौता नहीं करेगी।

सेमीफाइनल मुकाबले में भारत के न खेलने के बाद आयोजकों की ओर से भी एक अहम बयान सामने आया। आयोजकों ने कहा कि वे भारतीय टीम के फैसले का सम्मान करते हैं और साथ ही पाकिस्तान की तैयारियों की भी सराहना करते हैं। हालाँकि,आयोजकों ने यह भी जोड़ा कि वे खेल को हमेशा दुनिया में सकारात्मक बदलाव लाने की शक्ति मानते रहे हैं,लेकिन जब जनभावनाएँ आहत होती हैं,तो उनका सम्मान सर्वोपरि हो जाता है। इसी के चलते पहला सेमीफाइनल मुकाबला रद्द कर दिया गया है और पाकिस्तान की टीम को वॉकओवर देकर फाइनल में भेज दिया गया है।

इस घटनाक्रम ने क्रिकेट जगत में दो स्पष्ट संदेश दिए हैं। पहला,कि भारतीय टीम अब सिर्फ खेल नहीं बल्कि उसकी गरिमा और देश के आत्मसम्मान के साथ जुड़े मुद्दों पर भी मुखर होकर खड़ी है और दूसरा,कि यदि कोई भी टीम या खिलाड़ी राजनीतिक बयानबाज़ी के ज़रिए खेल के वातावरण को दूषित करता है,तो उसे उसी के मंच पर जवाब मिलेगा। अफरीदी का यह बयान इस समय सोशल मीडिया और खेल जगत में आलोचना का विषय बना हुआ है और कई पूर्व खिलाड़ियों ने इसे अनुचित करार दिया है।

डब्ल्यूसीएल 2025 अब अपने अंतिम चरण में है,लेकिन इस टूर्नामेंट में भारत के इस निर्णय ने लीग के इतिहास में एक मजबूत राजनीतिक और नैतिक संदेश छोड़ दिया है। क्रिकेट के मैदान पर जब देश का सम्मान दांव पर हो,तो कभी-कभी बल्ले और गेंद से नहीं,बल्कि खामोशी और दृढ़ता से भी जवाब दिया जाता है और यही भारत के चैंपियंस ने करके दिखाया।